वो ग़ैरों के होना सीख गए-Jai Ojha

Poetry Details:-

वो ग़ैरों के होना सीख गए – ये गजल को लिखा एवं प्रस्तुत किया है Jai Ojha ने,इस गजल मे ब्रेकअप से जुड़ी शायरियाँ लिखी गयी है जो कि आज कल के दौर के अनुसार लिखी गयी है।

Poetry :-

वो प्यार मोहब्बत के अकीदतमंद,बड़ी जल्दी नफरत करना सीख गये
हम तो उनके थे उन्ही के रहे,वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से,वो अजनबी इस कदर हो जायेगे
नजर आते थे जो वो फोन के हर गलियारे मे अब एक फोल्डर मे सिमट कर रह जायेगे
हम नावाकिफ थे इस बात से कि वो इस रिशते को इतनी बेरहमी से तोड़ जायेगे
हमे सबसे पहले जबाब देने वाले , हमारा मैसेज सीन करके छोड़ जायेगे
हम सेहरो शाम मुंतजिर रहे उनके जबाबो के
और वो किसी दुसरी मेहफिल-ए- चैट मे रिप्लाई करना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
जब बड़े दिनो बाद हमसे पूछा हाले दिल उन्होने
हम भी खुद्दार थे मुस्कुरा के झूठ बोलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि लोग बदल भी जाया करते है
वो आँखो मे आँखे डाल के वादो से मुकर भी जाया करते है
सदाये आती थी जिनको हमारे सीने से,वो अब किसी ओर से लिपटना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
दिल मे आशिया बनाया था जिन्होने,अब गुजरते है सामने से तो नजरे चुरा के चलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि वो चेहरे को साफ और दिल को मैला रखते है
कुछ लोग हसीं ऐसे भी होते है, जो खिलौनो से नही जज्बातो से खेला करते है
हम आशिक नादान थे ता जिंदगी भीतर बाहर से एक से रहे
और वो कमबखत बेवफाई करते करते रोजाना जिल्द बदलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हमने उनके साथ अर्श के सपने देखे थे,और जब हुये हकीकत से रुबरु
तो ख्वाहिशे कुचलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि कभी वक्त हमारे इतना खिलाफ हो जायेगा
कि उनकी मेहदी मे चुपके से बनाया हुआ वो ‘जे’ अक्षर इस कदर साफ हो जायेगा
हम उनके नाम का हर्फ हथेली पे नही दिल पे लिखना चाहते थे
इसलिये दर्द होता रहा हर्फ बनता रहा और हम दिल कुरेदना सीख गये.
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम उन पे मर के जीना चाहते थे हुये अलहदा उनसे जबसे जीते जी मरना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि वो हमारे बिना भी रह सकते थे
जो फँसाने उन्होने हम से कहे थे उतनी शिद्दत से किसी ओर से भी कह सकते थे
हमने तो सोना समझ युं पकड़े रखा था उनको,
पर वो कमबख्त धूल थे निकले बड़े इत्मीनान से फिसलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम कुछ देर जो दूर हुये क्या उनसे ,वो हमारे बिना ही रहना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये.

selfie

कुछ लोग आपकी कदर इसलिए भी नही करते ,
क्योकि आप उन्हें इस बात का अहसास दिला
चुके होते हो ,
आप उनके बिना रह नही सकते ।😊😊

प्यार सब से नही होता

प्यार सब से नही होता, पसंद तो बहुत कोई आता है ।
बाते तो बहुतो से होती है, फ्लीइंग्स वो नही आती ।
तुम्हे अपने दिल मे नीचा दिखाने के लिए ,
मिलने की इच्छा बहुतो से होती है ।
कोई बार कोशिश भी की है,
पर उनमें भी मैं तुम्हे ही ढूंढता हु ,
और जब नही मिलती हो ,
तो फिर मिलना क्या मिलाना क्या,
सब वैसे ही रह जाता है ।
फिर शर्म सी आती है ,

पर हु तो मैं इन्शान ही न ,
फिर वो गुस्सा आता है,
तुम भी तो अब नही हो ।
फिर
सब ठीक हो जाता है

