फ़िल्म – वन्स अगेन
Once Again, Movie Review
फ़िल्म – वन्स अगेन
जोया – मै तुम्हारे साथ नहीं भाग सकती प्लीज मुझे माफ़ कर दो , मुझे बहुत अफसोस है कि मैंने तुमसे शादी की, प्लीज मुझे माफ़ कर दो , मै मजबूर हूं ।
निलेश – प्लीज जोया ऐसा मत बोलो, तुम ऐसा नहीं कर सकती मेरे साथ ।
मै मर जाऊंगा तुम्हारे बिना ,
प्लीज जोया ऐसा मत करो ।
प्लीज प्लीज प्लीज …
जोया – प्लीज निलेश मुझे माफ़ कर दो । Sorry
कॉल कट गया ।
और अब आखिर हुआ क्या ऐसा जिससे दो प्यार करने वाले आपस में शादी करने के बाद भी न मिल पाए ।
जानने के लिए आगे पढ़ते रहे ।
( पहली बार सैंडल से मार )
बात उस टाइम की है। जब मै 9 th में पढ़ता था। मेरे लाइफ में सब कुछ अच्छा चल रहा था । मुझ में कुछ ज्यादा ही बचपना था, हमेशा खुश रहना, मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी, ओ बचपन से ही मेरी क्लासमेट थी, ओ मुझे बहुत पसंद थी । उसका नाम अमिका था ।
ओ बहुत शरारती थी । इस सब कारण से ओ मुझे बहुत अच्छी लगती थी ।।
उसी वक्त हमारे क्लास में इस कहानी कि हीरोइन की एंट्री हुई ।
नाम ” जोया ” ,
जब मैंने उसे पहली बार देखा था, मेरे दिल को भा गई थी ।
उसकी मासूमियत, उसकी आंखे, उसकी ओठ , बहुत गुलाबी थी ।
ऐसा लगता था, जैसे हूर की परी हो।
ओ क्लास में बहुत कम बोलती और हस्ती थी ।
उसकी इसी मासूमियत पे मेरा दिल आ गया । बट मैंने उससे अपने प्यार को जाहिर ना किया ।
उसी वक्त हमारे कोचिंग के सामने वाली कोचिंग में मेरा चचेरा भाई पढ़ता था ।
ओ जोया को बहुत पसंद करता था , हमारे कोचिंग में ये हल्ला मचा हुआ था , की जोया भी उसको पसंद करती है , ये सुन कर मेरा दिल बैठ सा गया , अब मैं उसे उतना नहीं देखता था ।।
फिर टाइम निकलता गया । कुछ दिन बाद मै कोचिंग में ही था, तो बाहर बहुत हल्ला हो रहा था, की एक लेडिज एक लड़के को सैंडल से मार रही है। मेरे कोचिंग के सब बच्चे बाहर निकले, मै भी निकला, और हा उस टाइम जोया कोचिंग नहीं आई हुई थी ।
जब मै बाहर निकला तो देखा , मेरे चचेरे भाई को जोया की मम्मी सैंडल सैंडल मार रही है । मेरी ये सब देख कर फट सी गई थी ।
फिर सब लोगो ने उसे बचाया, जोया वहीं पे साइड में खरी ये सब देख रही थी। और बहुत डरी सहमी हुई थी ।
मुझे लोगो से पता चला कि मेरा भाई उससे छेड़ – छाड़ करने की कोशिश कर रहा था। इसी कारण लड़की ने अपनी मम्मी को बुला लाई है। मुझे भी ये सुन कर बहुत गुस्सा आया, मैंने अपने भाई से बोलना बंद कर दिया, ।
और फिर सब पहले जैसा चलने लगा ।
अब स्टार्ट होती है ,
मेरी प्रेम कहानी । ( निलेश – जोया )
उस वक्त जोया की 3 बेस्ट मित्र थी , अमीका, नेहा, सोनम !
