सफेद साड़ी :- एक विधवा की कहानी

😢 सफेद साड़ी :- एक विधवा की कहानी 😢

उजड़ गई मांग उसकी,
सूनी हो गई उसकी कलाई,
कल ही ब्याह कर आई थी जो,
आज बनन गई विधवा वो….
बिखर गए उसके सपने,
टूट गए हर ख्वाब है,
शायद उसकी जिंदगी के,
बुझ गए हर चिराग है…..
पाया था जिसने आशीर्वाद सदा सुहागन का,
शायद ये आशीर्वाद ही दे गया खिताब उसको अभागन का….
कल तक लाल जोड़ा पहना था जिसने,
आज साड़ी सफेद हो गई,
शायद उसकी किस्मत दो पल जागकर,
उससे रूठ कर सो गई….
कैसी विडंबना हैं, कैसी विपत्ति हैं,
कल तक जो आंखों का तारा थी,
आज कैसे वो कुलच्छनी बन गई….
क्या उसका कसूर था, क्या उसकी ख़ता थी,
शायद उसकी ये खुशियां खुदा को भी मंज़ूर ना थी…..
कल ही आई थी वो बैठ कर डोली में,
आज मेहंदी भी सूख ना पाई थी,
ना जाने कैसी ये उस घर से विदाई थी….
टूटा था पहाड़ उस पर, दुखों का सैलाब आया था,
कल तक जिसने शादी का जोड़ा पहना,
आज सफेद साड़ी ही उसका पहनावा था……!

ना जाने क्यों आज भी हमारे देश मे औरत के विधवा होने पर कुलच्छनी, अभागन जैसे खिताब दिए जाते हैं…..
किसी की ज़िंदगी या मौत किसी औरत के हाथ मे नहीं हैं…..!
हमे भी इस बात को समझना चाहिए…..
चाहे वो नवविवाहिता हो या बुज़ुर्ग सुहागन, विधवा होने पर दोनों के दिल मे बहुत दर्द होता हैं…..!

इल्म है हमें तेरी बेहतरी का पर इतने बुरे हम भी नहीं ,

ठोकर तुमने भी खाई है
पहचान कर के देखो
हम फरेबी तो नहीं ।

ये जानता हूं
रिश्ता बनाना आसान नहीं
पर राब्ता रख कर भी ना रखना
ठीक बात तो नहीं ।

कोशिश जितने हमने की है
ज़रा सोच कर देखना
एहसास हमारी तकलीफों का
होता है कि नहीं ।

मालूम है दिल में जगह देना
उतना आसान तो नहीं
पर किसी को अपनी खातिर बदलना
उसके साथ इंसाफ तो नहीं ।

इल्म है हमें तेरी बेहतरी का पर इतने बुरे हम भी नहीं ,

हमे प्रतिलिपी पे भी पढ़ सकते है

तेरा प्यार ( Yu badal jana )

ये कहानी मैने 2 साल पहले लिखी थी , असल में ये कोई कहानी नहीं है . ये कुछ यादे है . जो एक खास दिन मेरे साथ घटी थी . जब मैं किसी के साथ प्यार में था . जब उसने मेरे लिए पहली बार करवा चौथ का व्रत रखा था . मुझे याद है मैने ये लाइन उसके याद में लिखी थी . ताकी उस दिन को मैं हमेशा अपने साथ रख सकु. ये यादे मेरे लिए बहुत खास है , और शायद ही मैं इन्हे कभी भुल पाऊ . ये कोई कबिता , शायरी , या न्जम नहीं है . शायद ये लोगो को कोई जोक लगे . पर ये लाइन मेरे दिल को बहुत आजीज है. मैं जब भी इनको पड़ता हु , एक अलग ही अहसाश होता है . मुझे ऐसा lgta है. जैसे फिर से सब मेरे सामने हो रहा है. और मैं चुप चाप बैठा देख रहा हु. इनको पढते वक्त मेरे आँखो में आसु और चहरे pr मुस्कां अा जाती है. ये अजीब सी फीलिंग है. जो मैं शब्दों में बायां नहीं कर सकता . पर अब मैं इन्हे आप सबको बातना चाहता हु. ताकी मेरी ज़िन्दगी का आखरी वक्त हो मरने से पहले एक बार किसी से पढवा कर , सून कर उस दिन को एक बार फिर से जीना चाहता हु..

कहानी .
बात ज्यादा पुरानी नहीं है.. साल – 2015 , Date – 30 October , दिन – Friday . ( करवा चौथ का दिन )
कल करवा चौथ की रात थी. कल मेरी जान ने मेरी लम्बी उम्र की दुआ के लिए कठिन करवा चौथ का व्रत उठाया था . ये सून कर मेरा दिल ख़ुशी से भर आया था. आज मैने उससे कहा मेरी जान मेरी लम्बी उम्र तेरी सेहत से ज्यादा ज़रूरी नहीं है . तो उसने कहा ज्यादा बकवास मत कर , कल का दिन भुखे प्यासे बड़ी मुश्किल से बिताया था . कल रात उसने मुझसे कहा जानु व्रत खोलने का कोई तारिका तो bta दो . मैने kha मैं क्या करू मेरी जान तू रहती इतनी दूर है. मैं कैसे अौ तेरे पास तू ही समझा दे. उसने मुझसे kha जानु मैं तुम्हे बिना देखे व्रत नहीं खोल सकती , ये रीवाज है इस व्रत का .. तुम समझो मेरी मजबूरी को , मैं इससे पाक रिवाज को नहीं तोर सकती . मैने कहा खाना कहा लो मेरी जान, मेरा भी भुख से bura हाल है , मैने भी तेरे लिए पूरे दिन से भुखा प्यासा हु .
आज खेलने गया था मैं Cricket मैच , भुख के मारे मेरे हाथ भी नहीं उठ रहा था. बस कुछ ही बौल मारी थी. किसी तरह दोस्तों से बहुत तेज सर दर्द का बहाना बना कर घर आया था. मैने तेरे लिए व्रत रखा है, ये शर्म के मारे उन्हे bta भी नहीं सकता था.

मैने कहा तु चिंता न कर मेरी जान , मैं अभी Latest Photo Facebook पे Upload करता हु. उसे देख कर अपना व्रत खोल ले. मैं तुमसे तहे दिल से फरियाद करता हु..
उसने कहा ठीक है. जल्दी कर मैं Photo Upload होने का इंतेजार कर रही हु. तब तक सून लो मेरे जानु मैं तुमसे बहुत प्यार करती हु. अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हु..

मैने photo upload कर दी. उसने फोटो देख कर अपना व्रत खोल लिया , व्रत खोलने की खबर सून कर मैने नहीं एक ग्लास पानी पी लिया .
उसने मुझसे कहा , कहा निकल लिए ज़नाब कोई Gift तो दिया ही नहीं. मैने कहा जान मैं तुम्हे फुल ही दे सकता हु. इस समय मेरे पास पैसे की बहुत कमी है. मैने कहा मेरे साथ आपके ज़िन्दगी में अंधेरे ही अंधेरे है. जबकी तुम्हारे पास पेहले से ही रोशनी है.. उसने मुझसे कहा जानु ये फुल नहीं हमारे मोहब्बत की चिराग है . और रहा सवाल पैसे का तो तेरा साथ hi मेरे लिए काफी है. अब और कुछ मत कहना . बस तु मेरे हो..
मैने कहा कसम खाता हु मैं आज अपने मोहब्बत की मैं तेरे काबिल खुद को बनाऊंगा .
I Love You .. Meri Jaan..

ये कहानी थी 2015 की .. वक्त के साथ बहुत कुछ बदले ज़िनहे न बादलना चाहिए ओ भी बदले , क्यु बदले पता नहीं .

फिर एक Time आया 22 February – 2016 din – Monday .
और फिर ओ प्यारी बाते सिर्फ बाते रह गई . इस दिन के बाद मेरी जान का मैं जानु अब जानु न रहा . इस दिन क्या हुआ ओ तो मैं नहीं बता सकता .. बस इतना कहूँगा मेरी जान ने इस दिन ही मुझे आखरी प्यार भरा Call किया था . कुछ बाते हुई थी.. उनके साथ जो हमे ओ बाताना नहीं चाहती थी…
और फिर आखरी शब्द ,

I Love You. Jaanu.
मैं तुमसे हमेशा प्यार करती हु. और करती रहुंगी चाहे मैं jha भी रहु .

और मैं चुप चाप शुनता रहा. . मैं उन्हे ठीक से I Love You To Jaan भी न बोल पाया ..

और बस यही है..

Nilesh

mai bhi jala tha.. unke Sang

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Mai Bhi utna hi jala tha. ( Hindi shayri )

मैं भी उतना ही जला था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर फिर भी वो जाते-जाते मुझ पर ……… खुदगर्ज़ी की तोहमत लगा गयी ।

मैं भी उतना ही तड़पा था उसके संग …… जितना कि वो ,
और वो मुझे उस तड़प की ……. कोई और वजह बता गयी।

यूँ तो उसने और मैंने कसमें खाई थीं ………. साथ चलने की ,
जिसमे ना कोई वादे थे और ना कोई रस्में …… साथ जीने-मरने की ।

मैं भी उतना ही संभला था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर वो मेहरबाँ मुझे मेरे बहने की ……… एक नई वजह बता गयी ।

साथ उसका और मेरा कुछ पलों का ही सही ……… तो क्या ,
हर उस साथ में मैंने अपने फ़लसफ़े का ………. इनाम पाया था ।

