धड़कन

धड़कन

हमे आज भी याद है ।

जब हमे भी जब पहली बार मोहब्बत हो गई थी…
हमे लगता था , की काश हमारा प्यार फिल्म जैसा हो …..
नही तो हमारी यह दास्तान कोई कथानक हो ..
कम्बख़्त आखीर कर कथानक हमारा भी हुआ ….
और किरदार हमे भी मिला …
वह बन गयी धड़कन की शिल्पा शेट्टी ..
और हमे किरदार सुनील शेट्टी का मिल गया ।

बस इशारा कर दिया करो

सुनो, बता ना सको अल्फाज़ो में बोलकर
तो इशारा कर दिया करो
मैं पढ़ लेता हूँ आपकी आँखों को
बस इशारा कर दिया करो

दिल जब भी करे,करने को शैतानियां
जुल्फों को अपनी खुला छोड़ दिया करो
शरमाते हो आप,तो शुरुआत मैं कर दूँगा
आप होंठो को लाल करके, इशारा कर दिया करो

प्यास जब भी लगे पीने की मुझको,
जीभ दांतों मे लेकर दबा दिया करो
होंठ होंठो पर रखकर पिलाऊंगा जाम मोहब्बत का,
आप तिरशी सी निगाहों से मुझे, इशारा कर दिया करो

तड़फ रहा हो जब भी जिस्म,जिस्म से मिलने को
सामने आकर हमारे अंगड़ाईया कर दिया करो
अपने हाथ से आज़ाद करू कपड़ो से आपको ,अगर चाहत हो ऐसी
बस पल्लू गिरा कर नीचे ,थोड़ा सा इशारा कर दिया करो

ये सफर जो ज़िन्दगी का है,तूफान आते रहेंगे इसमें
साथ जियेंगे अच्छे बुरे वक़्त को,आप मुस्कुराकर हिम्मत दे दिया करो
डर जब भी लगे ,हौसला जब भी टुटे
आगोश में भर लूँगा, बाहें फेला कर इशारा कर दिया करो

तुम्हारा हुँ ,तो सिर्फ तुम्हारा ही हुँ
दिल अपने को ये बात समझा दिया करो
सुनो,बहुत दिल करता है मेरा सुनने की आपको भी
ज्यादा न सही तो, तीन लफ्ज़ ही” निलेश ” के लिए बोल दिया करो..।

#निलेश

दहेज़ प्रथा अभिशाप (एक सोच)

दहेज़ प्रथा अभिशाप (एक सोच)