नेहा मेरे ही घर के पास की थी। मैंने उससे पूछा कि जोया उससे बात करती है क्या , तो वो बोली ,
नेहा – नहीं , ओही उसे बार बार ज़बरदस्ती बात करने को बोलता था , इसी सब से परेशान हो कर ओ अपनी मम्मी को बुला लाई ,
ये सुन कर मेरे दिल को राहत मिली । की चलो अब अपना कुछ हो सकता है ।
फिर सब नॉर्मल हो गया । हम रोज क्लास जाते थे। पढ़ने में बहुत तेज थीं। हम दोनों में कभी बात तो नहीं होती थी , बट ओ मुझसे चिढ़ती बहुत थी, और ऐसा क्यू ओ पता नहीं मुझे ।
ऐसा मैंने उसके दोस्तों के मुंह से सुना था कि ओ तुम्हे देख कर गुस्सा हो जाती है। मैंने पूछा क्यों भाई, ऐसा क्यू ? तो पता चला कि तुम उससे जल्द सर को गणित या कोई और विषय के नोट्स बना कर दिखा देते हो ।
मुझे तो बड़ा अजीब लगा , और मन ही मन खुश भी था , की चलो कुछ तो है।
फिर मैंने उसके तरफ कोचिंग जाना सुरु किया, उसके घर से थोड़े दूर पे एक सर गणित की कोचिंग पढ़ाते थे,।
ओ सर मुझे बहुत पसंद करते थे । तो मै घंटो वहा जाकर पढ़ता था, और उसी सब से वक्त निकाल कर मै और मेरा एक दोस्त विनय रोज जोया के घर के तरफ जाने लगे । उसके घर के तरफ एक आम का बगीचा था । जहा से जोया का घर साफ साफ नज़र आता था । अब मै और विनय घंटो वहा बिताने लगे । रोज 4 से 5 घंटे खड़े होकर , मच्छर कटवा कर टाइम बिताने लगे।
जोया रोज साम को अपने छत पे आती थी , और पढ़ती थी । कभी छत पे इधर से उधर करती थी, मैं उसे सिर्फ देखता रहता था ।
धीरे धीरे उसने भी मुझे नोटिस करना सुरु कर दिया था। फिर क्या था मै और मेरा दोस्त और ज्यादा वक्त निकाल कर वहीं आम के बगीचे में टाइम बिताने लगे । और जोया को देखते रहते थे । इसी तरह वक्त गुजरते गया । लगभग इसी तरह 4 महीने बीत गए , मैंने उसे अभी तक प्रपोज नहीं किया था। बट उसकी आदते मेरी तरफ बार बार देखना, ये सब देख कर लगता था, की वो भी मुझे चाहती हैं ।
इसी बीच में हमारे कोचिंग से सब बच्चे बोध गया घूमने जाने वाले थे , तो मै भी जाने वाला था, और नसीब की बात तो ये थी कि, जोया भी जा रही थी। ये सब सुन कर मेरा दिल बहुत खुश हो गया , मेरे दोस्तो ने मुझसे कहा कि, ये अच्छा मौका का है, उसे प्रपोज कर दो ।
मौका तो बहुत मिला पर मुझसे हिम्मत ना हुई , और बौद्ध गया से बिना प्रपोज किए हुए ही लोट आया ।
फिर 30 दिसम्बर 2012 को मैंने हिम्मत कर के जोया की दोस्त जो मेरे घर के पास रहती थी। उसे मैंने कुछ चॉकलेट दिया और बोला कि जोया को दे देना ।
इतना कर के मै बहुत खुश था , पर ये खुशी मेरी ज्यादा टाइम तक नहीं रही , मुझे पूरा उम्मीद था, की जोया हा बोलेगी, पर ऐसा हुआ नहीं , 31 दिसम्बर को नेहा ने बताया कि ,
(Ye Line viwad purn hai )👇
{ नेहा – जोया ने ये सब लेने से मना कर दिया है।। और ओ तुमसे बात नहीं करना चाहती है ।
मै बहुत उदास हो गया , बहुत रोया ,फिर मेरे दोस्त ने कहा कि हार मत मानो , जोया ने खुद तो तुम्हे ना नहीं कहा होगा, शायद नेहा तुमसे झूठ बोली होगी ।। और सच में नेहा ने झूठ बोला था, उसने जोया को चॉकलेट दिया ही नहीं था, और मुझसे आ कर झूठ बोल दी थी ।}
फिर मैंने अपने दोस्त की बात मान कर पहले की तरह रोज जोया के घर के तरफ जाने लगा ।।
पर अब जोया मुझ पर पहले से ज्यादा ध्यान देती थी ।
हमारे कोचिंग में कभी कभी टेस्ट होता था । तो सभी बच्चे को एक एक बेंच पे अलग अलग बैठाते थे। जिससे कि कोई चोरी ना कर सके । मै और जोया पढ़ने में बहुत तेज थे , इसीलिए क्लास में हम दोनों के नंबर हमेशा अच्छे आते थे ।
