वो ग़ैरों के होना सीख गए-Jai Ojha

Poetry Details:-

वो ग़ैरों के होना सीख गए – ये गजल को लिखा एवं प्रस्तुत किया है Jai Ojha ने,इस गजल मे ब्रेकअप से जुड़ी शायरियाँ लिखी गयी है जो कि आज कल के दौर के अनुसार लिखी गयी है।

Poetry :-

वो प्यार मोहब्बत के अकीदतमंद,बड़ी जल्दी नफरत करना सीख गये
हम तो उनके थे उन्ही के रहे,वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से,वो अजनबी इस कदर हो जायेगे
नजर आते थे जो वो फोन के हर गलियारे मे अब एक फोल्डर मे सिमट कर रह जायेगे
हम नावाकिफ थे इस बात से कि वो इस रिशते को इतनी बेरहमी से तोड़ जायेगे
हमे सबसे पहले जबाब देने वाले , हमारा मैसेज सीन करके छोड़ जायेगे
हम सेहरो शाम मुंतजिर रहे उनके जबाबो के
और वो किसी दुसरी मेहफिल-ए- चैट मे रिप्लाई करना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
जब बड़े दिनो बाद हमसे पूछा हाले दिल उन्होने
हम भी खुद्दार थे मुस्कुरा के झूठ बोलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि लोग बदल भी जाया करते है
वो आँखो मे आँखे डाल के वादो से मुकर भी जाया करते है
सदाये आती थी जिनको हमारे सीने से,वो अब किसी ओर से लिपटना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
दिल मे आशिया बनाया था जिन्होने,अब गुजरते है सामने से तो नजरे चुरा के चलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि वो चेहरे को साफ और दिल को मैला रखते है
कुछ लोग हसीं ऐसे भी होते है, जो खिलौनो से नही जज्बातो से खेला करते है
हम आशिक नादान थे ता जिंदगी भीतर बाहर से एक से रहे
और वो कमबखत बेवफाई करते करते रोजाना जिल्द बदलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हमने उनके साथ अर्श के सपने देखे थे,और जब हुये हकीकत से रुबरु
तो ख्वाहिशे कुचलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि कभी वक्त हमारे इतना खिलाफ हो जायेगा
कि उनकी मेहदी मे चुपके से बनाया हुआ वो ‘जे’ अक्षर इस कदर साफ हो जायेगा
हम उनके नाम का हर्फ हथेली पे नही दिल पे लिखना चाहते थे
इसलिये दर्द होता रहा हर्फ बनता रहा और हम दिल कुरेदना सीख गये.
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम उन पे मर के जीना चाहते थे हुये अलहदा उनसे जबसे जीते जी मरना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम नावाकिफ थे इस बात से कि वो हमारे बिना भी रह सकते थे
जो फँसाने उन्होने हम से कहे थे उतनी शिद्दत से किसी ओर से भी कह सकते थे
हमने तो सोना समझ युं पकड़े रखा था उनको,
पर वो कमबख्त धूल थे निकले बड़े इत्मीनान से फिसलना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये
हम कुछ देर जो दूर हुये क्या उनसे ,वो हमारे बिना ही रहना सीख गये
हम उनके थे उन्ही के रहे और वो ना जाने कब गैरो के होना सीख गये.

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता

चले ।

Toh Pata Chale Jai Ojha
जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले
सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले
यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,
लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,
वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,
अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,
जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको
तो पता चले,
और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,
तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,
वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,
लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,
तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,
अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,
तो पता चले,
और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,
लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,
घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,
लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,
कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,
हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,
लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,
जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,
और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,
तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,
उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,
तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,
लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,
अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,
तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,
जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,
और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,
अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale
अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,
लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,
किसी को छोड़ देना,
जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,
जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।
Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

