Geeta Govindam Or Wo Raat, Review or sukoon. Hindi

Geetha Govindam .
इस मूवी का आज रिव्यू नहीं लिख रहा, लिख रहा हूं अपना अनुभव ।
मूवी ऐसी हैं, जिसे आप अनगिनत बार देखो फिर भी आपको बोर नहीं करती ।
मूवी 2015 में आई थी, शायद आप लोगो ने जरूर एक न एक बार देख ही लिया होगा , मूवी इतनी खूबसूरत और प्यारी हैं, की आपके दिल में बस गई होगी । मूवी का हर एक सीन , हर एक कैरेक्टर , सब कुछ लाजवाब हैं ।
खास कर विजय , और रश्मिका का एक्टिंग ।
विजय देवरकोंडा ने इस फिल्म में अपना अब तक का सबसे प्यारा रोल प्ले किया है। इस फिल्म में वह बहुत ही नेचुरल लगे हैं।
* बात करते हैं गीता(रश्मिका मंदाना) की, फ़िल्म में उनके चेहरे से नजर ही नहीं हटती है। वो बहुत ही ज्यादा प्यारी लग रही थी। उनको फ़िल्म में कुछ करने की जरूरत ही नहीं थी उनकी आँखें बोल रही थी।
ये तो हुआ, मूवी है कैसी, अब मैं आप सब से उस रात के अनुभव के बारे में बताता हु, जब हमने साथ में मूवी देखी ।
उसको को मूवी देखना ज्यादा पसंद नहीं है, कैह सकते हैं, पूरे दिन घर के कामों में व्यस्त होने की वजह से टाइम भी नहीं मिल पाता , इस कारण से भी वो नहीं देख पाती ।
कई बार बोलने के बाद एक दिन मूवी देखने का फैसला हुआ ,
मूवी को मैं कई दफा पहले भी देख चुका हूं, मूवी मुझे हर – दफा एक अलग ही खुशी देती है ।
उसका ये मूवी पहली बार देखना था, रात के लगभग 11:30 हो रहे थे, घर के सारे कामों को खत्म करने के बाद वो आई , फिर हमने मूवी देखने की शुरुवात की, वो अपने बिस्तर पे लेटी हुई थी, मै अपने बिस्तर पे, दोनो के हाथ में मोबाइल, कानों में इयरफोन ।
दोनों एक साथ मूवी को प्ले किए, मूवी की शुरुवात से ही मूवी आपको ख़ुद के साथ जोड़ना शुरू कर देती है, ऐसा ही हम दोनो के साथ हुआ, धीरे धीरे मूवी आगे बढ़ती गई ।
मैं मूवी देख रहा था, पर सुकून उसकी हसी दे रही थी, जो मेरे कानों से होते हुए मेरे दिल को भा रही थी ।
( मूवी को देखने से पहले मैं उसे हमेशा ताना मारा करता था, की एक मूवी हैं, गीता गोविंदम , हमदोनो का केमिस्ट्री लगभग उस मूवी के कैरेक्टर जैसा ही है, जिस बात पे हो चिढ़ जाती थी ।)
धीरे – धीरे मूवी आगे बढ़ती गई, और राते गहरी होती गई, और उसकी हसी , वो हर एक बात पे मुझे कहना देखो न, कितना मज़ा आ रहा हैं, और मुझे उसकी वो ख़ुशी देख सुकून मिलना, मेरे लिए सबसे अच्छे और प्यारे अनुभव में एक हैं।
उसका मेरी कहीं बातो पे मुझे टोकना और मुस्कुराना ,
” कहां हम दोनों की केमिस्ट्री ऐसी है, हम तुम्हें इतना भी परेशान नहीं करते, और फिर रूठ जाना , मैं तुम्हें परेशान करती हु न, जाओ अब नहीं करूंगी, फिर मेरा उसको कहना, ओय बदमाश मुझे तुम्हारा रूठना, तुम्हे मानना बहुत पसंद हैं , और आप मुझे थोड़े ही परेशान करती हो । इतना सुन खुशी से उछल के उसका कहना, हा बस इसीलिए तो मैं तुम्हें परेशान करती हु , तुम्हें अच्छा लगता हैं, और तुम्हे पसन्द हो , और मैं न करू, ऐसा कभी हुआ हैं।
उसकी ये अदा देख मेरा मुस्कुराना ।
ऐसी ही सुकून भरी बातों के साथ मूवी आगे बढ़ती गईं ।
हम दोनों पास में नहीं थे, वो अपने घर मैं अपने , पर मूवी देखते टाइम ऐसा लग रहा था, वो मेरे पास बैठी हो, और दोनो साथ में बैठ देख रहे है, उसकी हंसी, उसका गुस्सा, सब कुछ मुझे करीब से फील हो रहा था,
इसी तरह हस्ते हुए पूरी मूवी कब खत्म होने को आ गई पता ही नही चला, वक्त भी बहुत हो चुका था । मूवी खत्म हुईं ।
खत्म होते ही उसने मुस्कुरकर कहा झूठा , परेशान करते नहीं और मुझे बोलते रहते हैं, अब तो और परेशान करुंगी , और मेरा कहना, करो न तुम ऐसे ही, फिर दोनो का साथ में हस्ते रहना ।
मुझे बहुत सी मूवी पसन्द है, जैसे:- 96 movie , मेरी लाइफ चेंजिंग मूवी हैं।
पर इस मूवी के कारण उस रात के बाद मेरे जिंदगी के एक अहम हिस्से बन गई, जो याद सुकून देती हो, याद कर मन प्रश्न हो जाता हो,
( ये हमारी पहली मूवी हैं जिसे हमने साथ देखा )
मुझे हमेशा याद रहेगी, एक एक पल इस मूवी को देखते टाइम तुम्हारा हसना, मुस्कुराना, और सब कुछ ।

और एक बात आप सब से, जब कभी आप लोगो का मन ठीक न हो और कुछ बहुत अच्छा देखने का मन हो तो इसे जरूर देखे। आपका दिल खुश हो जायेगा।
इतनी प्यारी मूवी है ।
✍️…Nilesh