Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga, ( Long Shayri )

Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Tere kushi k liye duniya se lad jaunga,
Jis raaste ki tu manzil no ho us raste ko mood jayunga,
Jo faisla na ho tere haq mein usse aaj mein tod jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Teri aankon mein agar dikhe kabhi aansu to,
Un aansun ko aankhon mein aapni bhar k door tujse mein kar jayunga,
Teri raah mein aaye agar kaante to,
Unhe aapne daaman mein samet kar teri raah foolon se bhar jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Tujhe pasand na aaya gar mera yah payar to,
Ek khwaab ki tarah teri zindagi se mein chala jaunga,
Tujhe yaad aaye ya na aaye meri sanam,
Par yeh bhi mumkin nahin k mein tujhe bhul jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Zarurat padi payar mein agar qurbaani ki to,
Yeh shart bhi tujse pehle mein poori kar jayunga,
Is qadar chahat hai teri ki agar tu maang le mujse jaan bhi,
To haste haste yeh jaan bhi mere sanam tere naam kar jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga.

#Nilesh

My Love And My Friend ( Hindi Story )

कुछ दोस्त मेरे, मुझे बोलते हैं , ओ तुम्हें भुल गयी । तुम भी उसे भुल जाओ ।
But
मेरा दिल अभी तक मानने को Ready ही नहीं होता ।
होगा भी कैसे ओ ये जानता है , की ओ तुमपे विस्वास करती है , तब ही तो अभी तक तुम्हें Call नहीं की ओ भी ये जानते हुए कि मुझे गुस्सा आने पर , और बहुत बात जो मै नहीं लिख सकता ‌।
खैर मैं ये तो जानता था ।
But [ आज मेरा Favorite Friend ( मेरा जान ओ जिगर ) ऐसा कोई दिन नहीं होता जब मैं इससे लरता नहीं , पर एसा भी दिन नहीं होता जब मैं उससे बात किये बिना रह पाऊ ‌। ]
💓 Friend Name – Vinay 💓
पर इसने मुझसे कहा Nilesh Kumar ओ तुम्हें भुल नहीं सकती । और पहले की तरह आज भी तुमपे उतना ही विस्वास करती है , जितना पहले करती थी ।
क्योंकि ,, छोडिये वो बातो को ।
Ek Shayri Suniye.
( Kar Aitbar tu uspe aisa Nilesh kabhi Galti se Hi mil jaye O kahi..
To Use ye n kahana pre.. yaar tum badal gye ho. )

#Nilesh.

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता

चले ।

Toh Pata Chale Jai Ojha
जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले
सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले
यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,
लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,
वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,
अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,
जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको
तो पता चले,
और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,
तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,
लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,
तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,
अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,
तो पता चले,
और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,
लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,
घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,
लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,
कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,
हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,
लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,
जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,
उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,
लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,
अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,
किसी को छोड़ देना,
जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

#Nilesh

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले

सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले

यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,

लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,

वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,

अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,

जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको

तो पता चले,

और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,

तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,

लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,

तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,

अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,

तो पता चले,

और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,

लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,

घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,

लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,

कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,

हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,

लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,

जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,

उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,

लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,

अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,

किसी को छोड़ देना,

जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था. Hindi shayari

गली-ए-यार से गुजरे जो एक रोज़ हम यूँ ही,
तो उनकी खिड़की पर कोई नज़रें गढ़ाए बैठा था,
गुज़र ही चुका था आखिर दौर-ए-मलकियत अपना तो,
अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था।

-Nilesh

1.Kisi Se Rooth Kar Darwaza Bhale
Band Kar Lijiye
Par Ek Khidki Jarur Khuli Rakhiye
Gunjaish Ki Ummidon Ki…!!

2.Nahi Chhodi Kami Maine Kisi Bhi
Rishte Ko Nibhane Me
Aane Wale Ko Dil Ka Rasta Bhi Diya
Jaane Wale Ko Khuda Ka Wasta Bhi Diya…!!

3.Khatam Kar Di Thi Zindagi Ki Har
Khusiyan Tum Par
Kabhi Fursat Mile To Sochna Ki
Mohabbat Kis Ne Ki Thi…!

4.Tumhare Ghar Ka Pata Nahi Hai,
To Poochne Me Jhijhak Rahi Hai,
Wo Ek Kamjor Dil Ki Ladki,
Sadak Pe Tanha Bhatak Rahi Hai.

5.Ye Na Samjho Ki Daleele Kam Thi Meri Begunahi Ki,
Mohabbat Katghere Me Thi To Chup Rehna Munasib Tha.

