


1.“ना जाने किस भेष में आकर काम मेरा कर जाता है मैं जो भी माँगू मेरा महादेव वो मुझको चुपके से दे जाता है ।
2.कोई #दिवाना बन जाए तो कोई #फ़कीर बन जाए #महाकाल को जो #देखे वो खुद #तस्वीर बन जाए ।
3. पकड़ लो हाथ मेरा प्रभु ,..जगत में भीड़ भारी है… कही मैं खो ना जाऊं,..जिम्मेदारी ये तुम्हारी है…।
4. नाचाहमुझकोदौलत की, ना #शौक मुझको #जन्नत का, #मतलबी सा #बन्दा हूँ , #महाकाल 👤 #तेरेचरणों की #धूल पे #मरता हूँ ।।
5. मै योग निद्रां मे शम्भु हु….. निद्रां के बहार शंकर….. और जाग गया तो रुद्र हु..! जय श्री महाकाल ।
6. हे #भोलेनाथ जो जग को ना भाया, उसे तूने अपनाया, किस चीज़ का लालच देगा हमको ये ज़माना, जब #शिव ही मेरा मोह है और #शिव ही मेरी माया ।
7. चल रहा हूँ धूप में तो महाकाल तेरी छाया है । शरण है तेरी सच्ची बाकी तो सब मोह माया है ।
8. हम महाकाल नाम की शमा के छोटे से परवाने है, कहने वाले कुछ भी कहे हम तो #महाकाल के दिवाने है..!
9. भोले की शक्ति, भोले की भक्ति, ख़ुशी की बहार मिले, महाकाल की कृपा से आप को ज़िंदगी के हर कदम पर सफलता मिले ।
10. जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं , जमाना उन्हें क्या जलाएगा , जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं….जय भोलेनाथ… ।
11 . लोग कहते है कि मैं बावली हूँ, पर वह क्या जाने मैं तो मेरे महाकाल की लाड़ली हुँ । #जयमहाकाल #जयभोलेनाथ
12. तिलक करो तुम #शिव नाम का तो #महाकाल नाम की ठंडक पाओगे #पुष्प बनो जो तुम #शिव चरणों का तो बड़े सौभाग्यशाली कहलाओगे ।
13. नजर पड़ी #महाकाल की मुझ पर तब जाके ये संसार मिला, बड़े ही #भाग्यशाली #शिवप्रेमी है हम जो #महाकाल का #प्यारमिला..!
14. “हम रोते रहे उसके लिए जो कभी हमें मिला नहीं मगर जितना दिया महादेव ने मुझे उतना तो मैंने भी कभी सोचा नहीं।। ।। हर हर महादेव।।”
15. करनी है #महाकाल से गुजारिश आपकी भक्ति के बिना कोई बन्दगी ना मिले हर जन्म मे मिले आप जैसा गुरू या फिर ये जिन्दगी ना मिले…!!! 🏴 जय जय महाकाल ।
16. उसने ही जगत बनाया है, कण कण में वोही समाया है । दुःख भी सुख सा ही बीतेगा, सर पे जब शिव का साया है.. 🌹🌹🙌🙏हर हर महादेव🙏🙌🌹🌹
17. है जब तक होश जिन्दगी में जश्न होने चाहिये, खुशिया भी बन जाती है #गंगाजल, बस मन #महादेव जैसा होना चाहिये….
18. जिसे मोह नही #मायाजाल का वो भक्त है #महाकाल का
19 . कैसे कह दूँ कि मेरी, हर दुआ बेअसर हो गई…. मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गई ।।
20 . तेरी जटाओं का एक छोटा सा बाल हूँ, तेरे होने से मैं बेमिसाल हूँ, तेरे होते मुझे कोई छू भी ना पाये, क्योंकि मेरे #भोले मैं तेरा लाल हूँ ।
ससुराल से मायका
रौनक थी जिनसे जिन्दगी में वो सब खो गई
शादी करके पिया जी तो मिले पर सहेलियाँ खो गई
जिम्मेदारियां बढ़ गई,नादान से समझदार हो गई,
बचपन की यादें, सखियों संग बातें , किशोरीपन की सारी चंचलता खो गई
नया घर, नए लोग नई दुनिया मिल गई
माँ का प्यार, पिता का दुलार, भाई की शरारते खो गई
घर गृहस्थी में जिन्दगी सुबह से शाम व्यस्त हो गई
वो हर बात पे रूठना वो बेवजह की चिल्लाहट खो गई
जीन्स में रहने वाली साड़ी पहनना सीख गई
वो चंचल सी शोखी घूंघट में कहीं खो गई
सपनो का राजकुमार, रोमांटिक राते तो मिल गई
वो बाबुल का आँगन,बेफिक्री की नींद खो गई
सब्जी भाजी का भाव करना,पैसे बचाकर घर चलना सीख गई
बेवजह के ख़र्चे, बेवजह की शॉपिंग करने वाली खो गईं
एक घर से पराई हुई और एक की अपनी हो गई
“निलेश” चीज़ें और भी बहुत मिली और बहुत सी खो गई ..!
तेरी पाकीज़ा निगाहों में, फुतूर आ जाएगा.
