गली-ए-यार से गुजरे जो एक रोज़ हम यूँ ही,
तो उनकी खिड़की पर कोई नज़रें गढ़ाए बैठा था,
गुज़र ही चुका था आखिर दौर-ए-मलकियत अपना तो,
अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था।
-Nilesh
गली-ए-यार से गुजरे जो एक रोज़ हम यूँ ही,
तो उनकी खिड़की पर कोई नज़रें गढ़ाए बैठा था,
गुज़र ही चुका था आखिर दौर-ए-मलकियत अपना तो,
अब कोई और था जो खुद को उनका महबूब कहता था।
-Nilesh
1.Kisi Se Rooth Kar Darwaza Bhale
Band Kar Lijiye
Par Ek Khidki Jarur Khuli Rakhiye
Gunjaish Ki Ummidon Ki…!!
2.Nahi Chhodi Kami Maine Kisi Bhi
Rishte Ko Nibhane Me
Aane Wale Ko Dil Ka Rasta Bhi Diya
Jaane Wale Ko Khuda Ka Wasta Bhi Diya…!!
3.Khatam Kar Di Thi Zindagi Ki Har
Khusiyan Tum Par
Kabhi Fursat Mile To Sochna Ki
Mohabbat Kis Ne Ki Thi…!
4.Tumhare Ghar Ka Pata Nahi Hai,
To Poochne Me Jhijhak Rahi Hai,
Wo Ek Kamjor Dil Ki Ladki,
Sadak Pe Tanha Bhatak Rahi Hai.
5.Ye Na Samjho Ki Daleele Kam Thi Meri Begunahi Ki,
Mohabbat Katghere Me Thi To Chup Rehna Munasib Tha.
#Nilesh
1.जब समय खराब चल रहा हो ना
तब गूंगे भी बोलने लगते है…
2.आजकल हर कोई अपना बनता है पर सिर्फ बातों से…
3.किसी को इतना भी दुख ना दे
की वो भगवान के सामने
आपका नाम लेते हुए
रोने लगे.
4.अच्छे दिन तो तब आयेँगे जब लोग…
मिठाई खिलाते हुए कहेँगे हमारे घर बेटी हुई है..!!
🙏🙏🙏
5.“जो होता है अच्छे के लिए होता है”
ये लाइन मजह एक आध्यात्मिक बात ही है।
6.रिश्तों की खूबसूरती एक दूसरे की बात बर्दाश्त करने में है
खुद जैसा इंसान तलाश करोगे तो अकेले रह जाओगे●
7.मेरी ना सही मेरी सलिखे को तो दाद दे …
तेरा ही जिक्र करता हु बगैर तेरे नाम का..❣
8.दुआएँ जमा करने में लग जाओ साहब…
खबर पक्की है
“दौलत और शोहरत” साथ नहीं जायेंगे…
9.किसी की पसंद बनना जरूरी तो नही..
पर किसी को पसंद करना ये आपके दिल पर है..
10.देखा करो कभी अपनी माँ की आँखों में,
ये वो आईना है जिसमें बच्चे कभी बूढ़े नहीं होते…! !
#Aman
(Suno Jaan)
Ab Fark Nahi Padta Part – 2
बात ऐसी है की इश्क तो जरूर होता है,
लेकिन इश्क में कटता भी सबका है।
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक़्त था जब तुझसे बेइंतिहा प्यार करता था,
अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आये फर्क नहीं पड़ता।
अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आये फर्क नहीं पड़ता,
एक वक़्त था जब तेरी परवाह करता था।
अब तू मेरी खातिर फ़ना भी हो जाये फर्क नही पड़ता,
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
अब क्या है social media का जमाना है और social media की relievence,
आज कल के प्यार-मोहब्बत में बहुत ज्यादा है।
तो उसे आज की जो 21 वी सदी की जो शेरो शायरी है उसमे दर्ज करना बेहद जरूरी है,
की एक वक़्त था जब तेरी id के नजाने कितने चक्कर लगाता था।
actually होता ऐसे है की ब्रेकअप के बाद कुछ भी पोस्ट डालती है,
तो हमें ऐसा लगता है वो हमारे ऊपर है even ये होता है कि-
जिसका दूर दूर तक कोई रिश्ता नही होता हम मतलब निकाल लेते है।
even वो कुत्ते की भी फोटो लगाती है तो हमें ऐसा लगता है हमारे उपर है यार,
कुत्ते की फोटो में तो जरुर लगता है।
एक वक़्त था जब तेरी id के नजाने कितने चक्कर लगाता था,
तेरी हर पोस्ट तेरे हर status के मायने निकला करता था।
एक वक्त था जब तेरी id के न जाने कितने चक्कर लगाता था,
तेरे हर पोस्ट के हर status के मायने निकाला करता था लेकिन
अब सुन ले , अब सुन ले
जब तूने मुसलसल खेला है Block और Unblock का खेल मेरे साथ,
जब तूने मुसलसल खेला है Block और Unblock का खेल मेरे साथ,
जा मेरी id ता जिन्दगी तेरी Blocklist में रख ले, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता।
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
जा मेरी id ता जिन्दगी तेरी Blocklist में रख ले, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता
याद कर वो वक्त जब तेरी Dp देखकर ही ,
मेरे धडकने तेज हो जाया करती थी !