मैं भी उतना ही गिरा था उसके संग …… जितना कि वो ,
और वो हर बार मेरे गिरने पर ……. अपनी जीत का जश्न मना गयी ।

अफसानों को बनते हुए कई साल लग गए ………. ओ साथी ,
मगर हर साल मेरे हर एक अंग का …… वो भरपूर लुफ्त उठा गयी ।

मैं भी उतना ही छिपा रहा था उस लुत्फ़ से …… जितना कि वो ,
मगर वो मुझे उस लुत्फ़ के मयकदे का ……… एक साक़ी बना गयी ।

जवाँ वो भी थी , जवाँ मैं भी था ……… मगर उस जवानी की कसक कुछ और थी ,
इसीलिए वो मेरी जवानी पर अपनी तड़प लुटा ………. मुझे और ज्यादा जवाँ बना गयी ।

मैं भी उतना ही लुटा था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर वो मेरे लुटने पर ……. मज़े लेने का एक नया विशेषण लगा गयी ।

दिल~ए ~ बर्बादी का नया शौक़ ………. मैंने पाल कर कुछ गुनाह ना किया ,
वो हर बार मेरे बर्बाद दिल को …… आबाद करके कसम निभा गयी ।

मैं भी उतना ही जगी थी उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर वो हर बार मेरे जगने पर ……. एक हवस का तमगा लगा गयी ।

मैं भी उतना ही जला था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर फिर भी वो जाते-जाते मुझ पर ……… खुदगर्ज़ी की तोहमत लगा गयी ।

Top Sher of Mirza Ghalib | Mirza Ghalib Shayari Collection ( Hindi )

1.आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक.

2.हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है.!

3.हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

4.मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

5.न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता
डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता.

6.रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है.!

7.उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है.!

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8.बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मिरे आगे.!

9.बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना.!

10.दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ
मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ .!

11.हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ‘ग़ालिब’ का है अंदाज़-ए-बयाँ और

12.इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना

13.ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता

Nilesh

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Ek Year Bad Dekha Tha Unko ( Hindi Shayri )

1 year bad kal dekha tha unko sayad.
Khuda ki inayat thi.
Or To or ( pahli bar aisa hua tha ki o mere pass se Gujar gai. Or mujhe pta tak nhi chala. Phir mere ek dost ne mujhe bataya ki O yaha se abhi gai hai. )
Sayad unhone mujhe dekha hoga.. ya nhi ye confirm nhi hu.
Kyoki mai tej raftar se ja raha tha.. phir maine bike ghumaya , or back gya. Ab jo hua O suniye ,
Pta nhi kyu O bhi thore dur aage Jakar lout gai. O mujhe dekh kar lauti ya kuchh or wjh se pta nhi.
But unka Lout ke aana mujhe tirchhi Nazar se dekhna.. or mera unse nazar milana..
Meri Eid to usi wakt ho gai..
Kya Lg rhi thi. O
Jaise ki.

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तुम्हारी खूबसूरती की दिन रात तारीफ करता हूँ में….
तुम्हारी तस्वीर लेकर यूँ ही हमेशा देखा करता हूँ में..
क्या करू में..इतनी खूबसूरत जो हो तुम…
जन्नत से आई कोई परी हो तुम…!!!

तुम्हारी ये नशीली आँखें…और उनमे वो गहरे काजल..
उन्हे और भी खूबसूरत बनाती है..
उनमे और भी नशा जगाती है..!!

तुम्हारी ये प्यारे होंठ…और उनमे वो गुलाबी रंग….
छूने को मन करता है..
उनसे बातें करने को दिल करता है..

तुम्हारी ये घने घने ज़ूलफे…और उनमे वो रेशम सा रंग…
उनमे खो जाने को दिल करता है….उसमे सिमट जाने को दिल करता है..!!!

इतनी खूबसूरत हो तुम….औरो से बिल्कुल अलग हो तुम….आँखों की जन्नत हो तुम…
जन्नत से आई कोई पारी हो तुम..

Nilesh

Motivational Quotes

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True Lines Aajkal.. Ke Bare Main

True Lines Aajkal.. Ke Bare Main

कोई टोपी तो कोई अपनी पगड़ी बेच देता है
मिले अगर भाव अच्छा, जज भी कुर्सी बेच देता है,

जला दी जाती है ससुराल में अक्सर वही बेटी
के जिस बेटी की खातिर बाप किडनी बेच देता है,

कोई मासूम लड़की प्यार में कुर्बान है जिस पर
बनाकर वीडियो उसका, वो प्रेमी बेच देता है,

ये कलयुग है, कोई भी चीज़ नामुमकिन नहीं इसमें
कली, फल फूल, पेड़ पौधे सब माली बेच देता है,

किसी ने प्यार में दिल हारा तो क्यूँ हैरत है लोगों को
युद्धिष्ठिर तो जुए में अपनी पत्नी बेच देता है….!
#Nilesh

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