वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको (Nasser Turabi )

वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको
नजर ना आए तो उसकी तलाश में रहना
कहीं मिले तो पलट कर ना देखना उसको
वो सादा खून था जमाने के खम समझता क्या
हवा के साथ चला, ले उड़ी हवा उसको
वो अपने बारे में कितना है खुशगुमा देखो
जब उसको मैं भी ना देखूं तो देखना उसको
वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको।
Naseer Turabi

धड़कन

धड़कन

हमे आज भी याद है ।

जब हमे भी जब पहली बार मोहब्बत हो गई थी…
हमे लगता था , की काश हमारा प्यार फिल्म जैसा हो …..
नही तो हमारी यह दास्तान कोई कथानक हो ..
कम्बख़्त आखीर कर कथानक हमारा भी हुआ ….
और किरदार हमे भी मिला …
वह बन गयी धड़कन की शिल्पा शेट्टी ..
और हमे किरदार सुनील शेट्टी का मिल गया ।

Shayri

लाखो दिल टूटे होंगे इस बात पर…

तुम्हारी जात अलग है मेरे घर वाले नहीं मानेंगे…..

अब मुझे तुम पहले की तरह याद नही रहती| ( Happy Valentine’s day )

अब मुझे तुम पहले की तरह याद नही रहती|
ना ही याद रह गयी हैं मुझे हमारे बीच की
कभी ना ख़तम होने वाली बातें|

मैं कुछ कुछ भूलने लगा हूँ तुमको
कुछ अपनी मुफ़लिसी में,
कुछ यूँ ही मजबूरी में|

वो गाहे बगाहे तुम्हारे नाम का ज़िक्र,
जान बूझ कर निकालना,
वो जिससे की तुम्हारी कोई ख़ैरियत की
खबर मिले…
वो डायरी में लिखा तुम्हारे उपर कोई शेर
और हर गाने में तुमको तलाशने का हुनर
कुछ कुछ भूलता जा रहा हूँ मैं|

मैं सोचता हूँ तुम्हारे बारे में कभी कभी
तो बस याद आती है तुम्हारी एक धुंधली सी तस्वीर
तुम्हारी आवाज़ भी अब ठीक ठीक पहचान नही सकता|

वो जो की तुमने एक वादा लिया था —
की अब मैं भूल जाऊं तुम्हें
वो जो की मैने एक वादा किया था —
कि कभी भुला नही सकता तुम्हें
अब कुछ कुछ भूल गया हूँ उस वादे को भी |

तुम्हारा वजूद सिमट कर रह गया है,
किसी ताले लगे सूटकेस की
एक पुरानी डायरी के कुछ पन्नो में,
किसी पुराने दोस्त के तकल्लुफ में,
और मेरे नये प्यार को खुश रखने के
साज़ो सामान के राज़ में|

ना याद है ज़ुबान पे रखा हुआ तुम्हारा नंबर,
ना ही याद है तुम्हारी गली के बेवजह चक्कर|
अब नही हो पाता तारों के साथ जागना बातों बातों में |
तुम्हारी आवाज़ सुनने की अब कोई बेताबी नही रहती,
ना ही बेताब रहता है दिल किसी दुआ की मंज़ूरी में|

मैं तुमको हर रोज़ थोड़ा थोड़ा भूलता जाता हूँ,
साथ में कहीं कहीं
अपना हिस्सा भी तुम्हारे साथ
पीछे टुकड़ा टुकड़ा ही सही, पर छोड़ता जाता हूँ|

My Feeling

थम गए वो जुदाई वाले आंसू उसे खुश देखकर ,

पर दिल जल गया उसकी मांग में किसी और का सिंदूर देखकर !
😓Nilesh ✍️

Love Story.. प्रेम कहानी

आज ही मैंने इस कहानी को पढ़ा और अपने आप को रोक नहीं पाया आपलोगों के साथ बांटने में।
कहानी इस प्रकार है :-

एक लड़का एक लड़की को मन ही मन में चाहता था। कुछ समय के इंतज़ार के पश्च्यात उसने एक दिन उस लड़की को अपने मन की बात बताई कि वह उसे बहुत चाहता और प्यार करता है।
लड़की ने कोई जवाव नहीं दिया और चली गयी। उसने मन ही मन सोचा “देखू यह कैसा प्यार है मैं इसका इम्तहान लेती हूँ”