एक बार उसी तरह के टेस्ट में जोया मेरे पास वाली बेंच पे बैठी थी । उसे फिजिक्स का एक प्रश्न का उत्तर नहीं आ रहा था , तो उसने मुझ से इशारे में पूछा, ये पहली बार था , जब उसने मुझसे कुछ इशारा किया था, मै तो ये देख कर सातवे आसमान में पहुंच गया था, फिर मैंने अपने आप को कन्ट्रोल कर के उसे इशारे में ही उत्तर बताया।
ओ उत्तर तो समझ गई, पर सर ने मुझे ऐसा करते देख लिया और मुझे दूसरे जगह पे बैठा दिया। मै बहुत खुश था, की कम से कम उसने कुछ तो इशारा किया, फिर इसी तरह हर टेस्ट में ओ कुछ बोलती तो ना थी, पर इशारे इशारे में हम दोनों कुछ प्रश्न के उत्तर आपस में शेयर कर लेते थे । ये बात अब पूरे कोचिंग को पता चल गई थी ।। इसीलिए सर मुझे और उसे क्लास रूम के फर्स्ट और लास्ट बेंच पे बैठाने लगे। फिर हम दोनों में कुछ कुछ इशारे होते रहते थे ।
(मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा रहता है )
और मै रोज की तरह शाम में उसके घर के तरफ जाता है था, और उसे देखते रहता था । सब कुछ ऐसे ही चल रहा था, की एक दिन जोया आपने छत पे नहीं आई। मैंने पूरे दिन इंतजार किया पर ओ नहीं आई । अगले दिन सुबह ओ कोचिंग आई , तो उसे देख कर मेरे दिल को सुकून मिला ।
फिर मै उस दिन शाम को उसके घर के तरफ आम के बगीचे में गया , उस दिन वो छत पे आई, पर थोड़ी देर बाद ही , अपने छत पर वाले घर में चली गई । फिर ओ बाहर नहीं आई। मैंने 1 घंटे वहीं उसका इंतजार किया पर ओ नहीं आई, तो मुझसे रहा नहीं गया , मै उसके घर के पास गया , उसके घर के पीछे से एक रास्ता जाता है । तो मै उसी रास्ते से जाने लगा । तो मैंने देखा जोया अपने खिड़की पे आकार पढ़ रही है।। देख कर मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ।
फिर मै अब उसके खिड़की के सामने बैठ कर टाइम बिताने लगा ।
ओ भी रोज शाम वहीं आकार पढ़ती थी । और मै उसी के खिड़की के सामने एक छोटी सी दीवाल थी । उसी पे बैठ कर उसे देखता रहता था। ओ कभी कभी मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा देती थी ,
और मै ये देख कर फुला न समता था । इसी तरह वक्त गुजरता गया, और 7 महीने गुजर गए,
अब वक्त आया उस दिन का जब —?
मै और जोया पहली बार बात करने वाले थे। ओ बात कैसे हुई ओ नीचे पढ़े ।
( Propose With Dehati Style )
और हा हमलोगो का , कोचिंग क्लास खत्म हो चुका था , क्योंकि हुमलोगो का 10 th का एग्जाम होने वाला था । तो जोया दिन भर घर पे ही रहती थी। तो मै अब पूरे दिन उसके घर के तरफ ही रहता था। उसे देखते रहता था।
एक दिन मेरा दोस्त विनय मेरे साथ जोया के घर के तरफ नहीं गया था । उस दिन मै रोज की तरह उस दीवार पे बैठा हुआ था और जोया आपने खिड़की के पढ़ रही थी ।
{ ये घटना 11 मार्च 2013 को हुआ था }
तो एका एक मैंने देखा जोया मेरी तरफ हाथ कर के इशारे कर रही है।। की मेरी खिड़की के पास आओ । पहले तो मेरी फट गई, क्योंकि और सब दिन साथ में विनय रहता था , और आज मै अकेला था, फिर मैंने हिम्मत कर के उसके खिड़की के नीचे गया । पहली बार उसकी आवाज सुनी जिसमे उसने मेरे लिए कुछ बोला हो , आए – हाय , मै तो वैसे ही उसका दीवाना था। उसकी आवाज सुन कर तो मै पागल सा हो गया। फिर उसने पूछा ”
जोया- ” यहां तुम क्या करने आते हो , तुम रोज आते हो, और मुझे देखते रहते हो क्यू ” ?
