
शिशु की भांति मेरी ओर दुपकते हुए भी और
वयस्क की भांति मुझे आश्रय देते हुए भी
हर्ष में खिलखिलाते हुए भी और
दुःख में अश्रु बहाते हुए भी
मेरा बच्चो सा व्यहवार करने पर
तुम्हारा मुझे सयानो सा लाड करते हुए भी और
खुद बच्चा बन कर मेरे से लाड पाने की अभिलाषा लिए हुए भी
कभी तुम मुझे संभाल लेते हो कभी मैं तुम्हे
कभी तुम बड़े बन जाते हो कभी मैं बड़ा बन जाता हूं ।
✍️…Nilesh.