परिणामस्वरुप शुरुआत हुई उस लडके को कष्ट देने की। कभी तीखी बाते कह कर , कभी उसके साथ दुर्व्यवहार करके , तो कभी अवहेलना करके जब जैसी इच्छा हुयी उसने उसे तकलीफ़ पहुचाई फिर भी अंत में उसने देखा लड़का उसे अब भी चाहता है। तब उसने सोचा “यह लडका सच में उसे चाहता है और प्यार करता है” किन्तु इसके बाद भी अनजाने में उसके मन में अहंकार जाग उठा उसने सोचा ऐसे कितने ही लडके उसे चाहते होंगे उसके लिए पागल होगे क्या जरुरत है यह सब झमेला लेने की सिर्फ एक व्यक्ति के साथ रही तो बाकियों का मन कौन बहलायेगा?

इधर दुनिया वालो से दूर प्रेम की आग में भीतर ही भीतर जलता और कष्ट पाता वो लड़का लगभग शेष हो गया। इसके पश्च्यात बहुत दिन गुज़र गए। इस बीच उस लड़की के पास अनेको लड़को के प्रसताव आये परन्तु उसने देखा उस एक लडके के प्यार के साथ किसी की तुलना नहीं हो सकती। इसबार लड़की ने एक कागज़ पर बहुत ही सुन्दर तरीके से लिखा “कोई अगर बहुत आसानी से सच्चा प्यार पा जाये तो वो उसका सही मूल्यांकन नहीं कर सकता।तुम्हे कष्ट देकर मैंने तुम्हे यह समझाया है।अब समय आ गया है कि तुम्हे उसका फल मिले। मैं तुम्हारा आज अपने जीवन में स्वागत करती हूँ!”

लड़की उस लडके को ढूढते ढूढते उसके घर पहुंची। धक्का देते ही दरवाजा खुल गया।घर सन्नाटे और नीरव में डुबा हुआ था। आहिस्ता आहिस्ता वो आगे बढ़ी।किसी तरह की कोई शब्द नहीं। कुछ आगे जाने के पश्च्यात उसने देखा लड़का एक टेबल पर सर झुकाए बैठा है।प्यार से मुस्कुरा कर उसने लडके को पीछे से पकडा। और कुछ समझने के पहले ही लडके का निर्जीव शरीर धरती पर गिर पडा! कलाई पर जमा हुआ रक्त साफ़ बता रहा था लड़का अब नहीं रहा लड़की समझ नहीं पा रही थी वह क्या करे तभी पास में उसे एक नीला लिफाफा पड़ा दिखाई दिया। लिफाफे से एक कागज़ का टुकड़ा निकला। कागज़ पर लिखा था “कोई अगर बहुत आसानी से सच्चा प्यार पा जाये तो वोह उसका सही मूल्यांकन नहीं कर सकता।बड़ी आसानी से अपने प्यार का इज़हार कर तुम्हारे दिए हुए कष्ट से अनजाने में ही अपने आप, मैं ध्वंग्स हो गया।अब समय आ गया है कि तुम्हे उसका फल मिले।आज मैं तुमसे विदा ले रहा हूँ !

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ये तुम भी कबूल कर लो ।।।

तेरे जिस्म को देख कर ही तुमसे मोहब्बत हुई थी , कबूल करता हूं
पर तेरे सिवा आंखो को किसी पर ठहरने नहीं दिया , ये तुम भी कबूल कर लो !

जिस्म मेरा जब भी मचलता है जिस्म से मिलने को , पर सिर्फ तेरे जिस्म से , कबूल करता हूं
किसी और को तो छूने की भी हसरत नहीं रखता, ये तुम भी कबूल कर लो !

झगड़ा करता हूं , नाराज़ भी हो जाता हूं , पर तुम मना लोगी सिर्फ इसीलिए, कबूल करता हूं
किसी रोज तुम रूठती तो दिल तेरे क़दमों में रखकर माना लूंगा , ये तुम भी कबूल कर लो !

निलेश नासमझ है, थोड़ा नादान है , कबूल करता हूं
बात तेरी खुशी की हुई तो खुद को तुझसे जुदा कर जाऊंगा, ये तुम भी कबूल कर लो ।।।