बस 20 या 25 लाख ही तो खर्चा आयेगा।
वाह रे दहेज प्रथा ,,समझ नही आता लड़कों को अगर बेचना ही है ,,,तो क्यो ना एक बाज़ार में खड़ा करके बोली लगा दो ।।।।
डॉक्टर 50लाख
इंजीनियर 40लाख
बैंकर 35लाख
वाकी बचे 30लाख
या 20लाख या फिर जितने में सौदा हो जाए। ।।।
छी बेहद शर्मिंदा करने वाली बात है ,, जिस देश को आजाद हुए 70 साल हों चुके है,
उस देश में आज भी कुछ ऐसी प्रथाओं की बजह से, लाखो परिवार या तो दहेज की बजह से ,अपनी सालो से जमा की पूँजी खतम करके जिंदगी भर अपने आप को मुश्किल में डाल लेते है।
या फिर पैदा होने से पहले ही बेटी की हत्या।।
वैसे तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का कुछ लोग वादा लेकर आगे बढ़ रहे है।
पर दहेज प्रथा को खत्म करने का वादा कोई नही कर सकता। ।।।
लोगो को डर है समाज का,, अरे कौन सा समाज ??
ये वही समाज होता है जो हम और हमारे जैसे लोगो से बनता है।
और तब कहाँ होता है ये समाज,,, जब कोई ना कोई वलि चड़ा रहा होता है ,,, उनकी जो दहेज देने के बाद भी सुरक्षित नही रह पाती।।।
और तब भी कहाँ होता है ये समाज ,,, जब किसी ना किसी परिवार को जरुरत होती है किसी आर्थिक सहायता की??
आर्थिक सहायता का ये मतलब नही की वो उसकोपाले ,, पर हाँ ये जरुर है की ऐसा साधन जरुर बने जिससे उसकी सहायता हों सकें। ।।।
लोग क्या समझते है की क्या आज कल शिक्षा में खर्चा सिर्फ लडके वालो का होता है।।
लड़की वालो का उससे भी ज्यादा होता है।।।
कैसे होता है कब होता है ये सब आज कल हर कोई जनता है।
पर फिर भी दहेज चाईए और जॉब करने वाली लड़की भी।।।😡
सच तो ये है आज भी हम आजाद नही,,, उन रीतियों से ,,रिवाजों से और दिखाबे से।।
अरे जितना पैसा शादी में खर्चा करते हों और दहेज़ देते हो।।
उन पैसो को अपने भविष्य के लिए क्यो नही सुरक्षित करके रख सकते।
जो हो रहा है गलत हों रहा है ,,, जानती हूँ की अकेले कुछ नही कर सकती। ।
पर इतना जानती हूँ की ,,,खुद एक नई शुरूआत कर सकती हूँ। ।।जनाब 20या 25लाख सिर्फ नही होते,,, और अगर सिर्फ लगते है ना ,,,तो खुद कमाना और खर्च करना अपनी बेटी की पढ़ाई में ,,,, फिर देखना कसम से सारी दुनिया कदमों में नज़र आएगी । ।।
बस रोकता हूँ अपनी कलम को,,, जानता हूँ बहुत लोग मेरी बात से सहमत नही होंगे। । पर कुछ तो होंगे। ।।
मेरा मकसद किसी की भावनाओ को ठेस पहुचाना नही,, माफ करना अगर कुछ गलत लिखा हो। पर एक बार सोच कर तो देखो।। कितने सालो बाद भी हम आज़ाद नही ऐसी अनसमझी प्रथाओं से।। 😐

इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय मेरे व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय सभी से मिले ।

Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga, ( Long Shayri )

Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Tere kushi k liye duniya se lad jaunga,
Jis raaste ki tu manzil no ho us raste ko mood jayunga,
Jo faisla na ho tere haq mein usse aaj mein tod jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Teri aankon mein agar dikhe kabhi aansu to,
Un aansun ko aankhon mein aapni bhar k door tujse mein kar jayunga,
Teri raah mein aaye agar kaante to,
Unhe aapne daaman mein samet kar teri raah foolon se bhar jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Tujhe pasand na aaya gar mera yah payar to,
Ek khwaab ki tarah teri zindagi se mein chala jaunga,
Tujhe yaad aaye ya na aaye meri sanam,
Par yeh bhi mumkin nahin k mein tujhe bhul jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga,
Zarurat padi payar mein agar qurbaani ki to,
Yeh shart bhi tujse pehle mein poori kar jayunga,
Is qadar chahat hai teri ki agar tu maang le mujse jaan bhi,
To haste haste yeh jaan bhi mere sanam tere naam kar jayunga,
Tujhe paane k liye mein kuch bhi kar jayunga.

#Nilesh

My Love And My Friend ( Hindi Story )

कुछ दोस्त मेरे, मुझे बोलते हैं , ओ तुम्हें भुल गयी । तुम भी उसे भुल जाओ ।
But
मेरा दिल अभी तक मानने को Ready ही नहीं होता ।
होगा भी कैसे ओ ये जानता है , की ओ तुमपे विस्वास करती है , तब ही तो अभी तक तुम्हें Call नहीं की ओ भी ये जानते हुए कि मुझे गुस्सा आने पर , और बहुत बात जो मै नहीं लिख सकता ‌।
खैर मैं ये तो जानता था ।
But [ आज मेरा Favorite Friend ( मेरा जान ओ जिगर ) ऐसा कोई दिन नहीं होता जब मैं इससे लरता नहीं , पर एसा भी दिन नहीं होता जब मैं उससे बात किये बिना रह पाऊ ‌। ]
💓 Friend Name – Vinay 💓
पर इसने मुझसे कहा Nilesh Kumar ओ तुम्हें भुल नहीं सकती । और पहले की तरह आज भी तुमपे उतना ही विस्वास करती है , जितना पहले करती थी ।
क्योंकि ,, छोडिये वो बातो को ।
Ek Shayri Suniye.
( Kar Aitbar tu uspe aisa Nilesh kabhi Galti se Hi mil jaye O kahi..
To Use ye n kahana pre.. yaar tum badal gye ho. )

#Nilesh.

