

Lockdown wali Diwali …
9 pm 9 min…. 🙏
*अलौकिक त्यौहार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..*
Jai shree Ram
मैं भी उतना ही जला था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर फिर भी वो जाते-जाते मुझ पर ……… खुदगर्ज़ी की तोहमत लगा गयी ।
मैं भी उतना ही तड़पा था उसके संग …… जितना कि वो ,
और वो मुझे उस तड़प की ……. कोई और वजह बता गयी।
यूँ तो उसने और मैंने कसमें खाई थीं ………. साथ चलने की ,
जिसमे ना कोई वादे थे और ना कोई रस्में …… साथ जीने-मरने की ।
मैं भी उतना ही संभला था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर वो मेहरबाँ मुझे मेरे बहने की ……… एक नई वजह बता गयी ।
साथ उसका और मेरा कुछ पलों का ही सही ……… तो क्या ,
हर उस साथ में मैंने अपने फ़लसफ़े का ………. इनाम पाया था ।
मैं भी उतना ही गिरा था उसके संग …… जितना कि वो ,
और वो हर बार मेरे गिरने पर ……. अपनी जीत का जश्न मना गयी ।
अफसानों को बनते हुए कई साल लग गए ………. ओ साथी ,
मगर हर साल मेरे हर एक अंग का …… वो भरपूर लुफ्त उठा गयी ।
मैं भी उतना ही छिपा रहा था उस लुत्फ़ से …… जितना कि वो ,
मगर वो मुझे उस लुत्फ़ के मयकदे का ……… एक साक़ी बना गयी ।
जवाँ वो भी थी , जवाँ मैं भी था ……… मगर उस जवानी की कसक कुछ और थी ,
इसीलिए वो मेरी जवानी पर अपनी तड़प लुटा ………. मुझे और ज्यादा जवाँ बना गयी ।
मैं भी उतना ही लुटा था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर वो मेरे लुटने पर ……. मज़े लेने का एक नया विशेषण लगा गयी ।
दिल~ए ~ बर्बादी का नया शौक़ ………. मैंने पाल कर कुछ गुनाह ना किया ,
वो हर बार मेरे बर्बाद दिल को …… आबाद करके कसम निभा गयी ।
मैं भी उतना ही जगी थी उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर वो हर बार मेरे जगने पर ……. एक हवस का तमगा लगा गयी ।
मैं भी उतना ही जला था उसके संग …… जितना कि वो ,
मगर फिर भी वो जाते-जाते मुझ पर ……… खुदगर्ज़ी की तोहमत लगा गयी ।
1 year bad kal dekha tha unko sayad.
Khuda ki inayat thi.
Or To or ( pahli bar aisa hua tha ki o mere pass se Gujar gai. Or mujhe pta tak nhi chala. Phir mere ek dost ne mujhe bataya ki O yaha se abhi gai hai. )
Sayad unhone mujhe dekha hoga.. ya nhi ye confirm nhi hu.
Kyoki mai tej raftar se ja raha tha.. phir maine bike ghumaya , or back gya. Ab jo hua O suniye ,
Pta nhi kyu O bhi thore dur aage Jakar lout gai. O mujhe dekh kar lauti ya kuchh or wjh se pta nhi.
But unka Lout ke aana mujhe tirchhi Nazar se dekhna.. or mera unse nazar milana..
Meri Eid to usi wakt ho gai..
Kya Lg rhi thi. O
Jaise ki.
तुम्हारी खूबसूरती की दिन रात तारीफ करता हूँ में….
तुम्हारी तस्वीर लेकर यूँ ही हमेशा देखा करता हूँ में..
क्या करू में..इतनी खूबसूरत जो हो तुम…
जन्नत से आई कोई परी हो तुम…!!!
तुम्हारी ये नशीली आँखें…और उनमे वो गहरे काजल..
उन्हे और भी खूबसूरत बनाती है..
उनमे और भी नशा जगाती है..!!
तुम्हारी ये प्यारे होंठ…और उनमे वो गुलाबी रंग….
छूने को मन करता है..
उनसे बातें करने को दिल करता है..
तुम्हारी ये घने घने ज़ूलफे…और उनमे वो रेशम सा रंग…
उनमे खो जाने को दिल करता है….उसमे सिमट जाने को दिल करता है..!!!