मै – क्या बोलूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, तो मैंने बोला सिर्फ तुम्हे देखने आता हूं।।
उसी की घर के सटे एक घर में एक फूल का पेड़ था जिसका फूल घर के बाहर भी आया हुआ था, पर ओ गुलाब का फूल नहीं था, फिर भी मैंने उसी फूल को तोर कर , एक पैर पे बैठ कर उसे प्रपोज किया, उसने कुछ न बोला , और ना ही फूल लिया , क्योंकि ओ छत पे खिड़की के पास थी ।
ये सब करते टाइम मुझे बहुत डर भी लग रहा था , क्योंकि उस वक्त उस रास्ते से कोई भी आ – जा सकता था । पर भगवान की किर्पा थी, कोई न आया ।
और फिर मैंने जोया से कहा तुम अपना नंबर दो, मुझे तुमसे बात करनी है , तो उसने कहा ,
जोया – तुम दो मुझे अपना नंबर मै तुम्हे फोन करूंगी। उस वक्त ओ अपनी मम्मी का फोन अपने पास रखती थी ।
( हलका एक्सिडेंट )
तो मैंने उसे अपना नंबर दे दिया ।
नंबर तो दे दिया बट मेरा नसीब खराब मेरे मोबाइल का बैटरी खत्म हो गया था ।
तो मै जल्दी जल्दी भाग कर घर आ रहा था ।
घर पहुंच कर मोबाइल की बैटरी चार्ज करने की इतनी जल्दी थी कि मैंने रास्ते में पड़ने वाले सड़क का खयाल ही नहीं रखा, और इसी सब मेरा हलका एक्सिडेंट हो गया।। बट जोया से बात करने की इतनी जल्दी थी कि मुझे पता भी नहीं चला कि मै गिर गया ह, मै जल्दी से उठ कर घर के तरफ भागे जा रहा था , उसी वक्त मेरा एक दोस्त मिल गया , उसका घर वहीं था,
मेरा दोस्त- क्या हुआ निलेश कहा भागे जा रहे हो ,
तो मैंने उससे सिर्फ इतना कहा कि तुम अपना मोबाइल दो , मुझे अपनी सिम तुम्हारे मोबाइल में लगानी है ।
तो मेरे दोस्त – ने जल्दी से अपना मोबाइल दिया , मैंने अपना सिम उसके मोबाइल में लगाया ।
( ये मेरा वहीं दोस्त है जो आगे चलकर मेरी प्रेम कहानी में बहुत बड़ा योगदान देने वाला है , इस दोस्त का नाम मनीष है ।)
सिम लगाते ही जोया की फोन आ गया, ओ मेरे फोन उठाते ही गुस्से में बोल पड़ी ,
जोया – फोन बंद क्यों था, बात नहीं करनी थी तो नंबर ना देते।
उसकी ये गुस्से वाली आवाज सुन कर मै डर गया, की कही ओ मुझसे बिना बात किए ही फोन रख न दे , और फिर कभी बात न करे ।
मैंने उसे कहा कि मेरी मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई थी । इसीलिए बन्द था। फिर मैंने उसे सब बताया कि कैसे मैंने मोबाइल ओपन किया । तब जाकर उसका गुस्सा खत्म हुआ।
फिर हमने थोड़े देर ऐसे ही पढ़ाई और एग्जाम को लेकर बात की ।
उस दिन ज्यादा बात नहीं हुई। उसने फोन रख दिया । रखते वक्त मैंने उससे पूछा कि अब कब कॉल करोगी , तो उसने कहा सोचेंगे ।
इस खुशी में मुझे पूरी रात नींद नहीं आई ऐसा लग रहा था, जैसे मुझे सब कुछ मिल गया हो, मै बहुत खुश था।।
मेरा एग्जाम 13 मार्च से होने वाला था, तो मै 12 मार्च को जोया के कॉल आने का इंतजार करने लगा , उसने पूरे दिन कॉल न किया ,
उसने मुझे कॉल करने के लिए मना किया था । इसीलिए मै इतंजार कर रहा था।। उसी दिन रात 8 बजे उसका कॉल आया । तब जाकर मेरे दिल को सुकून मिला ।
मैंने उससे उस दिन 3 घंटे बात की , बहुत सारी बात, फिर मैंने उसे बताया कि मेरा एग्जाम सेंटर घर से 12 किलोमीटर दूर है।। इसीलिए मैंने वहीं रूम ले लिया है । तो उसने कहा कि ठीक है।।