NILESH

प्यार

आजकल प्यार में पड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, उसी तीव्रता से उस प्यार के ख़तम होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. आज प्यार हुआ, और कल खतम! अब बताइये, प्यार न हुआ, धनिया मिर्ची हो गया। हर सब्ज़ी में डाल दो । मतलब समझे? हम आज कल इतनी जल्दी प्यार में पड़ जाते है कि जब तक उसका एहसास हमें ख़ुशी दे पाए उस से पहले ही दम तोड़ देता हैं।
कुछ साल पीछे अगर जाए, तो सिर्फ ये बताने में की हम पसंद करते है, एक आधा साल तो यूँ ही निकल जाता था, पसंद नापसंद जानते जानते प्यार पनपता था, समय लेता था अपनी जड़ें मज़बूत करने के लिए। मुझे लगता है कि प्यार पहली नज़र में हो ही नहीं सकता, जो पहली नज़र में हो जाए वो बाहरी सुंदरता की तरफ आकर्षण होता हैं, हाँ पर ये ज़रूर है की कई बार ये आकर्षण प्यार की तरफ की पहली सीढ़ी बन जाता है. वो बस स्टॉप खड़े होकर किसी का इंतज़ार करना, और फिर सिर्फ चुप चाप चोरी से सिर्फ देखना, एक लंबा रास्ता होता था, जानने समझने का। शायद यही वजह भी थी की रिश्ते निभाए भी जाते थे और उनमे एक आदर भी होता था एक दूसरे के प्रति और अब, अब तो सुबह प्यार हो जाता है, दोपहर तक उम्र भर निभाने का रिश्ता, शाम तक झगडे और रात होते होते प्यार ख़तम। प्यार सिर्फ ख़तम हो तो भी ठीक है, पर ये प्यार तो नफरत बन जाता है। वही बातें जिनसे प्यार हुआ था, वो बातें अचानक बुरी लगने लग जाती हैं . क्या वाकई प्यार का विपरीत नफरत होता है? क्या जिसे आप अब प्यार नहीं करते या महसूस नहीं करते क्या उनसे इतनी जल्दी नफरत हो जाती है? क्यों उनकी हर बात पर गुस्सा आने लगता है, जैसे , जो तू पसंद तो तेरी हर बात पसंद, जो तुम नहीं पसंद तो तेरा कुछ नहीं पसंद। पर ऐसा नहीं होता है, वास्तविकता में प्यार ख़त्म यानी परवाह ख़तम, फिर सामने कुछ भी हो, आपको कोई फर्क नहीं पड़ता, और अगर फर्क कभी पड़ा ही नहीं तो प्यार कैसा?
प्यार कितना सस्ता हो गया है, जो हम इससे कही भी इस्तेमाल कर लेते है। पहले तो पसंद भी आपकी खुद की होती थी, अब तो हम पसंद भी वो करते है जो दुनिया को अच्छा लगता है। आजकल तो उन्हें भी प्यार हो जाता है जिन्हें इसे लिखना तक नहीं आता। पहले जो प्यार नजरो की उलझने से होता था अब वो व्हात्सप्प और फेसबुक पर लाइक्स और कमेंट्स से होता है। ज़रा सोचिये, झगडे की वजह ये है की तुमने मेरी फोटो पर वो दिल वाला लाईक नहीं बनाया, तुम्हे मुझसे प्यार नहीं हैं। तुमने फेसबुक पर इन अ रिलेशनशिप विथ मी क्यों नहीं डाला हुआ हैं, तुम मुझे दुनिया से छुपा रहे हो और पहले तो जो छुपाया न गया हो दुनिया से वो प्यार ही कहा था। अब कोन समझाए इन लोगो को, मोती की कीमत ही इसलिए है क्युकी वो सीपियो में छुपा सुरक्षित रहता है, अगर रेत के किनारे खाली सीपियों की तरह मिलने लगा तो उसकी कीमत क्या रह जाएगी? प्यार जैसा एहसास समय मांगता है, जब समय होता है तो वो खुद ही सीपी से निकल कल बहार आजाता है। पर समय ही तो नहीं दे रहे इसे हम। मिटटी का बर्तन बनाते वक़्त क्या हम गीली मिटटी में ही उसमे पानी भर देते हैं? नहीं न, तो प्यार को समय क्यों नहीं देते ?लोग कहते है की देश में असहिष्णुता बढ़ रही हैं, देश का तो पता नहीं, पर प्यार में बढ़ ही रही है।
