
क्योंकि किताबें भी चाहती हैं कोई रखे उनमें अपना प्रेम संभाल कर..!!
मेरे अन्दर की अच्छाई ही मुझे खा रही है,
लेकिन अच्छाई की परिभाषा क्या है
मैं नहीं जानता….
मैं जीवन और प्रेम दोनों को
बहुत मंद गति से समझा
और जब समझा,
तो समझा,
ये दोनों एक दूसरे से भिन्न है,
प्रेम मंझधार है, तो जीवन किनारा ।
हम प्रेम में होते हुए,
किनारा कभी नहीं पा सकते।
अगर पाना चाहते हैं,
तो प्रेम को प्राप्ति से परे होकर समझना होगा।
मैंने जीवन मे जो भी सिखा,
किसी न किसी के समर्पण से सिखा ।
मैंने वाहन सबसे ज्यादा सावधानी से तब चलाया,
जब मेरे काँधे पर सर रख के तुम सोई,
और जीवन को सबसे ज्यादा गंभीरता से तब लिया,
जब तुमने अपना हाथ मेरे हाथ मे सौंप दिया।
तुम्हारे होठों को चुमते हुए,
या तुम्हारी बाहों में लिपटते मैं वैसे ही होता हूँ,
जैसे कोई भक्त, अपने भगवान की सेवा के दौरान होता है।
मैं किसी स्त्री के साथ सशरीर होना,
उस स्त्री को पाना कदापि नहीं मानता,
उस स्त्री के ह्रदय में बस जाने को मानता हूँ।
ईश्वर की मूर्ति रख लेने से ईश्वर हमारा नहीं होता,
हृदय में रखकर पूजने से होता है।
मैं तुम्हें पाना नहीं चाहता..
मैं तुम्हारा हो जाना चाहता हूँ।
मैं समर्पण को प्रेम से बढ़कर मानता हूँ, समर्पण प्रेम का प्रतिरूप नहीं है, प्रेम समर्पण का प्रतिरूप है।
#Nilesh.
उसकी “typing…” पर, खुशी से काँपती मेरी उँगलियाँ.. इश्क़ है,
उसकी “New profile pic” को मिनटों तक एकटक झाँकती पलकों की पंखुड़ियाँ.. इश्क़ है,
गुफ्तगू करने की अनगिनत ख्वाहिशों के बीच,
“online” होकर भी चीखती खामोशियाँ.. इश्क़ है..
जरा सी आहट पे, फोन पकड़ कर बैठ जाना, वो “notification” की टनटनाती घंटियां.. इश्क़ है..
कैसे हो? पूछने पर.. “iam fine” बताना लिख कर मिटाना, मिटा कर छिपाना, वो “draft” में बेबस पड़ी अनकही अर्जियाँ.. इश्क़ है..
उसका नाम सुन कर धड़कनों का बढ़ जाना,
और उसका नाम सुना कर दोस्तों की मन-मर्जियाँ.. इश्क़ है..
अनंत तक चलने वाली “convo” में..
“Hmm” और “Hanji” की तल्खियाँ.. इश्क़ है..
“Call” आने पे बावला हो जाना,
अलाना.. फलाना.. बतियाना दिल ही दिल में खिलखिलाना, वो बच्चों सी खुशियों वाली किलकारियाँ.. इश्क़ है..
हर रोज मुलाकात के लिए पूछना,
ना मिल पाने पर दिल ही दिल रो लेना और उसको महसूस तक ना होने देना… इश्क़ है..
मशरुफ़ियत कितनी भी भारी पड़े कैफ़ियत पूछने पर, बस इक बार “Last seen” देखने वाली बेचैनियाँ.. इश्क़ है..
सुबह सबसे पहले उठकर ” call log ” में उसका “call ” देखना….”इश्क” है..
हर सुबह की ” राधे राधे ” और देर रात की “Good Night ” इश्क़ है…
“इश्क़ है”, बस बेइंतहा इश्क़ है..
#Nilesh