बट मेरा दिल उसे देखे बिना कहा रहने वाला था ।
तो फिर मै एग्जाम सेंटर के पास रूम लेकर रहने लगा ।
और रोज रात उससे बात होती, एग्जाम के बारे में , कैसा एग्जाम गया यही सब ।
( 24 Km साइकिल पर )
बट अभी तक ना ही मैंने और ना ही उसने प्रपोज किया था । हमलोग को बात करते करते 5 दिन बीत चुके थे । और मुझे उसे देखे हुए 3 दिन, सो मुझे जोया को देखने का बहुत मन कर रहा था। और हा उस टाइम मेरे पास बाइक नहीं थी। तो मेरा दोस्त सेंटर पे अपना साइकिल ले कर गया था, मैंने उसकी साइकिल मांगी और जोया को देखने आ गया । जब जोया के घर के पास आकर उसे कॉल किया तो उसने मुझे बहुत डाटा ,
जोया – कि क्या जरूरत थी। उतनी दूर से साइकिल से आने की,
उसने बात तो सही कही थी, मैंने अपनी लाइफ में पहली बार उतनी दूर साइकिल चलाया था, बट उसके सामने मैंने कहा कोई बात नहीं है । इतना चलता है ।
फिर मैंने उसे देखा , ओ बहुत हसीन लग रही थी । बहुत प्यारी , उसने गुलाबी रंग की स्कर्ट और ऑर्रेंज रंग की टी शर्ट पहन रखी थी, दिल कर रहा था, बस देखता रहूं। फिर कुछ देर बाद मै वहा से सेंटर पे आने के लिए निकल पड़ा क्योंकि रात होने वाली थी और दूरी जाना था।। तो मै सेंटर पे पहुंचा मेरी तो सच में फट गई थी, 24 km साइकिल मैंने कभी नहीं चलया था। इसीलिए मेरे पैर बहुत दुख रहे थे। और थोड़ा बुखार भी आ गया था । शुक्र थी कि उसके अगले दिन एग्जाम नहीं था मेरा, सो मै वहीं रेस्ट करने लगा, विनय मेरे साथ ही वहीं था , उसने डॉक्टर से दवा लेकर दी, मेरे पैर दवा दिए, तब जाकर मै ठीक हुआ।
ये बात मैंने जोया को नहीं बताया ।
इसी तरह एग्जाम खत्म हो गया, और मै अपने घर आ गया ।
अब रोज रात को बात होती थी । हम घंटो बात करते थे , पर अभी तक किसी को किसी ने प्रपोज नहीं किया था, तो मैंने एक दिन उसे ऐसे ही मजाक में बातो बातो में ” I LOVE YOU ” बोल दिया , मुझे लगा कि ओ बुरा न मान जाए पर जो हुआ मै सोचता रह गया ।
उसने बताया कि ,
जोया – ओ मुझसे कब से ये सुनना चाहती थी , बट मैंने हि बोलने में बहुत देर कर दी ।
अब हम दोनों बहुत खुश थे। सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था, हम रोज बात करते थे।
फिर जोया ने कहा कि
जोया – ओ कम्प्यूटर क्लास करने जाने वाली है। मुझे भी ये जानकर अच्छा लगा, की इसी बहाने कम से कम पहली बार ही हम मिल तो पाएंगे ।
उसने कम्प्यूटर क्लास जाना सुरु कर दिया, पहले दिन मै उसके पीछे पीछे उसके क्लास तक गया । उसी दिन पहली बार मैंने उसका हाथ पकड़ा था। और उसका हाथ पकड़ कर सड़क पे साथ साथ चल रहा था।।
हम दोनों बहुत खुश थे। और अपना कम्प्यूटर क्लास करती तब तक मै बाहर उसका इंतजार करता, फिर साथ में हाथ मै हाथ पकड़ कर घर जाते ।[ ये मेरा और उसका पहला स्पर्श था ]
पर भगवान को हमारी खुशी मंजूर नहीं थी ! हम दोनों 2 दिन तो साथ में गए ही थे कि,
( दूसरी बार सैंडल से मार )