याद कर वो वक्त जब तेरी Dp देखकर ही ,
मेरे धडकने तेज हो जाया करती थी !
और अब तू किसी रह गुजर पे बिलकुल करीब से गुजर जाये तो फर्क नही पड़ता।
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक़्त था जब तुझे तकलीफ में देखकर आँखे मेरी भर आया करती थी।
तुझे जो कोई खरोच भी आ जाये तो मेरी साँस अटक जाया करती थी।
तुझे जो कोई खरोच भी आ जाये तो मेरी साँस अटक जाया करती थी।
लेकिन अब सुनले की अब तो बेफिक्री का सुरूर है मुझपे कुछ ऐसा, कि कम्बख्त तेरी सांसे भी थम जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
हाँ तेरा कहना भी वाजिब है कि इसे इश्क नही कहते,
जो ये कविता सुन कर एक बेवफा को मेरी मोहब्बत पर शक हो जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।
एक वक़्त था जब तेरे तोरे इश्क की मिशाले दिया करता था।
प्यार-मोहब्बत के मायनो में बस कसमे वादे लिखा करता था।
अरे क्या कमाल हस्र किया है तूने वाफादाराने उल्फत का,
कि अब ये सारा का सारा शहर बेवफा हो जाये मुझे फर्क नही पड़ता।
हा माना की तेरी खूबसूरती मशहूर है दुनिया जहा में और इस कविता से तेरी बेवफाई के चर्चे हो जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था जब तेरी एक झलक पाने को तरसजाया करता था,
तू जिस कोने से नजर आती है मै वहीं बस ठहर जाया करता था,
अरे बिठा रखा था जो मुद्दतों से इन पलको पे मैने,
उसूलों से तो गिर गयी है अब नजरों से गिर जाये तो फर्क नहीं पड़ता।
बदसीरत हो गर तो फजूल है ये खूबसूरती तुम्हारी,
फिर भले खुदा तुम्हें हसी चेहरे बख्श जाये तो फर्क नहीं पड़ता।
एक वक्त था जब तुझे शहरों-शाम बैठकर मनाया करता था।
गुस्ताखियाँ तेरी हुआ करती थी और दरख्वास्ते मैं किया करता था।
तेरे उस बेवजह रूठने को मनाया है न जाने कितनी दफा,
कि भले ही पूरी की पूरी कायनात खफा हो जाये मुझे फर्क नही पड़ता।
अरे जो मेरी न हो सकी वो उसकी क्या होगी,
अब भले कुछ वक्त के लिए किसी गैर का दिल बहल जाये तो फर्क नही पड़ता।
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था जब तेरी महक पाने को तू जहाँ से गुजरती थी।
मै वहाँ से गुजरता था जो हवा तुझे छूती है,
वो मुझे छू जायेगी इस भरोसे से चलता था।
लेकिन अब सुन ले कि अब तो सूफी हूँ की खुशबू है खुद की मेरी साँसों में,
अब तो भले तू इस हवा में भी घुल जाये तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।
कि जब से मिट्टी होना पसन्द आया है मुझकों जय को,
फिर भले महलो मे आशियां हो जाए तो फर्क नही पड़ता।
खैर न अब तुझसे नफरत है, न मोहब्बत है कोई गिला-सिकवा नही है।
न कुछ अनसुना है न अनकहा है बचा कोई सिलसिला नहीं है।
महज इन कविताओं में जिक्र बचा है तेरा और सुन ले,
कि इतना ताल्लुक भी मिट जाये फर्क नहीं पड़ता।
राबदा न हो बेवफाओं से तो ही बेहतर है मेरे यार सब सुन लेना,
फिर रिश्ता भले काफिर दिलों से हो जाये तो फर्क नही पड़ता।
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
#Nilesh
1.Janam Janam Kaa Sath Haii Aajaa
Naa Jaa Re Naa Jaa Mujhe Chhod
Ke Naa Jaa
Sajde Kiye Haii Maine Raahon Me Terii
Pooja Haii Tujh Kooo Mere Yaar…!!!