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता

चले ।

Toh Pata Chale Jai Ojha
जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले
सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले
यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,
लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,
वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,
अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,
जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको
तो पता चले,
और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,
तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,
लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,
तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,
अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,
तो पता चले,
और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,
लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,
घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,
लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,
कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,
हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,
लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,
जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,
उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,
लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,
अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,
किसी को छोड़ देना,
जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

#Nilesh

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले

सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले

यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,

लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,

वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,

अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,

जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको

तो पता चले,

और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,

तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,

लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,

तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,

अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,

तो पता चले,

और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,

लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,

घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,

लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,

कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,

हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,

लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,

जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,

उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,

लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,

अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,

किसी को छोड़ देना,

जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था. Hindi shayari

गली-ए-यार से गुजरे जो एक रोज़ हम यूँ ही,
तो उनकी खिड़की पर कोई नज़रें गढ़ाए बैठा था,
गुज़र ही चुका था आखिर दौर-ए-मलकियत अपना तो,
अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था।

-Nilesh

1.Kisi Se Rooth Kar Darwaza Bhale
Band Kar Lijiye
Par Ek Khidki Jarur Khuli Rakhiye
Gunjaish Ki Ummidon Ki…!!

2.Nahi Chhodi Kami Maine Kisi Bhi
Rishte Ko Nibhane Me
Aane Wale Ko Dil Ka Rasta Bhi Diya
Jaane Wale Ko Khuda Ka Wasta Bhi Diya…!!

3.Khatam Kar Di Thi Zindagi Ki Har
Khusiyan Tum Par
Kabhi Fursat Mile To Sochna Ki
Mohabbat Kis Ne Ki Thi…!

4.Tumhare Ghar Ka Pata Nahi Hai,
To Poochne Me Jhijhak Rahi Hai,
Wo Ek Kamjor Dil Ki Ladki,
Sadak Pe Tanha Bhatak Rahi Hai.

5.Ye Na Samjho Ki Daleele Kam Thi Meri Begunahi Ki,
Mohabbat Katghere Me Thi To Chup Rehna Munasib Tha.

#Nilesh

Motivational Hindi Shayri By Aman Chaurasia

Aman1.जब समय खराब चल रहा हो ना
तब गूंगे भी बोलने लगते है…

2.आजकल हर कोई अपना बनता है पर सिर्फ बातों से…

3.किसी को इतना भी दुख ना दे
की वो भगवान के सामने
आपका नाम लेते हुए
रोने लगे.

4.अच्छे दिन तो तब आयेँगे जब लोग…
मिठाई खिलाते हुए कहेँगे हमारे घर बेटी हुई है..!!
🙏🙏🙏

5.“जो होता है अच्छे के लिए होता है”
ये लाइन मजह एक आध्यात्मिक बात ही है।

6.रिश्तों की खूबसूरती एक दूसरे की बात बर्दाश्त करने में है
खुद जैसा इंसान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे●

7.मेरी ना सही मेरी सलिखे को तो दाद दे …
तेरा ही जिक्र करता हु बगैर तेरे नाम का..❣

8.दुआएँ जमा करने में लग जाओ साहब…
खबर पक्की है
“दौलत और शोहरत” साथ नहीं जायेंगे…

9.किसी की पसंद बनना जरूरी तो नही..
पर किसी को पसंद करना ये आपके दिल पर है..

10.देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में,
ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते…! !

#Aman