आइना मत देख, तुझ में भी ग़ुरूर आ जाएगा…!!!!
गली-ए-यार से गुजरे जो एक रोज़ हम यूँ ही,
तो उनकी खिड़की पर कोई नज़रें गढ़ाए बैठा था,
गुज़र ही चुका था आखिर दौर-ए-मलकियत अपना तो,
अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था।
-Nilesh
1.Kisi Se Rooth Kar Darwaza Bhale
Band Kar Lijiye
Par Ek Khidki Jarur Khuli Rakhiye
Gunjaish Ki Ummidon Ki…!!
2.Nahi Chhodi Kami Maine Kisi Bhi
Rishte Ko Nibhane Me
Aane Wale Ko Dil Ka Rasta Bhi Diya
Jaane Wale Ko Khuda Ka Wasta Bhi Diya…!!
3.Khatam Kar Di Thi Zindagi Ki Har
Khusiyan Tum Par
Kabhi Fursat Mile To Sochna Ki
Mohabbat Kis Ne Ki Thi…!
4.Tumhare Ghar Ka Pata Nahi Hai,
To Poochne Me Jhijhak Rahi Hai,
Wo Ek Kamjor Dil Ki Ladki,
Sadak Pe Tanha Bhatak Rahi Hai.
5.Ye Na Samjho Ki Daleele Kam Thi Meri Begunahi Ki,
Mohabbat Katghere Me Thi To Chup Rehna Munasib Tha.
#Nilesh
कुछ लोगो की सोच को बदल पाना मुश्किल है..
उन्हें लगता है वो जो सोचते है वही सही होता है..!!
ना पैसा लगता हैं,
ना ख़र्चा लगता हैं,
राम राम बोलिये बड़ा अच्छा लगता हैं.!
Jai Shree Ram.
जिन्हें कल तक हमारी हर छोटी बातें अच्छी लगती थी…
आज हमारा नाम भी लो तो, लोगों को बुराईयाँ ही गिनवाते है…!!
#Nilesh
बाहर बारिश हो रही थी, और अन्दर क्लास चल रही थी.
तभी टीचर ने बच्चों से पूछा – अगर तुम सभी को 100-100 रुपया दिए जाए तो तुम सब क्या क्या खरीदोगे ?
किसी ने कहा – मैं वीडियो गेम खरीदुंगा..
किसी ने कहा – मैं क्रिकेट का बेट खरीदुंगा..
किसी ने कहा – मैं अपने लिए प्यारी सी गुड़िया खरीदुंगी..
तो, किसी ने कहा – मैं बहुत सी चॉकलेट्स खरीदुंगी..
एक बच्चा कुछ सोचने में डुबा हुआ था
टीचर ने उससे पुछा – तुम
क्या सोच रहे हो, तुम क्या खरीदोगे ?
बच्चा बोला -टीचर जी मेरी माँ को थोड़ा कम दिखाई देता है तो मैं अपनी माँ के लिए एक चश्मा खरीदूंगा !
टीचर ने पूछा – तुम्हारी माँ के लिए चश्मा तो तुम्हारे पापा भी खरीद सकते है तुम्हें अपने लिए कुछ नहीं खरीदना ?
बच्चे ने जो जवाब दिया उससे टीचर का भी गला भर आया !
बच्चे ने कहा — मेरे पापा अब इस दुनिया में नहीं है
मेरी माँ लोगों के कपड़े सिलकर मुझे पढ़ाती है, और कम दिखाई देने की वजह से वो ठीक से कपड़े नहीं सिल पाती है इसीलिए मैं मेरी माँ को चश्मा देना चाहता हुँ, ताकि मैं अच्छे से पढ़ सकूँ बड़ा आदमी बन सकूँ, और माँ को सारे सुख दे सकूँ.!
टीचर — बेटा तेरी सोच ही तेरी कमाई है ! ये 100 रूपये मेरे वादे के अनुसार और, ये 100 रूपये और उधार दे रहा हूँ। जब कभी कमाओ तो लौटा देना और, मेरी इच्छा है, तू इतना बड़ा आदमी बने कि तेरे सर पे हाथ फेरते वक्त मैं धन्य हो जाऊं !
20 वर्ष बाद……….
बाहर बारिश हो रही है, और अंदर क्लास चल रही है !
अचानक स्कूल के आगे जिला कलेक्टर की बत्ती वाली गाड़ी आकर रूकती है स्कूल स्टाफ चौकन्ना हो जाता हैं !
स्कूल में सन्नाटा छा जाता हैं !
मगर ये क्या ?
जिला कलेक्टर एक वृद्ध टीचर के पैरों में गिर जाते हैं, और कहते हैं — सर मैं …. उधार के 100 रूपये लौटाने आया हूँ !
पूरा स्कूल स्टॉफ स्तब्ध !
वृद्ध टीचर झुके हुए नौजवान कलेक्टर को उठाकर भुजाओं में कस लेता है, और रो पड़ता हैं !
दोस्तों —
मशहूर हो, मगरूर मत बनना
साधारण हो, कमज़ोर मत बनना
वक़्त बदलते देर नहीं लगती..
शहंशाह को फ़कीर, और फ़क़ीर को
शहंशाह बनते, देर नही लगती ….