#Nilesh

Motivational Hindi Shayri By Aman Chaurasia

Aman1.जब समय खराब चल रहा हो ना
तब गूंगे भी बोलने लगते है…

2.आजकल हर कोई अपना बनता है पर सिर्फ बातों से…

3.किसी को इतना भी दुख ना दे
की वो भगवान के सामने
आपका नाम लेते हुए
रोने लगे.

4.अच्छे दिन तो तब आयेँगे जब लोग…
मिठाई खिलाते हुए कहेँगे हमारे घर बेटी हुई है..!!
🙏🙏🙏

5.“जो होता है अच्छे के लिए होता है”
ये लाइन मजह एक आध्यात्मिक बात ही है।

6.रिश्तों की खूबसूरती एक दूसरे की बात बर्दाश्त करने में है
खुद जैसा इंसान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे●

7.मेरी ना सही मेरी सलिखे को तो दाद दे …
तेरा ही जिक्र करता हु बगैर तेरे नाम का..❣

8.दुआएँ जमा करने में लग जाओ साहब…
खबर पक्की है
“दौलत और शोहरत” साथ नहीं जायेंगे…

9.किसी की पसंद बनना जरूरी तो नही..
पर किसी को पसंद करना ये आपके दिल पर है..

10.देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में,
ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते…! !

#Aman

Jai ojha hindi Shayri lyrics Ab Fark Nahi Padta Part – 2

(Suno Jaan)
Ab Fark Nahi Padta Part – 2

बात ऐसी है की इश्क तो जरूर होता है,

लेकिन इश्क में कटता भी सबका है।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक़्त था जब तुझसे बेइंतिहा प्यार करता था,

अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आये फर्क नहीं पड़ता।

अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आये फर्क नहीं पड़ता,

एक वक़्त था जब तेरी परवाह करता था।

अब तू मेरी खातिर फ़ना भी हो जाये फर्क नही पड़ता,

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

अब क्या है social media का जमाना है और social media की relievence,

आज कल के प्यार-मोहब्बत में बहुत ज्यादा है।

तो उसे आज की जो 21 वी सदी की जो शेरो शायरी है उसमे दर्ज करना बेहद जरूरी है,

की एक वक़्त था जब तेरी id के नजाने कितने चक्कर लगाता था।

actually होता ऐसे है की ब्रेकअप के बाद कुछ भी पोस्ट डालती है,

तो हमें ऐसा लगता है वो हमारे ऊपर है even ये होता है कि-

जिसका दूर दूर तक कोई रिश्ता नही होता हम मतलब निकाल लेते है।

even वो कुत्ते की भी फोटो लगाती है तो हमें ऐसा लगता है हमारे उपर है यार,

कुत्ते की फोटो में तो जरुर लगता है।

एक वक़्त था जब तेरी id के नजाने कितने चक्कर लगाता था,

तेरी हर पोस्ट तेरे हर status के मायने निकला करता था।

एक वक्त था जब तेरी id के न जाने कितने चक्कर लगाता था,

तेरे हर पोस्ट के हर status के मायने निकाला करता था लेकिन

अब सुन ले , अब सुन ले

जब तूने मुसलसल खेला है Block और Unblock का खेल मेरे साथ,

जब तूने मुसलसल खेला है Block और Unblock का खेल मेरे साथ,

जा मेरी id ता जिन्दगी तेरी Blocklist में रख ले, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

जा मेरी id ता जिन्दगी तेरी Blocklist में रख ले, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता

याद कर वो वक्त जब तेरी Dp देखकर ही ,

मेरे धडकने तेज हो जाया करती थी !

याद कर वो वक्त जब तेरी Dp देखकर ही ,

मेरे धडकने तेज हो जाया करती थी !

और अब तू किसी रह गुजर पे बिलकुल करीब से गुजर जाये तो फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक़्त था जब तुझे तकलीफ में देखकर आँखे मेरी भर आया करती थी।

तुझे जो कोई खरोच भी आ जाये तो मेरी साँस अटक जाया करती थी।

तुझे जो कोई खरोच भी आ जाये तो मेरी साँस अटक जाया करती थी।

लेकिन अब सुनले की अब तो बेफिक्री का सुरूर है मुझपे कुछ ऐसा, कि कम्बख्त तेरी सांसे भी थम जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

हाँ तेरा कहना भी वाजिब है कि इसे इश्क नही कहते,

जो ये कविता सुन कर एक बेवफा को मेरी मोहब्बत पर शक हो जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।