2.Karni Haii Tujhse Kitni Hii Baaten
Doob Rahi Haii Merii Toot-Tii Sanse
Bujhti Nigahen Tujhe Dhoond Rahi
Haii Saamne Aajaa Ekk Baar….!!
3.Tera Deedar, Teri Fikar,
Tujhse Pyar Ki Baaten,
Taqaza Yahi Dil E Nadaan
Ka Subah Shaam Hota Hai!
4.Ek Kal Tha Dil Ne Kb Chahna Shuru
Kiya Malum Bhi Na Chala Ek
Kal Hoga Dil Ne Dekha Bhi
Na Jise Or Chahna Shuru Kar Diya.
5.Pal Kitne Bhi Guzar Lu Teri Baahon Me
Magar Har Saans Kehti Hai
Dil Abhi Bhara Nahi…!
6.Kissa Nahi Banna Hai Mujhe
Teri Mohabbat Ka
Sacchi Mohabbat Hai To Mujhe
Hissa Bana Apni Zndgi Ka…!
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था जब तुझसे बेइंतिहा प्यार करता था ,
अब तू खुद मोहब्बत बनी चली आए तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता !
अरे एक वक्त था जब तेरी परवाह करता था ,
अब तो तू मेरी खातिर फना भी हो जाये तो मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता
एक वक्त था जब तुझे हजारो Messages लिखा करता था
और कोई काम न था मेरा ,
और कोई काम न था मेरा , दिनभर बस तेरा Last Seen देखा करता था |
अब सुन ले ,
अब सुन ले , अरसा बीत गया है Visit किये हुए तेरी Profile को ,
जा , जा अब 24 घंटे Online रह जा मुझे फ़र्क नहीं पड़ता |
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था , जब तुझसे बिछड़ जाने का डर लगा रहता था ,
और तू कहीं छोड़ न दे , इस ख्याल भर से मै सहमा सहमा सा रहता था |
लेकिन अब सुन ले , अब सुन ले
इतना जलील हुआ हूँ तेरे इश्क में
इतना जलील हुआ हूँ तेरी इन रोज रोज छोड़ने छाड़ने की आदत से ,
कि तू अब 1 क्या , सौ दफा छोड़ जाये तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था , जब तुझ बिन एक पल न रह सकता था
एक वक्त था , जब तुझ बिन एक पल न रह सकता था
बैचेन गुमशुदा था , अकेलेपन से डरता था |
बैचेन गुमशुदा था , अकेलेपन से डरता था |
लेकिन अब सुन ले कि अब तो इतना वक्त बिता चूका हूँ ,
इस अकेलेपन में ,
अरे अब तो इतना वक्त बिता चूका हूँ , इस अकेलेपन में ,
कि सुन ले, कि अब ताउम्र तनहा रहना पड़ जाये तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था जब तुझे कोई छु लेता , तो मेरा खून खौल उठता था |
और इसलिए मै कई दफा इन हवाओ से बैर पाला करता था |
अरे अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,
अंग्रेजी में एक कहावत है –
If beauty is all You have
Then Ugly is all You are .