प्यार २ दिन का और उम्मीदे बांधते है उसमे उम्र भर की। और फिर उन उम्मीदों के टूटने की पीड़ा अलग। अरे भई , किसी और पर क्या आरोप लगाओ तुम्हे दुखी करने का जब तुम ही ने किसी से बेफिज़ूल सी उमीदे बांध दी? वैसे भी प्यार का वो वजूद जो बेहद ,बेहिसाब, बेइन्तहा होता था, अब तो दिखता ही नहीं हैं। मजाक बना दिया हैं। मन भर कर बैठे है, और कहते है की मन नहीं भरता।
प्यार को इतना सस्ता मत बनाओ, इसे समझो, पनपने का वक़्त दो, इतनी आसानी से कैसे कोई कह देता है की प्यार हो गया है किसी से? प्यार अपने आप में एक समर्पण मांगता है, ये वो दरिया है जिसमे अच्छे अच्छे डूबते हैं, इसे शब्दों में कैसे सीमित कर सकते है? ये दिनों में कैसे नाप सकते है? प्यार होता तो एक ही बार है, ये सच है, क्यों की जो दूसरी बार होता है उसमे हम पहले की छवि ढूंढते रहते है। मैंने वाकई प्यार को देखा है, समझा हैं, जिन्हें होता है उनकी तकलीफ भी जनता हूँ, अक्सर सुना है की किसी के जाने के बाद से मन का एक कोना खाली सा हो जाता हैं, तो ठीक है न, सब कोने भरे रहेंगे तब भी तो घुटन होती हैं न, उस खाली जगह को भी अपना लो, और सिर्फ उसे भरने के लिए किसी से जुड़कर उसे प्यार का नाम मत दो। समय दो खुद को, और प्यार करो खुद से! एक जंगली फूल, जंगल में कितने आभावो में, मुश्किलों में, बिना रखरखाव भी कैसे खिल उठता है, बस वही, हम खुद में खिलना होगा, दुनिया से अपने हर दर्द तकलीफ से ऊपर उठाना होगा। वैसे भी दुनिया में सिर्फ चमक दिखती है, उसके पीछे का संघर्ष नहीं।
कभी कभी लगता है की प्यार सिर्फ इसीलिए कर रहे है लोग क्युकि दुनिया में सब प्यार करते है ,
प्यार हिस्सा है ज़िन्दगी का, ज़िन्दगी नहीं।
प्यार ज़रूरी है पर अनिवार्य नहीं।
जिस 4 दिन को प्यार की हकीकत समझते है वो भ्रम होता हैं, और फिर उसी भ्रम की मोहजाल में फंस कर हम ज़िन्दगी से निराश हो जाते हैं।
हर वक्त जिन्दगी से गिले शिकवे ठीक नही ,
कभी तो छोड़ दो इन कश्तियाँ को लहेरो के सहारे ।🙏

#Nilesh

वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको (Nasser Turabi )

वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको
नजर ना आए तो उसकी तलाश में रहना
कहीं मिले तो पलट कर ना देखना उसको
वो सादा खून था जमाने के खम समझता क्या
हवा के साथ चला, ले उड़ी हवा उसको
वो अपने बारे में कितना है खुशगुमा देखो
जब उसको मैं भी ना देखूं तो देखना उसको
वो बेवफा है तो क्या, मत कहो बुरा उसको
कि जो हुआ सो हुआ, खुश रखे खुदा उसको।
Naseer Turabi

धड़कन

धड़कन

हमे आज भी याद है ।

जब हमे भी जब पहली बार मोहब्बत हो गई थी…
हमे लगता था , की काश हमारा प्यार फिल्म जैसा हो …..
नही तो हमारी यह दास्तान कोई कथानक हो ..
कम्बख़्त आखीर कर कथानक हमारा भी हुआ ….
और किरदार हमे भी मिला …
वह बन गयी धड़कन की शिल्पा शेट्टी ..
और हमे किरदार सुनील शेट्टी का मिल गया ।

Shayri

लाखो दिल टूटे होंगे इस बात पर…

तुम्हारी जात अलग है मेरे घर वाले नहीं मानेंगे…..