#Nilesh

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले

सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले

यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,

लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,

वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,

अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,

जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको

तो पता चले,

और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,

तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,

लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,

तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,

अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,

तो पता चले,

और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,

लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,

घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,

लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,

कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,

हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,

लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,

जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,

उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,

लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,

अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,

किसी को छोड़ देना,

जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Ye Kuch Batein Hai Jo Bekar Hai : Jai Ojha Lyrics In Hind

आज मेरा दिल जख्‍मी है

लेकिन साँसों मे मगरूरी है,

बात उस दिन की हो रही है जिस कोई आशिक है जो पूरी तरह Move On हो गया है , Break up से , उसी बारे में बात है …………

तो आज मेरा दिल जख्‍मी है

लेकिन साँसों मे मगरूरी है,

आज मेरा दिल जख्‍मी है

लेकिन साँसों मे मगरूरी है,

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है।

Ye Kuch Baatein Hai Jo Bekar Hai, Lekin Tujhe Batani Zaroori Hain.

आज तूने नहीं पूछा हाल मेरा

आज तूने नहीं पूछा हाल मेरा

लेकिन तबियत मेरी अच्‍छी है |

मुस्‍कान जरा सी झूठी है

लेकिन ये बाते बिल्‍कुल सच्‍ची है |

आज तूने नहीं पूछा

फिर भी मैनें खाना खाया है।

आज तूने नहीं पूछा फिर भी मैनें खाना खाया है।

आज सुबह तेरा Call नहीं था,

मेरी मां ने मुझे जगाया है।

आज सुबह तेरा Call नहीं था , मेरी मां ने मुझे जगाया है।

शुक्रिया तेरा कि आज राजा बेटा हुआ हूं फिर से

इन Babu, Janu , Sonao से दूरी है

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है।

Ye Kuch Baatein Hai Jo Bekar Hai, Lekin Tujhe Batani Zaroori Hain.

आज बड़े दिनो बाद Whatsapp पे

DP खुद की लगाई है |

क्‍या बताऊँ तेरी सारी Photos Delete करके,

क्‍या गज़ब की नींद आई है |

आज तेरे होने या न होने का कोई असर नहीं होता है,

आज जा तू चौबीस घन्‍टें ऑनलाइन रह ले ,

मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है |

अरे बहुत गुजारिश कर ली तुझसे ,

अरे बहुत गुजारिश कर ली तुझसे ,

अब सख्‍ती अपनी भी पूरी है

ये कुछ बाते हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है।

कि आज तुझसे नहीं मिला मैं

मगर मुलाकात खुद से हो गई है |

कि आज तुझसे नहीं मिला मैं मगर मुलाकात खुद से हो गई है |

तेरे बिना जी नहीं सकता ,

ये गलतफहमी दूर हो गई हैं |

तेरे बिना जी नहीं सकता ये गलतफहमी दूर हो गई हैं |

आज उन पुराने Conversations को

मैंने फिर से नहीं टटोला है।

आज उन पुराने Conversations को , मैंने फिर से नहीं टटोला है।

अब तू ही पढ़ उनको ,

कि फक्र होगा तुझे कि तूने कितनी खूबसूरती से झूठ बोला है |

अरे आज तन्‍हा हूं तो क्‍या हुआ ,

इस तन्‍हाई से यारी है ,

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है।

Ye Kuch Baatein Hai Jo Bekar Hai, Lekin Tujhe Batani Zaroori Hain.

हां Phone से ले के ज़हन तक

हर जगह से तुझे निकाला है

हां Phone से लेके ज़हन तक

हर जगह से तुझे निकाला है

रिहा सा हो गया हूं जब से

तेरा Number Delete कर डाला है,

मैं डरता था जिस कल से,

उसे आंखों में आंखे डाल देख आया हूं |

मैं डरता था जिस कल से, उसे आंखों में आंखे डाल देख आया हूं |

तेरे लिए उन खतों को उन फूलो को

खुशबू समेत फेंक आया हूं।

आज तो जैसे जीत गया हूं

वरना बता कि सच्‍चे आशिक ने,

कभी बाजी हारी है |

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है।

Ye Kuch Baatein Hai Jo Bekar Hai, Lekin Tujhe Batani Zaroori Hain.

आज तेरे घर के आगे से नहीं निकला ,

लेकिन बहुत दूर तक जा पहुंचा हूं |

फिरता था कभी गली-गली ,

अब आसमान में उड़ता हूं |

फिरता था कभी गली-गली अब आसमान में उड़ता हूं |

मायूसी थी छायी जहां पर

आज वहां मुस्‍कान फिर से वहां पर

लौट कर आयी है

मायूसी थी छायी जहां पर आज वहां मुस्‍कान फिर से वहां पर लौट कर आयी है |

देख पलके भी कितनी खुश हैं,

मुद्दतों बाद गालों से जो टकराई हैं,

देख आज मैं अकेला हूं और पूरा हूं ,

तू किसी के साथ होकर भी अधूरी हैं।

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है।

Ye Kuch Baatein Hai Jo Bekar Hai, Lekin Tujhe Batani Zaroori Hain.

आज उठा हूं बिस्‍तर से और ,

आईने में शक्‍ल खुद की देख डाली है ,

बाल बिखरें हैं दाढ़ी बड़ी है |

और आंखे जरा सी काली हैं,

आज उठा हूं बिस्‍तर से और ,

आईने में शक्‍ल खुद की देख डाली है |

बाल बिखरें हैं दाढ़ी बड़ी है ,

और आंखे जरा सी काली हैं |

आज तो जैसे आंखों का पानी ,

खत्‍म सा हो गया है |

टूट कर जो जुड़ा है दिल ,

नया जन्‍म सा हो गया है।

आज तो जैसे आंखों का पानी ,

खत्‍म सा हो गया है |

टूट कर जो जुड़ा है दिल

नया जन्‍म सा हो गया है।

आज सूफियत हैं रुख पे

आंखों में अजब सी नूरी हैं |

ये कुछ बातें हैं जो बेकार है लेकिन तुझे बतानी जरूरी है.!

Jai ojha hindi Shayri lyrics Ab Fark Nahi Padta Part – 2

(Suno Jaan)
Ab Fark Nahi Padta Part – 2

बात ऐसी है की इश्क तो जरूर होता है,

लेकिन इश्क में कटता भी सबका है।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक़्त था जब तुझसे बेइंतिहा प्यार करता था,

अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आये फर्क नहीं पड़ता।

अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आये फर्क नहीं पड़ता,

एक वक़्त था जब तेरी परवाह करता था।

अब तू मेरी खातिर फ़ना भी हो जाये फर्क नही पड़ता,

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

अब क्या है social media का जमाना है और social media की relievence,

आज कल के प्यार-मोहब्बत में बहुत ज्यादा है।

तो उसे आज की जो 21 वी सदी की जो शेरो शायरी है उसमे दर्ज करना बेहद जरूरी है,

की एक वक़्त था जब तेरी id के नजाने कितने चक्कर लगाता था।

actually होता ऐसे है की ब्रेकअप के बाद कुछ भी पोस्ट डालती है,

तो हमें ऐसा लगता है वो हमारे ऊपर है even ये होता है कि-

जिसका दूर दूर तक कोई रिश्ता नही होता हम मतलब निकाल लेते है।

even वो कुत्ते की भी फोटो लगाती है तो हमें ऐसा लगता है हमारे उपर है यार,

कुत्ते की फोटो में तो जरुर लगता है।

एक वक़्त था जब तेरी id के नजाने कितने चक्कर लगाता था,

तेरी हर पोस्ट तेरे हर status के मायने निकला करता था।

एक वक्त था जब तेरी id के न जाने कितने चक्कर लगाता था,

तेरे हर पोस्ट के हर status के मायने निकाला करता था लेकिन

अब सुन ले , अब सुन ले

जब तूने मुसलसल खेला है Block और Unblock का खेल मेरे साथ,

जब तूने मुसलसल खेला है Block और Unblock का खेल मेरे साथ,

जा मेरी id ता जिन्दगी तेरी Blocklist में रख ले, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

जा मेरी id ता जिन्दगी तेरी Blocklist में रख ले, मुझे फ़र्क नहीं पड़ता

याद कर वो वक्त जब तेरी Dp देखकर ही ,

मेरे धडकने तेज हो जाया करती थी !

याद कर वो वक्त जब तेरी Dp देखकर ही ,

मेरे धडकने तेज हो जाया करती थी !

और अब तू किसी रह गुजर पे बिलकुल करीब से गुजर जाये तो फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक़्त था जब तुझे तकलीफ में देखकर आँखे मेरी भर आया करती थी।

तुझे जो कोई खरोच भी आ जाये तो मेरी साँस अटक जाया करती थी।

तुझे जो कोई खरोच भी आ जाये तो मेरी साँस अटक जाया करती थी।

लेकिन अब सुनले की अब तो बेफिक्री का सुरूर है मुझपे कुछ ऐसा, कि कम्बख्त तेरी सांसे भी थम जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

हाँ तेरा कहना भी वाजिब है कि इसे इश्क नही कहते,

जो ये कविता सुन कर एक बेवफा को मेरी मोहब्बत पर शक हो जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।

एक वक़्त था जब तेरे तोरे इश्क की मिशाले दिया करता था।

प्यार-मोहब्बत के मायनो में बस कसमे वादे लिखा करता था।

अरे क्या कमाल हस्र किया है तूने वाफादाराने उल्फत का,

कि अब ये सारा का सारा शहर बेवफा हो जाये मुझे फर्क नही पड़ता।

हा माना की तेरी खूबसूरती मशहूर है दुनिया जहा में और इस कविता से तेरी बेवफाई के चर्चे हो जाये तो मुझे फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्‍त था जब तेरी ए‍क झलक पाने को तरसजाया करता था,

तू जिस कोने से नजर आती है मै वहीं बस ठहर जाया करता था,

अरे बिठा रखा था जो मुद्दतों से इन पलको पे मैने,

उसूलों से तो गिर गयी है अब नजरों से गिर जाये तो फर्क नहीं पड़ता।

बदसीरत हो गर तो फजूल है ये खूबसूरती तुम्‍हारी,

फिर भले खुदा तुम्‍हें हसी चेहरे बख्‍श जाये तो फर्क नहीं पड़ता।

एक वक्‍त था जब तुझे शहरों-शाम बैठकर मनाया करता था।

गुस्‍ताखियाँ तेरी हुआ करती थी और दरख्वास्‍ते मैं किया करता था।

तेरे उस बेवजह रूठने को मनाया है न जाने कितनी दफा,

कि भले ही पूरी की पूरी कायनात खफा हो जाये मुझे फर्क नही पड़ता।

अरे जो मेरी न हो सकी वो उसकी क्‍या होगी,

अब भले कुछ वक्‍त के लिए किसी गैर का दिल बहल जाये तो फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्‍त था जब तेरी महक पाने को तू जहाँ से गुजरती थी।

मै वहाँ से गुजरता था जो हवा तुझे छूती है,

वो मुझे छू जायेगी इस भरोसे से चलता था।

लेकिन अब सुन ले कि अब तो सूफी हूँ की खुशबू है खुद की मेरी साँसों में,

अब तो भले तू इस हवा में भी घुल जाये तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।

कि जब से मिट्टी होना पसन्‍द आया है मुझकों जय को,

फिर भले महलो मे आशियां हो जाए तो फर्क नही पड़ता।

खैर न अब तुझसे नफरत है, न मोहब्‍बत है कोई गिला-सिकवा नही है।

न कुछ अनसुना है न अनकहा है बचा कोई सिलसिला नहीं है।

महज इन कविताओं में जिक्र बचा है तेरा और सुन ले,

कि इतना ताल्‍लुक भी मिट जाये फर्क नहीं पड़ता।

राबदा न हो बेवफाओं से तो ही बेहतर है मेरे यार सब सुन लेना,
फिर रिश्‍ता भले काफिर दिलों से हो जाये तो फर्क नही पड़ता।

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha
#Nilesh

Ab Fark nhi parta hai ( jai Ojha ) hindi Shayri.