अगर आपके पास सिर्फ और सिर्फ उपर की ख़ूबसूरती है ,
और आपके अंदर कुछ भी नहीं है , तो आप भद्दे ही हो |
तो अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,
तो जा, जा किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जा तो ,
मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
तो अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,
तो जा, जा किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जा तो ,
मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |
इतना गुरुर किया तूने अपने इस मिट्टी के जिस्म पर ,
जा तेरा ये जिस्म किसी और का भी हो जाये तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था जब तेरे लिए खुदा से मन्नते मागंता था ,
मुझे तो खुद तो कुछ चाहिए न था , सिर्फ तेरे लिए अपने उस खुदा को आजमाता था |
लेकिन अब सुन ले , अब तो मै न झुकता हूँ , न पूजता हूँ , न मानता हूँ किसी को ,
अब तो भले तो तू खुद खुदा बनी चली आये तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था जब शेर लिखा करता था तेरे लिए , और सुनाता था महफ़िलो में
अरे अब तो अरसे बाद लिखी है ये अधूरी सी कविता तुझ पे
तुझ पे लिखी है इसलिए अधूरी बोल रहा हूँ ………………
अरे अब तो अरसे बाद लिखी है ये अधूरी सी कविता तुझ पे
अब सुन ले कि अब आगे से कुछ भी न लिखा जाये तो
मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता !
एक वक्त था ……………………….
अब सुन ले कि अब आगे से कुछ भी न लिखा जाये तो
मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता !
बताना तुझे मिल जाए मुझ जैसा कहीं और अगर ,
जा जा तू औरों को आजमा ले तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
एक वक्त था जब तुझे हजारों की भीड़ में पहचान लिया करता था ,
हिजाब में होती अगर , तो आँखों से पहचान लिया करता था ,
अब तो निगाहों से ओझल किया है मैंने तुझे कुछ इस कदर ,
मोबाइल में अगर तू मेरी आवाज भी सुन रही होगी , तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
खैर फिर भी करता हूँ शुक्रिया तेरा कि ,
तेरे खोने से मैंने बहुत कुछ पा लिया है !
नज्मे , गजले , शायरियां सब मिल गयी है मुझे ,
और इन्होने तो जैसे मुझे गले से लगा लिया है !
अब तो मुझे सुनने वाले भी है ,चाहने वाले भी है , दाद देने वाले भी हैं ,
अब तो विडियो का Notification न जाये फिर भी चैनल Search करके देखने वाले भी हैं………
अब तो मुझे सुनने वाले भी है ,चाहने वाले भी है , दाद देने वाले भी हैं ,
लेकिन सुन ले अब तो इतना बैखोफ हो गया हूँ , कि ये सब भी छोड़ जाये तो
मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
अब तो इतना बैखोफ हो गया हूँ , कि ये सब भी छोड़ जाये तो
मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!
अरे खुद ही मै मस्त हो गया है तेरा ये “जय” इतना
कि अब सुनने आये या न आये फ़र्क नहीं पड़ता !!
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
खैर चाहता तो नहीं था , तुझे ये बेनकाब करू यूँ सबके सामने !
लेकिन सुन ले कि एक बेवफा मेरी कलम से बेइज्जत भी हो जाये तो
मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
याद कर वो वक्त ,
याद कर वो वक्त , जब एक लफ्ज नहीं सुन पाता था मै तेरे खिलाफ
अब देख , देख यहाँ तेरी तौहीन पर , तौहीन पर तालियाँ बज रही हैं
तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
1.Mana Ki Dooriya Kuch Badh Se Gyi Hai,
Lekin Tere Hisse Ka Waqt Aaj Bhi Tanha Hi Gujarta Hai.
2.Tumhari Jagah Aaj Bhi Koi Nhi Le Sakta,
Pata Nahi Wajah Tumhari Khubi Hai Ya Meri Kami.
3.Meri Barbaad Zndgi Ki Sazaa Tum Ho,
Mar Mar Ke Ji Rahe Hain Wajah Tum Ho…!!
4.Bahut Zaroori Hai In Ansuon Ka Behna Bhi,
Kisi Ke Dard Ka Sadka Nikalta Rehta Hai.
5.Ab Koi Fark Nahi Padta
Khwaishe Adhoori Rehne Par
Maine Bahut Kareeb Se Dekha
Hai Khud Ko Toot Te Hue…!!
6.Nadaani Me Hum Kise Apna Samajh Baithe,
Jo Dikhaya Us Bewfa Ne Sapna Use Hum
Haqikat Samajh Baithe, Dekho Aaj
Chod Diya Hame Kisi Gair Ke Liye,
Jise Hum Apna Hum Suffar Samajh Baithe.
