Mahendra Singh Dhoni

CSK जीत गई, इसकी मुझे कोई खुशी नहीं । धोनी ने भी कुछ खास नहीं किया । इससे भी मुझे फ़र्क़ नहीं पड़ रहा ।
पर मैं फिर भी ये कहूँगा हार जीत से अलग धोनी को बस खेलते हुए देखना ही एक अलग तरह का सुकून है।
ये आदमी हार जीत से काफी आगे निकल चुका है ।
आप बस इसे देखिए ! जितने दिन ये मौजूद है, बस उन दिनों को जी लीजिये ।
#Nilesh
पिछले IPL की pic

Apna mahi

अच्छा हुआ तुम हार गए, जीतने पर लिखते तो लोग समझते कि आज ठुकठुकाने वाला खेल गया तो लोग उसके लिए लिख रहे हैं।
पहली बार तुमको बेसहारा सा महसूस किए,
वो तीन बार 2 लेने के बाद जिस तरीके से तुम हाँफ रहे थे हमको लगा कि मेरा दुनिया रुक गया है,
बगल में बैठा दोस्त बोला कि शेर सच में बूढ़ा हो गया है लेकिन उसकी अगली लाइन ये थी कि, हार फिर भी नहीं मानेगा।
हम आखिरी के 4 ओवर में किसी से कुछ नहीं बोले।
मेरे अगल-बगल चार लोग बैठे थे।
क्या बोलते?
ये कि आखरी बॉल तक हमको भरोसा होता है, जब तक मेरा माही क्रीज पर होता है।
या ये कि, हमें जीतता या हारता हुआ माही नहीं सिर्फ माही पसंद है।

आज पहली बार लगा कि क्यों तुम्हारा उम्र इतना बढ़ गया?
आज पहली बार महसूस हुआ कि मेरा माही सच में अब थक जाता है।
विकेट के बीच दौड़ने में अब उसको दिक्कत हो रही है,
वो पहले जितना फुर्तीला नहीं रहा शायद।
हां, लेकिन इससे मोहब्बत कम नहीं होती है।
जैसे तुम आखिरी तक लड़ते हो, हम आखिरी तक तुम्हारे साथ रहेंगे।
जीत और हार तो इस मोहब्बत को कम और ज्यादा कर ही नहीं सकता।
बगल में बैठा अंबुज कह रहा था कि भले ही ठुक ठुका कर खेलें, लेकिन है तो भगवान ही!
कैसे कोई नफरत कर सकता है इस इंसान से, ये हारता भी है तो शान से।

छोड़ो कोई बात नहीं,
अगले मैच में ट्राई करना,
फिट नहीं हो तो मत खेलना।
मेरे जैसा लड़का तुम्हें देख कर जिंदा है।
तुम ख्वाब हो मेरे।
मेरे लिए क्रिकेट की परिभाषा तुम ही हो।
हारने पर इसीलिए लिख रहे हैं ताकि ये एहसास बना रह सके कि हम बनावटी नहीं हैं।
छक्के मारने वाला माही सबको पसंद है,
हांफ कर, हेलमेट खोल कर, अपने सांसों को ठीक करने वाला माही सिर्फ मुझे।
जीत और हार से इतर, तुम बेहतर खेलें,
तुम जैसे खेलते हो वैसे खेलते रहना।
ये टीवी, आईपीएल, टीम, लोग, क्रिकेट सब तुम्हारे कर्जदार रहेंगे।
अंत में फिर से Swati Mishra की वो लाईन की,
“हमने लंबे बालों वाले माही से लेकर सफेद दाढ़ी वाले एम एस को देखा है”

  • प्रशांत राय

प्यार सब से नही होता

प्यार सब से नही होता, पसंद तो बहुत कोई आता है ।
बाते तो बहुतो से होती है, फ्लीइंग्स वो नही आती ।
तुम्हे अपने दिल मे नीचा दिखाने के लिए ,
मिलने की इच्छा बहुतो से होती है ।
कोई बार कोशिश भी की है,
पर उनमें भी मैं तुम्हे ही ढूंढता हु ,
और जब नही मिलती हो ,
तो फिर मिलना क्या मिलाना क्या,
सब वैसे ही रह जाता है ।
फिर शर्म सी आती है ,

पर हु तो मैं इन्शान ही न ,
फिर वो गुस्सा आता है,
तुम भी तो अब नही हो ।
फिर
सब ठीक हो जाता है

NILESH

वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको (Nasser Turabi )

वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको
नजर ना आए तो उसकी तलाश में रहना
कहीं मिले तो पलट कर ना देखना उसको
वो सादा खून था जमाने के खम समझता क्या
हवा के साथ चला, ले उड़ी हवा उसको
वो अपने बारे में कितना है खुशगुमा देखो
जब उसको मैं भी ना देखूं तो देखना उसको
वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको।
Naseer Turabi

धड़कन

धड़कन

हमे आज भी याद है ।

जब हमे भी जब पहली बार मोहब्बत हो गई थी…
हमे लगता था , की काश हमारा प्यार फिल्म जैसा हो …..
नही तो हमारी यह दास्तान कोई कथानक हो ..
कम्बख़्त आखीर कर कथानक हमारा भी हुआ ….
और किरदार हमे भी मिला …
वह बन गयी धड़कन की शिल्पा शेट्टी ..
और हमे किरदार सुनील शेट्टी का मिल गया ।