रात में बात कर रहे थे, की जोया का कॉल कट गया, और फिर मोबाइल बंद बताने लगा । मुझे थोड़ी घबराहट होने लगी।।फिर जैसे तैसे रात काटी , सुबह मै उसका इंतजार करने लगा । ओ रोज की तरह कम्प्यूटर क्लास जाने के लिए आई , और हम साथ जाने लगे ।
मैंने उससे पूछा कल नाइट में क्या हुआ था, तो उसने कहा कि मम्मी आ गई थी , इसीलिए कॉल रख दी थी।।
फिर ओ क्लास में चली गई , और मै उसका इंतजार करने लगा ।
” बट अब जो होने वाला था उससे पूरी कहानी बदलने वाली थी। ”
उसका क्लास खत्म हुआ और हम साथ में जाने लगे, तभी रास्ते में उसकी मम्मी मिल गई , उसकी मम्मी रात में उसकी बात करते सुन ली थी पर उसने जोया को कुछ कहा नहीं था, और चुप चाप आज उसके पीछे पीछे आ गई थी , जीस बात का पता मुझे और जोया को नहीं था ।
हम कोचिंग क्लास से साथ निकले और हाथ में हाथ डालकर आ रहे थे , तब ही रास्ते में उसकी मम्मी मिल गई,” फिर जो पूरी सरक पे बहुत लोगो के सामने मेरी कुटाई हुई,ओ आप लोगो को जानने वाली बात है। ”
उसकी मम्मी हमारे पास आई और बिना कुछ बोले समझे मेरे ऊपर थप्पड़ बरसाना सुरु कर दिया, फिर उन्होंने अपना सैंडल निकला और मेरे ऊपर लगातार 33 सैंडल बरसा डाली,
वहा पे तो लोगो का बहुत अच्छा भीड़ जमा हो गया था, बहुत लोग उसकी मम्मी को मना कर रहे थे, की आप क्यों मार रहे है, इस लड़के को, तो उसकी मम्मी ने कहा कि मेरी बेटी को परेशान कर रहा था, तो आस पास के लोगों ने कहा कि ऐसा तो नहीं है, आपकी बेटी और ये लड़का दिनों साथ में हस्ते हुए बाते करते आ रहे थे, और आप एका एक आई और इस बच्चे को मारने लगी ।
तो उसकी मम्मी ने कहा कि – पूछिए मेरी बेटी से, कि इस लड़के ने इसे परेशान किया है कि नहीं ।
इस बात पे जोया ने कुछ न बोला और सिर्फ रोती रही। बहुत रोए जा रही थी ।
फिर लोगो ने मुझ से पूछा कि। ये सही है, तो मैंने कहा कि अगर इनकी बेटी बोल देती है तो मुझे जितना मारना हो या जो करना हो कर सकती है ।
बट जोया सिर्फ रोए जा रही थी । ओ कितना भी कुछ बोलने पे नहीं बोल रही थी ।
फिर उसकी मम्मी ने सबके सामने मुझ से कहा कि तुम आज के बाद इसे कॉल नहीं करोगे।।
फिर मैंने उनसे सिर्फ इतना कहा कि अगर यही बात जोया खुद बोल दे तो मै कॉल नहीं करूंगा ।
बट जोया सिर्फ रोई जा रही थी।। और रोते रोते उसने ” हा ” में सर हिला दिया ।
उसके बाद सब अपने घर गए , मै भी अपने घर गया, ये बात मेरे पूरे गांव में आग कि तरह फ़ैल गई, की मुझे सैंडल से मार लगा है ।
मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता ,पर
मै जोया के इस बर्ताव से बहुत रोया , उस दिन मुझे ऐसा लग रहा था, की मै मर जाऊ । मेरा ज़िन्दगी खत्म हो गया है ।
पर मुझे पूरा उम्मीद था कि जोया मुझे जरूर कॉल करेगी ।।
इसके आगे क्या हुआ। जोया ने कॉल किया कि नहीं, या मैंने कुछ अपने साथ गलत किया,
ये आगे की कहानी में
अब मुझे तुम पहले की तरह याद नही रहती|
ना ही याद रह गयी हैं मुझे हमारे बीच की
कभी ना ख़तम होने वाली बातें|
मैं कुछ कुछ भूलने लगा हूँ तुमको
कुछ अपनी मुफ़लिसी में,
कुछ यूँ ही मजबूरी में|
वो गाहे बगाहे तुम्हारे नाम का ज़िक्र,
जान बूझ कर निकालना,
वो जिससे की तुम्हारी कोई ख़ैरियत की
खबर मिले…
वो डायरी में लिखा तुम्हारे उपर कोई शेर
और हर गाने में तुमको तलाशने का हुनर
कुछ कुछ भूलता जा रहा हूँ मैं|
मैं सोचता हूँ तुम्हारे बारे में कभी कभी
तो बस याद आती है तुम्हारी एक धुंधली सी तस्वीर
तुम्हारी आवाज़ भी अब ठीक ठीक पहचान नही सकता|
वो जो की तुमने एक वादा लिया था —
की अब मैं भूल जाऊं तुम्हें
वो जो की मैने एक वादा किया था —
कि कभी भुला नही सकता तुम्हें
अब कुछ कुछ भूल गया हूँ उस वादे को भी |
तुम्हारा वजूद सिमट कर रह गया है,
किसी ताले लगे सूटकेस की
एक पुरानी डायरी के कुछ पन्नो में,
किसी पुराने दोस्त के तकल्लुफ में,
और मेरे नये प्यार को खुश रखने के
साज़ो सामान के राज़ में|
ना याद है ज़ुबान पे रखा हुआ तुम्हारा नंबर,
ना ही याद है तुम्हारी गली के बेवजह चक्कर|
अब नही हो पाता तारों के साथ जागना बातों बातों में |
तुम्हारी आवाज़ सुनने की अब कोई बेताबी नही रहती,
ना ही बेताब रहता है दिल किसी दुआ की मंज़ूरी में|
मैं तुमको हर रोज़ थोड़ा थोड़ा भूलता जाता हूँ,
साथ में कहीं कहीं
अपना हिस्सा भी तुम्हारे साथ
पीछे टुकड़ा टुकड़ा ही सही, पर छोड़ता जाता हूँ|
वो ज़िस्म का भुखा मोहब्बत के लिबास में मिला था,
पहचानती कैसे उसे चेहरे पर चेहरा लगा कर मिला था .!
क्या पता था दर्द उम्र भर का देगा
वो दरिंदा बड़ा मासुम बन कर मिला था
पहली मुलाकत पर ही दिल में उतार गया था
वो मुझे पूरी तय़ारी के साथ मिला था
देखते देखते वो मेरा हमराज बन गया
कि हर दफा मुझे वो यकीन बन कर मिला था
माँ बाप से छुप कर उसको मिलने लगी थी
वो मुझे मेरा इश्क जो बन कर मिला था
हल्की सी मुस्कान लेकर वो मुझे छूता रहता था
वो हवसी मेरी हवस को जगाने की कोशिश करता था
वक़्त के साथ उसके इश्क का नशा मेरे सिर चढ़ने लगा था
मेरा भी ज़िस्म उसके ज़िस्म से मिलने को तरसने लगा था
मुझे इश्क के नशे में देख उसने मेरे ज़िस्म से वस्त्र को अलग किया था
जिस काम की वो तलाश में था उसे वो काम करने का मोका मिला था
टूट पडा था वो मुझ पर, हवस में दर्द की सारी हद पार कर गया था
उस रात वो पहली बार मुझे चेहरा उतार कर अपने आसली रंग में मिला था
हवस मिटा कर अपनी उसने मुझे जमीन पर गिराया था
दिल की रानी कहता था जो उसने तवायफ कह बुलाया था
मोहब्बत उसे थी ही नहीं ज़िस्म को पाने के लिए उसने नाटक किया था
मेरे प्यार मेरी मासूमियत के साथ खेल खेला था
फिर मुझे छोड कर पता नहीं कहा चला गया
मोहब्बत की आड़ में शायद किसी ओर को तवायफ बनाने गया था
कितना वक़्त गुजर गया जख्म रूह के अब भी हरे है
सोचती हु मोहब्बत के राह में क्यों इतने धोखे है
हर मोड़ पर क्यों खडे जिस्मो के आशिक है
खुद को किसी पर सोपने से पहले
थोड़ा सोच लेना…
कही वो शिकारी जिस्मो का तो नहीं
तुम थोड़ी जाच कर लेना
अब कभी खुद को तो कभी मोहब्बत तो कभी उसको कोशती रहती हु
हे किस्मत मेरे साथ तेरा क्या गिला था,
वो आखरी वार मुझे बिस्तर पर मिला था.!
#Nilesh
वो अमीर लड़की थी मैं गरीब,,,
क्या करता… ???
अमीर दिखने को #ब्रांडेड #जूता पहन लिया..😭😭😭
#Nilesh
1 year bad kal dekha tha unko sayad.
Khuda ki inayat thi.