एक वक़्त था जब तेरे तोरे इश्क की मिशाले दिया करता था।

प्यार-मोहब्बत के मायनो में बस कसमे वादे लिखा करता था।

अरे क्या कमाल हस्र किया है तूने वाफादाराने उल्फत का,

कि अब ये सारा का सारा शहर बेवफा हो जाये मुझे फर्क नही पड़ता।

हा माना की तेरी खूबसूरती मशहूर है दुनिया जहा में और इस कविता से तेरी बेवफाई के चर्चे हो जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्‍त था जब तेरी ए‍क झलक पाने को तरसजाया करता था,

तू जिस कोने से नजर आती है मै वहीं बस ठहर जाया करता था,

अरे बिठा रखा था जो मुद्दतों से इन पलको पे मैने,

उसूलों से तो गिर गयी है अब नजरों से गिर जाये तो फर्क नहीं पड़ता।

बदसीरत हो गर तो फजूल है ये खूबसूरती तुम्‍हारी,

फिर भले खुदा तुम्‍हें हसी चेहरे बख्‍श जाये तो फर्क नहीं पड़ता।

एक वक्‍त था जब तुझे शहरों-शाम बैठकर मनाया करता था।

गुस्‍ताखियाँ तेरी हुआ करती थी और दरख्वास्‍ते मैं किया करता था।

तेरे उस बेवजह रूठने को मनाया है न जाने कितनी दफा,

कि भले ही पूरी की पूरी कायनात खफा हो जाये मुझे फर्क नही पड़ता।

अरे जो मेरी न हो सकी वो उसकी क्‍या होगी,

अब भले कुछ वक्‍त के लिए किसी गैर का दिल बहल जाये तो फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्‍त था जब तेरी महक पाने को तू जहाँ से गुजरती थी।

मै वहाँ से गुजरता था जो हवा तुझे छूती है,

वो मुझे छू जायेगी इस भरोसे से चलता था।

लेकिन अब सुन ले कि अब तो सूफी हूँ की खुशबू है खुद की मेरी साँसों में,

अब तो भले तू इस हवा में भी घुल जाये तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।

कि जब से मिट्टी होना पसन्‍द आया है मुझकों जय को,

फिर भले महलो मे आशियां हो जाए तो फर्क नही पड़ता।

खैर न अब तुझसे नफरत है, न मोहब्‍बत है कोई गिला-सिकवा नही है।

न कुछ अनसुना है न अनकहा है बचा कोई सिलसिला नहीं है।

महज इन कविताओं में जिक्र बचा है तेरा और सुन ले,

कि इतना ताल्‍लुक भी मिट जाये फर्क नहीं पड़ता।

राबदा न हो बेवफाओं से तो ही बेहतर है मेरे यार सब सुन लेना,
फिर रिश्‍ता भले काफिर दिलों से हो जाये तो फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
#Nilesh

Love Shayri

1.Janam Janam Kaa Sath Haii Aajaa
Naa Jaa Re Naa Jaa Mujhe Chhod
Ke Naa Jaa
Sajde Kiye Haii Maine Raahon Me Terii
Pooja Haii Tujh Kooo Mere Yaar…!!!

2.Karni Haii Tujhse Kitni Hii Baaten
Doob Rahi Haii Merii Toot-Tii Sanse
Bujhti Nigahen Tujhe Dhoond Rahi
Haii Saamne Aajaa Ekk Baar….!!

3.Tera Deedar, Teri Fikar,
Tujhse Pyar Ki Baaten,
Taqaza Yahi Dil E Nadaan
Ka Subah Shaam Hota Hai!

4.Ek Kal Tha Dil Ne Kb Chahna Shuru
Kiya Malum Bhi Na Chala Ek
Kal Hoga Dil Ne Dekha Bhi
Na Jise Or Chahna Shuru Kar Diya.

5.Pal Kitne Bhi Guzar Lu Teri Baahon Me
Magar Har Saans Kehti Hai
Dil Abhi Bhara Nahi…!

6.Kissa Nahi Banna Hai Mujhe
Teri Mohabbat Ka
Sacchi Mohabbat Hai To Mujhe
Hissa Bana Apni Zndgi Ka…!

Ab Fark nhi parta hai ( jai Ojha ) hindi Shayri.

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तुझसे बेइंतिहा प्यार करता था ,

अब तू खुद मोहब्बत बनी चली आए तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता !

अरे एक वक्त था जब तेरी परवाह करता था ,
अब तो तू मेरी खातिर फना भी हो जाये तो मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता

एक वक्त था जब तुझे हजारो Messages लिखा करता था

और कोई काम न था मेरा ,

और कोई काम न था मेरा , दिनभर बस तेरा Last Seen देखा करता था |

अब सुन ले ,

अब सुन ले , अरसा बीत गया है Visit किये हुए तेरी Profile को ,

जा , जा अब 24 घंटे Online रह जा मुझे फ़र्क नहीं पड़ता |

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था , जब तुझसे बिछड़ जाने का डर लगा रहता था ,

और तू कहीं छोड़ न दे , इस ख्याल भर से मै सहमा सहमा सा रहता था |

लेकिन अब सुन ले , अब सुन ले

इतना जलील हुआ हूँ तेरे इश्क में

इतना जलील हुआ हूँ तेरी इन रोज रोज छोड़ने छाड़ने की आदत से ,

कि तू अब 1 क्या , सौ दफा छोड़ जाये तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था , जब तुझ बिन एक पल न रह सकता था

एक वक्त था , जब तुझ बिन एक पल न रह सकता था

बैचेन गुमशुदा था , अकेलेपन से डरता था |

बैचेन गुमशुदा था , अकेलेपन से डरता था |

लेकिन अब सुन ले कि अब तो इतना वक्त बिता चूका हूँ ,

इस अकेलेपन में ,

अरे अब तो इतना वक्त बिता चूका हूँ , इस अकेलेपन में ,

कि सुन ले, कि अब ताउम्र तनहा रहना पड़ जाये तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तुझे कोई छु लेता , तो मेरा खून खौल उठता था |

और इसलिए मै कई दफा इन हवाओ से बैर पाला करता था |

अरे अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,

अंग्रेजी में एक कहावत है –

If beauty is all You have

Then Ugly is all You are .

अगर आपके पास सिर्फ और सिर्फ उपर की ख़ूबसूरती है ,

और आपके अंदर कुछ भी नहीं है , तो आप भद्दे ही हो |

तो अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,

तो जा, जा किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जा तो ,

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

तो अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,

तो जा, जा किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जा तो ,

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |

इतना गुरुर किया तूने अपने इस मिट्टी के जिस्म पर ,

जा तेरा ये जिस्म किसी और का भी हो जाये तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तेरे लिए खुदा से मन्नते मागंता था ,

मुझे तो खुद तो कुछ चाहिए न था , सिर्फ तेरे लिए अपने उस खुदा को आजमाता था |

लेकिन अब सुन ले , अब तो मै न झुकता हूँ , न पूजता हूँ , न मानता हूँ किसी को ,

अब तो भले तो तू खुद खुदा बनी चली आये तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब शेर लिखा करता था तेरे लिए , और सुनाता था महफ़िलो में

अरे अब तो अरसे बाद लिखी है ये अधूरी सी कविता तुझ पे

तुझ पे लिखी है इसलिए अधूरी बोल रहा हूँ ………………

अरे अब तो अरसे बाद लिखी है ये अधूरी सी कविता तुझ पे

अब सुन ले कि अब आगे से कुछ भी न लिखा जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता !

एक वक्त था ……………………….

अब सुन ले कि अब आगे से कुछ भी न लिखा जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता !

बताना तुझे मिल जाए मुझ जैसा कहीं और अगर ,

जा जा तू औरों को आजमा ले तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तुझे हजारों की भीड़ में पहचान लिया करता था ,

हिजाब में होती अगर , तो आँखों से पहचान लिया करता था ,

अब तो निगाहों से ओझल किया है मैंने तुझे कुछ इस कदर ,

मोबाइल में अगर तू मेरी आवाज भी सुन रही होगी , तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

खैर फिर भी करता हूँ शुक्रिया तेरा कि ,

तेरे खोने से मैंने बहुत कुछ पा लिया है !

नज्मे , गजले , शायरियां सब मिल गयी है मुझे ,

और इन्होने तो जैसे मुझे गले से लगा लिया है !

अब तो मुझे सुनने वाले भी है ,चाहने वाले भी है , दाद देने वाले भी हैं ,

अब तो विडियो का Notification न जाये फिर भी चैनल Search करके देखने वाले भी हैं………

अब तो मुझे सुनने वाले भी है ,चाहने वाले भी है , दाद देने वाले भी हैं ,

लेकिन सुन ले अब तो इतना बैखोफ हो गया हूँ , कि ये सब भी छोड़ जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

अब तो इतना बैखोफ हो गया हूँ , कि ये सब भी छोड़ जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

अरे खुद ही मै मस्त हो गया है तेरा ये “जय” इतना

कि अब सुनने आये या न आये फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

खैर चाहता तो नहीं था , तुझे ये बेनकाब करू यूँ सबके सामने !

लेकिन सुन ले कि एक बेवफा मेरी कलम से बेइज्जत भी हो जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

याद कर वो वक्त ,

याद कर वो वक्त , जब एक लफ्ज नहीं सुन पाता था मै तेरे खिलाफ

अब देख , देख यहाँ तेरी तौहीन पर , तौहीन पर तालियाँ बज रही हैं

तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha