वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको (Nasser Turabi )

वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको
नजर ना आए तो उसकी तलाश में रहना
कहीं मिले तो पलट कर ना देखना उसको
वो सादा खून था जमाने के खम समझता क्या
हवा के साथ चला, ले उड़ी हवा उसको
वो अपने बारे में कितना है खुशगुमा देखो
जब उसको मैं भी ना देखूं तो देखना उसको
वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको।
Naseer Turabi

वो ज़िस्म का भुखा मोहब्बत के लिबास में मिला था .!

वो ज़िस्म का भुखा मोहब्बत के लिबास में मिला था,
पहचानती कैसे उसे चेहरे पर चेहरा लगा कर मिला था .!

क्या पता था दर्द उम्र भर का देगा
वो दरिंदा बड़ा मासुम बन कर मिला था

पहली मुलाकत पर ही दिल में उतार गया था
वो मुझे पूरी तय़ारी के साथ मिला था

देखते देखते वो मेरा हमराज बन गया
कि हर दफा मुझे वो यकीन बन कर मिला था

माँ बाप से छुप कर उसको मिलने लगी थी
वो मुझे मेरा इश्क जो बन कर मिला था

हल्की सी मुस्कान लेकर वो मुझे छूता रहता था
वो हवसी मेरी हवस को जगाने की कोशिश करता था

वक़्त के साथ उसके इश्क का नशा मेरे सिर चढ़ने लगा था
मेरा भी ज़िस्म उसके ज़िस्म से मिलने को तरसने लगा था

मुझे इश्क के नशे में देख उसने मेरे ज़िस्म से वस्त्र को अलग किया था
जिस काम की वो तलाश में था उसे वो काम करने का मोका मिला था

टूट पडा था वो मुझ पर, हवस में दर्द की सारी हद पार कर गया था
उस रात वो पहली बार मुझे चेहरा उतार कर अपने आसली रंग में मिला था

हवस मिटा कर अपनी उसने मुझे जमीन पर गिराया था
दिल की रानी कहता था जो उसने तवायफ कह बुलाया था

मोहब्बत उसे थी ही नहीं ज़िस्म को पाने के लिए उसने नाटक किया था
मेरे प्यार मेरी मासूमियत के साथ खेल खेला था

फिर मुझे छोड कर पता नहीं कहा चला गया
मोहब्बत की आड़ में शायद किसी ओर को तवायफ बनाने गया था

कितना वक़्त गुजर गया जख्म रूह के अब भी हरे है
सोचती हु मोहब्बत के राह में क्यों इतने धोखे है
हर मोड़ पर क्यों खडे जिस्मो के आशिक है

खुद को किसी पर सोपने से पहले
थोड़ा सोच लेना…
कही वो शिकारी जिस्मो का तो नहीं
तुम थोड़ी जाच कर लेना

अब कभी खुद को तो कभी मोहब्बत तो कभी उसको कोशती रहती हु
हे किस्मत मेरे साथ तेरा क्या गिला था,
वो आखरी वार मुझे बिस्तर पर मिला था.!

#Nilesh

Aaj phir 1 Cigarette Jala Rha Hu.

Aaj phir 1 Cigarette Jala Rha Hu.

Phir 1 cigarette jalaa raha hun
Phir 1 teeli bujha raha hun
Uski nazar me ye 1 gunaah hai
Main toh uske vaade bhula raha hun
Samjhna mt isko meri aadat
Main toh bs dhuaan udaa raha hun
Ye uski yaadon ke silsile hain
Main uski yaaden jalaa raha hun
Main pee kar itna behek chuka hun
K ghum ke kisse suna raha hun
Main pee raha hun aur pilaa raha hun
Hain meri aankhen toh aaj nam
Magar main sabko hansaa raha hun
Kho kar apni zindagi main
Apne beintehaa pyar ko bhula raha hun
1 cigarette ki shama ke bahaane se
Main apne aap ko jalaa raha hun
Aaj phir 1 cigarette jalaa raha hun….

STATUTORY WARNING: SMOKING IS INJURIOUS TO HEALTH.

💔#Nilesh💔

Bahut yaad aata hai , o garmi ki shame. ( Hindi Shayari)

Bahut yaad aata hai , o garmi ki shame.
Tera o Apne Chhat pe Aake baithna Or mera kahi dur se per ke pichhe se tujhe chhup kar dekhna.
Bahut Yaad aata hai .

Ab to bahut Din ho gye , tere ghar ke trf gye huye -2
Or kya Batau Sanam Ab to khuda bhi chahta hai ki mai tujhe n dekhu…..
Kyonki
Mujhe chhod mere , mere sab Dost ko dikhti ho tum.
Jab se Suna hai , maine tum Yaha Aai hui ho,tab se Sachi……..
(idhar thora Busy to rhta hu ) par phir bhi Har Sham tere ghar ke aage wale Chowk pe tera intezar karta hu. { sayad hi kahi Dikh jao )
Khair Chhodo.
Ab to Shayad tum mujhe bhul hi gai hogi.
Par Mai aaj bhi tujhe bahut yaad karta hu..
Miss You… Jaan 😍😘😫

Ye sab Chhodiye Aap suniye ek Shayri.

लोग जिसे शायरी या मजाक समझ रहे हैं…??
मेरे हर लफ़्ज में…..मेरी इक कहानी है…!!

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Friend and Love ke Bich

Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga, ( Long Shayri )

Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Tere kushi k liye duniya se lad jaunga,
Jis raaste ki tu manzil no ho us raste ko mood jayunga,
Jo faisla na ho tere haq mein usse aaj mein tod jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Teri aankon mein agar dikhe kabhi aansu to,
Un aansun ko aankhon mein aapni bhar k door tujse mein kar jayunga,
Teri raah mein aaye agar kaante to,
Unhe aapne daaman mein samet kar teri raah foolon se bhar jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Tujhe pasand na aaya gar mera yah payar to,
Ek khwaab ki tarah teri zindagi se mein chala jaunga,
Tujhe yaad aaye ya na aaye meri sanam,
Par yeh bhi mumkin nahin k mein tujhe bhul jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Zarurat padi payar mein agar qurbaani ki to,
Yeh shart bhi tujse pehle mein poori kar jayunga,
Is qadar chahat hai teri ki agar tu maang le mujse jaan bhi,
To haste haste yeh jaan bhi mere sanam tere naam kar jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga.

#Nilesh

My Love And My Friend ( Hindi Story )

कुछ दोस्त मेरे, मुझे बोलते हैं , ओ तुम्हें भुल गयी । तुम भी उसे भुल जाओ ।
But
मेरा दिल अभी तक मानने को Ready ही नहीं होता ।
होगा भी कैसे ओ ये जानता है , की ओ तुमपे विस्वास करती है , तब ही तो अभी तक तुम्हें Call नहीं की ओ भी ये जानते हुए कि मुझे गुस्सा आने पर , और बहुत बात जो मै नहीं लिख सकता ‌।
खैर मैं ये तो जानता था ।
But [ आज मेरा Favorite Friend ( मेरा जान ओ जिगर ) ऐसा कोई दिन नहीं होता जब मैं इससे लरता नहीं , पर एसा भी दिन नहीं होता जब मैं उससे बात किये बिना रह पाऊ ‌। ]
💓 Friend Name – Vinay 💓
पर इसने मुझसे कहा Nilesh Kumar ओ तुम्हें भुल नहीं सकती । और पहले की तरह आज भी तुमपे उतना ही विस्वास करती है , जितना पहले करती थी ।
क्योंकि ,, छोडिये वो बातो को ।
Ek Shayri Suniye.
( Kar Aitbar tu uspe aisa Nilesh kabhi Galti se Hi mil jaye O kahi..
To Use ye n kahana pre.. yaar tum badal gye ho. )

#Nilesh.

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता

चले ।

Toh Pata Chale Jai Ojha
जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले
सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले
यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,
लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,
वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,
अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,
जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको
तो पता चले,
और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,
तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,
लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,
तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,
अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,
तो पता चले,
और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,
लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,
घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,
लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,
कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,
हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,
लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,
जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,
उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,
लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,
अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,
किसी को छोड़ देना,
जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

#Nilesh

Respect Women ( Women’s Day Special )

किसने लिखी है पता नहीं मुझे
लेकिन एक मर्द को दर्द का एहसास कराने वाली इस लेखनी को सलाम है मेरा 👇👇
आज मेरी माहवारी का
दूसरा दिन है।
पैरों में चलने की ताक़त नहीं है,
जांघों में जैसे पत्थर की सिल भरी है।
पेट की अंतड़ियां
दर्द से खिंची हुई हैं।
इस दर्द से उठती रूलाई
जबड़ों की सख़्ती में भिंची हुई है।
कल जब मैं उस दुकान में
‘व्हीस्पर’ पैड का नाम ले फुसफुसाई थी,
सारे लोगों की जमी हुई नजरों के बीच,
दुकानदार ने काली थैली में लपेट
मुझे ‘वो’ चीज लगभग छिपाते हुए पकड़ाई थी।
आज तो पूरा बदन ही
दर्द से ऐंठा जाता है।
ऑफिस में कुर्सी पर देर तलक भी
बैठा नहीं जाता है।
क्या करूं कि हर महीने के
इस पांच दिवसीय झंझट में,
छुट्टी ले के भी तो
लेटा नहीं जाता है।
मेरा सहयोगी कनखियों से मुझे देख,
बार-बार मुस्कुराता है,
बात करता है दूसरों से,
पर घुमा-फिरा के मुझे ही
निशाना बनाता है।
मैं अपने काम में दक्ष हूं।
पर कल से दर्द की वजह से पस्त हूं।
अचानक मेरा बॉस मुझे केबिन में बुलवाता हैै,
कल के अधूरे काम पर डांट पिलाता है।
काम में चुस्ती बरतने का
देते हुए सुझाव,
मेरे पच्चीस दिनों का लगातार
ओवरटाइम भूल जाता है।
अचानक उसकी निगाह,
मेरे चेहरे के पीलेपन, थकान
और शरीर की सुस्ती-कमजोरी पर जाती है,
और मेरी स्थिति शायद उसे
व्हीसपर के देखे किसी ऐड की याद दिलाती है।
अपने स्वर की सख्ती को अस्सी प्रतिशत दबाकर,
कहता है, ‘‘काम को कर लेना,
दो-चार दिन में दिल लगाकर।’’
केबिन के बाहर जाते
मेरे मन में तेजी से असहजता की
एक लहर उमड़ आई थी।
नहीं, यह चिंता नहीं थी
पीछे कुर्ते पर कोई ‘धब्बा’
उभर आने की।
यहां राहत थी
अस्सी रुपये में खरीदे आठ पैड से
‘हैव ए हैप्पी पीरियड’ जुटाने की।
मैं असहज थी क्योंकि
मेरी पीठ पर अब तक, उसकी निगाहें गढ़ी थीं,
और कानों में हल्की-सी
खिलखिलाहट पड़ी थी
‘‘इन औरतों का बराबरी का
झंडा नहीं झुकता है
जबकि हर महीने
अपना शरीर ही नहीं संभलता है।
शुक्र है हम मर्द इनके
ये ‘नाज-नखरे’ सह लेते हैं
और हंसकर इन औरतों को
बराबरी करने के मौके देते हैं।’’
ओ पुरुषो!
मैं क्या करूं
तुम्हारी इस सोच पर,
कैसे हैरानी ना जताऊं?
और ना ही समझ पाती हूं
कि कैसे तुम्हें समझाऊं!
मैं आज जो रक्त-मांस
सेनेटरी नैपकिन या नालियों में बहाती हूं,
उसी मांस-लोथड़े से कभी वक्त आने पर,
तुम्हारे वजूद के लिए,
‘कच्चा माल’ जुटाती हूं।
और इसी माहवारी के दर्द से
मैं वो अभ्यास पाती हूं,
जब अपनी जान पर खेल
तुम्हें दुनिया में लाती हूं।
इसलिए अरे ओ मर्दो!
ना हंसो मुझ पर कि जब मैं
इस दर्द से छटपटाती हूं,
क्योंकि इसी माहवारी की बदौलत मैं तुम्हें
‘भ्रूण’ से इंसान बनाती हूं।।

#Nilesh

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले

सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले

यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,

लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,

वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,

अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,

जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको

तो पता चले,

और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,

तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,

लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,

तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,

अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,

तो पता चले,

और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,

लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,

घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,

लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,

कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,

हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,

लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,

जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,

उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,

लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,

अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,

किसी को छोड़ देना,

जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।