7.Ye Alag Baat Ab Koi Rishta Nahi,
Pyar Se Kyu Magar Dekhna Chod Du,
Meri Kismat Me Shayed Nahi Tu Sanam,
Kya Khuda Se Tujhe Mangna Chod Du!
#Nilesh
1.तुमको समझाता हूँ इसलिए ए दोस्त
क्योंकि सबको ही आज़मा चुका हूँ मैं
कहीं तुमको भी पछताना ना पड़े यहाँ
कई हसीनों से धोखा खा चुका हूँ मैं।
2.हमको खबर भी होने नही दी
किस मोड़ पर लाकर दिल तुने तोड़ा
अपना बनाना रहा दूर तुने
औरो के हो जाए ,ऐसा ना छोड़ा.
3.Dil Tadapta Rha or Wo Jane Lage,
Sang Guzre Lamhe Yaad Aane Lage,
Khamosh Nazro Se Dekha Jo Usne Mud Kr,
Toh Bhigi Palko Se Hum Bhi Muskurane Lage.
4.Teri Yaado Me Roj Rota Hu Subha Hoti Hai
Tab Me Sota Hu Ab Mughe Din Ki Khabar Hai
Na Raat Ki AeBewafa Teri YaaDo Me
Is Tarha Khota Hu…!
5.मोहब्बत का कोई एहसास अब सच्चा नही लगता.
में उसको भूल जाऊंगा मुझे ऐसा नही लगता.
मुझे उससे मोहब्बत तो नही है फिर भी जाने क्यों.
उसे देखू किसी के साथ तो अच्छा नही लगता.
6.दर्द से हम अब खेलना सीख गए;
बेवफाई के साथ अब हम जीना सीख गए;
क्या बतायें किस कदर दिल टूटा है हमारा;
मौत से पहले हम कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।
7.नजर नजर से मिलेगी तो सर झुका लेगा,
वह बेवफा है मेरा इम्तिहान क्या लेगा,
उसे चिराग जलाने को मत कह देना,
वह नासमझ है कहीं उंगलियां जला लेगा।
8.बेवज़ह बिछड तो गये हो….
बस इतना बता दो…
कि.. सुकून मिला या नहीं…??
9.Usne Mujse Kaha K Mujhe Bhool Jao,
Maine Tume Dil Se Nikal Diya Hai,
Bas… Sukoon Sa Mil Gaya Ye Sunkar,
Ki Kabhi To Uss Ke Dil Me The Hum.
10.Woh Bhi Din Tha Ek Pal Na Guzarta Tha Unka
Hamare Siwa.
Yeh Bhi Din Hai Ek Pal Nahi Milta Unhe Hamare
Liye…
कुछ लोगो की सोच को बदल पाना मुश्किल है..
उन्हें लगता है वो जो सोचते है वही सही होता है..!!
( Suno_Jaan )
सुनो जान बहुत दिन हो गए तुझे देखे हये .
आज मेरे एक दोस्त ने आपको देखा था . उसने जो तारीफ की आपके बारे मे .. दिल खुश हो गया .
बोल रहा था भाभी गुलाबी सूट मे बहुत Beautiful लग रही थी. और बहुत कुछ बोला आपकी तारीफ मे . But छोड़ो . आप हो ही इतनी अच्छी कोई भी देखे तो तारीफ किये बिना रह न्ही सकता !.
तो एक छोटी ही Line मेरी तरफ से है. आपके लिये :-
सुर्ख गुलाब सी तुम हो,
जिन्दगी के बहाव सी तुम हो,
हर कोई पढ़ने को बेकरार,
पढ़ने वाली किताब सी तुम हो।
तुम्हीं हो फगवां की सर्द हवा,
मौसम की पहली बरसात सी तुम हो,
समन्दर से भी गहरी,
आशिकों के ख्वाब सी तुम हो।
रहनुमा हो जमाने की,
जीने के अन्दाज सी तुम हो,
नजर हैं कातिलाना,
बोतलों में बन्द शराब सी तुम हो।
गुनगुनी धुप हो शीत की,
तपती घूप मैं छाँव सी तुम हो,
आरती का दीप हो,
भक्ति के आर्शीवाद सी तुम हों।
ता उम्र लिखता रहे निलेश
हर सवाल के जवाब सी तुम हो।