Or To or ( pahli bar aisa hua tha ki o mere pass se Gujar gai. Or mujhe pta tak nhi chala. Phir mere ek dost ne mujhe bataya ki O yaha se abhi gai hai. )
Sayad unhone mujhe dekha hoga.. ya nhi ye confirm nhi hu.
Kyoki mai tej raftar se ja raha tha.. phir maine bike ghumaya , or back gya. Ab jo hua O suniye ,
Pta nhi kyu O bhi thore dur aage Jakar lout gai. O mujhe dekh kar lauti ya kuchh or wjh se pta nhi.
But unka Lout ke aana mujhe tirchhi Nazar se dekhna.. or mera unse nazar milana..
Meri Eid to usi wakt ho gai..
Kya Lg rhi thi. O
Jaise ki.
तुम्हारी खूबसूरती की दिन रात तारीफ करता हूँ में….
तुम्हारी तस्वीर लेकर यूँ ही हमेशा देखा करता हूँ में..
क्या करू में..इतनी खूबसूरत जो हो तुम…
जन्नत से आई कोई परी हो तुम…!!!
तुम्हारी ये नशीली आँखें…और उनमे वो गहरे काजल..
उन्हे और भी खूबसूरत बनाती है..
उनमे और भी नशा जगाती है..!!
तुम्हारी ये प्यारे होंठ…और उनमे वो गुलाबी रंग….
छूने को मन करता है..
उनसे बातें करने को दिल करता है..
तुम्हारी ये घने घने ज़ूलफे…और उनमे वो रेशम सा रंग…
उनमे खो जाने को दिल करता है….उसमे सिमट जाने को दिल करता है..!!!
इतनी खूबसूरत हो तुम….औरो से बिल्कुल अलग हो तुम….आँखों की जन्नत हो तुम…
जन्नत से आई कोई पारी हो तुम..
चले ।
#Nilesh
Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry
जो कभी तुम मोहब्बत करो तो पता चले
सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले
यूं इश्क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,
लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
क्या याद है तुमको हमारी मोहब्बत का वो जमाना,
वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्टों बतियाना,
अरे कितने झूटे थे तुम्हारे वो वादे तुम्हारे वो Messages,
जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको
तो पता चले,
और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,
तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,
लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्हारी अगर,
तो ब्लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्हें जख्मी होते हुए,
अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्हारे घावों पे,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्हारे घावों पे,
लेकिन कभी तुम्हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
लेकिन कभी तुम्हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,
तो पता चले,
और जिन्दगी तो उसने भी माना होगा तुम्हें,
लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,
घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,
लेकिन है हिम्मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,
कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,
हमारी मोहब्बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,
लेकिन वो दरक्त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्हारा,
जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,
उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्या है,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्या है,
तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर, तुम्हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,
लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,
अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्हें दर्द नहीं होता,
यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्हें दर्द नहीं होता,
और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्हारे जाने का अब,
कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्हारे जाने का अब,
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्हें मेरी अहमियत तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्हें मेरी अहमियत तो पता चले,
लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्ते तोड़ देना,
किसी को छोड़ देना,
जो ताउम्र किसी एक के होके निभा सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्बत करो तो पता चले।
गली-ए-यार से गुजरे जो एक रोज़ हम यूँ ही,
तो उनकी खिड़की पर कोई नज़रें गढ़ाए बैठा था,
गुज़र ही चुका था आखिर दौर-ए-मलकियत अपना तो,
अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था।
-Nilesh
1.Kisi Se Rooth Kar Darwaza Bhale
Band Kar Lijiye
Par Ek Khidki Jarur Khuli Rakhiye
Gunjaish Ki Ummidon Ki…!!
2.Nahi Chhodi Kami Maine Kisi Bhi
Rishte Ko Nibhane Me
Aane Wale Ko Dil Ka Rasta Bhi Diya
Jaane Wale Ko Khuda Ka Wasta Bhi Diya…!!
3.Khatam Kar Di Thi Zindagi Ki Har
Khusiyan Tum Par
Kabhi Fursat Mile To Sochna Ki
Mohabbat Kis Ne Ki Thi…!
4.Tumhare Ghar Ka Pata Nahi Hai,
To Poochne Me Jhijhak Rahi Hai,
Wo Ek Kamjor Dil Ki Ladki,
Sadak Pe Tanha Bhatak Rahi Hai.
5.Ye Na Samjho Ki Daleele Kam Thi Meri Begunahi Ki,
Mohabbat Katghere Me Thi To Chup Rehna Munasib Tha.
#Nilesh