मुझे शोरगुल पसंद नहीं है, भीड़ भाड़ वाले इलाके पसंद नही है , जिस स्थान पे ज्यादा आवाज हो रही होती हैं, वो जगह मुझे अच्छी नहीं लगती, शोर शराबा मुझमें चिरचिरा-पन लाता है, मुझे गुस्सा आता हैं, पर आज कुछ अजीब सा हुआ, मन कल बीते रात से ही बहुत विचलित है, दिमाग मे जैसे सैकड़ों सवाल एक साथ कौध रहे हों, रात काफ़ी हो चुकी थी, नींद भी आ रही थी, पर सो नही पा रहा था, बिस्तर जैसे कटने को दौड़ रहा हो, यूंही करवट बदलते – बदलते , बहुत वक्त बाद नींद आई । जब सुबह उठा मन उसी प्रकार बहुत विचलित था, मन पे खुद का कंट्रोल करने की पूरी कोशिश कर ली , योग किया, गाने सुने, घर से बाहर निकल कुछ दोस्तों से बात की , फिर भी कुछ सही नहीं लग रहा था । आज सोमवार है, आज मेरे भोलेनाथ का दिन हैं, प्रत्येक सोमवार मैं अपने घर के किसी पास के मंदिर जाता हूं, हर बार की तरह आज भी मुझे जाना था, तो मैंने सोचा नहा कर देखता हु, शायद मन कुछ शांत हो, कुछ अच्छा फील हो, नहाने के बाद भी खुद का मन पे कंट्रोल नहीं था, तो मैंने मंदिर जाना ही उचित समझा, बाइक लेकर मैं मंदिर की तरफ़ निकल पड़ा, जब मंदिर पहुंचा तो आज वहा आरती हो रही थी, मैं भी हाथ जोड़ के खड़ा हो गया और आरती करने लगा, आरती के साथ साथ ही, मंदिर में लगी घंटी को कुछ लोग बजा रहे थे, जो बहुत ही ज्यादा आवाज कर रही थी, वो इतना ज्यादा आवाज था की आम दिनों में मैं उसे सुनता तो मुझे सर दर्द होता , मैं वाहा से चले जाना उचित समझाता , पर आज वो आवाज ( घंटी की ) मुझे बहुत ही अच्छी लग रही थी, मेरे दिमाग में चल रहीं बातो को वो खंडित कर रही थी, मेरा मन जो बहुत विचलित था, जिस पे मैं कई सारे कोशिसो के बाद भी काबू नहीं रख पा रहा था, उस आवाज को सुनने के बाद मुझे सुकून मिल रहा था, जैसे मेरे कानों से स्वयं महादेव कुछ कह रहे हो, जिसे मैं समझ नही पा रहा था, आंखे मेरी बंद थी, हाथ जोड़ मैं खड़ा आरती को गा रहा था, आंखें खोलने की कोशिश तो मैंने बहुत की पर हर बार वो घंटी की आवाज़ जो मेरे कानों से होते हुए मेरे विचलित मन को सुकून दे रही थी, मैने उसी अवस्था में जब तक वो घंटी बजती रही, मैं आंखें बन्द कर सुनता रहा, ऐसा लगभग 15 min से ज्यादा वक्त तक हुआ, फिर मैंने हर सोमवार की तरह पूजा की और घर आ गया । मन रात की अपेक्षा बहुत अधिक शांत हैं , अच्छा फील कर रहा हु, और एक बात हैं जब मैं इसे अभी लिख रहा हु, पहले की अपेक्षा अधिक सुकून महसूस कर रहा हु । हर हर महादेव 🙏