इतनी खूबसूरत हो तुम….औरो से बिल्कुल अलग हो तुम….आँखों की जन्नत हो तुम…
जन्नत से आई कोई पारी हो तुम..
कुछ दोस्त मेरे, मुझे बोलते हैं , ओ तुम्हें भुल गयी । तुम भी उसे भुल जाओ ।
But
मेरा दिल अभी तक मानने को Ready ही नहीं होता ।
होगा भी कैसे ओ ये जानता है , की ओ तुमपे विस्वास करती है , तब ही तो अभी तक तुम्हें Call नहीं की ओ भी ये जानते हुए कि मुझे गुस्सा आने पर , और बहुत बात जो मै नहीं लिख सकता ।
खैर मैं ये तो जानता था ।
But [ आज मेरा Favorite Friend ( मेरा जान ओ जिगर ) ऐसा कोई दिन नहीं होता जब मैं इससे लरता नहीं , पर एसा भी दिन नहीं होता जब मैं उससे बात किये बिना रह पाऊ । ]
💓 Friend Name – Vinay 💓
पर इसने मुझसे कहा Nilesh Kumar ओ तुम्हें भुल नहीं सकती । और पहले की तरह आज भी तुमपे उतना ही विस्वास करती है , जितना पहले करती थी ।
क्योंकि ,, छोडिये वो बातो को ।
Ek Shayri Suniye.
( Kar Aitbar tu uspe aisa Nilesh kabhi Galti se Hi mil jaye O kahi..
To Use ye n kahana pre.. yaar tum badal gye ho. )
#Nilesh.
चले ।
#Nilesh
Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry
जो कभी तुम मोहब्बत करो तो पता चले
सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले
यूं इश्क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,
लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
क्या याद है तुमको हमारी मोहब्बत का वो जमाना,
वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्टों बतियाना,
अरे कितने झूटे थे तुम्हारे वो वादे तुम्हारे वो Messages,
जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको
तो पता चले,
और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,
तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,
लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्हारी अगर,
तो ब्लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्हें जख्मी होते हुए,
अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्हारे घावों पे,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्हारे घावों पे,
लेकिन कभी तुम्हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
लेकिन कभी तुम्हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,
तो पता चले,
और जिन्दगी तो उसने भी माना होगा तुम्हें,
लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,
घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,
लेकिन है हिम्मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,
कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,
हमारी मोहब्बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,
लेकिन वो दरक्त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्हारा,
जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,
उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्या है,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्या है,
तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर, तुम्हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,
लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,
अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्हें दर्द नहीं होता,
यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्हें दर्द नहीं होता,
और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्हारे जाने का अब,
कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्हारे जाने का अब,
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्हें मेरी अहमियत तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्हें मेरी अहमियत तो पता चले,
लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्ते तोड़ देना,
किसी को छोड़ देना,
जो ताउम्र किसी एक के होके निभा सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
गली-ए-यार से गुजरे जो एक रोज़ हम यूँ ही,
तो उनकी खिड़की पर कोई नज़रें गढ़ाए बैठा था,
गुज़र ही चुका था आखिर दौर-ए-मलकियत अपना तो,
अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था।
-Nilesh
1.Kisi Se Rooth Kar Darwaza Bhale
Band Kar Lijiye
Par Ek Khidki Jarur Khuli Rakhiye
Gunjaish Ki Ummidon Ki…!!
2.Nahi Chhodi Kami Maine Kisi Bhi
Rishte Ko Nibhane Me
Aane Wale Ko Dil Ka Rasta Bhi Diya
Jaane Wale Ko Khuda Ka Wasta Bhi Diya…!!
3.Khatam Kar Di Thi Zindagi Ki Har
Khusiyan Tum Par
Kabhi Fursat Mile To Sochna Ki
Mohabbat Kis Ne Ki Thi…!
4.Tumhare Ghar Ka Pata Nahi Hai,
To Poochne Me Jhijhak Rahi Hai,
Wo Ek Kamjor Dil Ki Ladki,
Sadak Pe Tanha Bhatak Rahi Hai.
5.Ye Na Samjho Ki Daleele Kam Thi Meri Begunahi Ki,
Mohabbat Katghere Me Thi To Chup Rehna Munasib Tha.
#Nilesh