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तुझसे बेइंतिहा प्यार करता था ,

अब तू खुद मोहब्बत बनी चली आए तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता !

अरे एक वक्त था जब तेरी परवाह करता था ,
अब तो तू मेरी खातिर फना भी हो जाये तो मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता

एक वक्त था जब तुझे हजारो Messages लिखा करता था

और कोई काम न था मेरा ,

और कोई काम न था मेरा , दिनभर बस तेरा Last Seen देखा करता था |

अब सुन ले ,

अब सुन ले , अरसा बीत गया है Visit किये हुए तेरी Profile को ,

जा , जा अब 24 घंटे Online रह जा मुझे फ़र्क नहीं पड़ता |

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था , जब तुझसे बिछड़ जाने का डर लगा रहता था ,

और तू कहीं छोड़ न दे , इस ख्याल भर से मै सहमा सहमा सा रहता था |

लेकिन अब सुन ले , अब सुन ले

इतना जलील हुआ हूँ तेरे इश्क में

इतना जलील हुआ हूँ तेरी इन रोज रोज छोड़ने छाड़ने की आदत से ,

कि तू अब 1 क्या , सौ दफा छोड़ जाये तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था , जब तुझ बिन एक पल न रह सकता था

एक वक्त था , जब तुझ बिन एक पल न रह सकता था

बैचेन गुमशुदा था , अकेलेपन से डरता था |

बैचेन गुमशुदा था , अकेलेपन से डरता था |

लेकिन अब सुन ले कि अब तो इतना वक्त बिता चूका हूँ ,

इस अकेलेपन में ,

अरे अब तो इतना वक्त बिता चूका हूँ , इस अकेलेपन में ,

कि सुन ले, कि अब ताउम्र तनहा रहना पड़ जाये तो मुझे फ़र्क नहीं पड़ता

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तुझे कोई छु लेता , तो मेरा खून खौल उठता था |

और इसलिए मै कई दफा इन हवाओ से बैर पाला करता था |

अरे अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,

अंग्रेजी में एक कहावत है –

If beauty is all You have

Then Ugly is all You are .

अगर आपके पास सिर्फ और सिर्फ उपर की ख़ूबसूरती है ,

और आपके अंदर कुछ भी नहीं है , तो आप भद्दे ही हो |

तो अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,

तो जा, जा किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जा तो ,

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

तो अपने हुश्न के सिवा कुछ नहीं है तेरे पास अगर,

तो जा, जा किसी के साथ हमबिस्तर भी हो जा तो ,

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |

इतना गुरुर किया तूने अपने इस मिट्टी के जिस्म पर ,

जा तेरा ये जिस्म किसी और का भी हो जाये तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता |
Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तेरे लिए खुदा से मन्नते मागंता था ,

मुझे तो खुद तो कुछ चाहिए न था , सिर्फ तेरे लिए अपने उस खुदा को आजमाता था |

लेकिन अब सुन ले , अब तो मै न झुकता हूँ , न पूजता हूँ , न मानता हूँ किसी को ,

अब तो भले तो तू खुद खुदा बनी चली आये तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब शेर लिखा करता था तेरे लिए , और सुनाता था महफ़िलो में

अरे अब तो अरसे बाद लिखी है ये अधूरी सी कविता तुझ पे

तुझ पे लिखी है इसलिए अधूरी बोल रहा हूँ ………………

अरे अब तो अरसे बाद लिखी है ये अधूरी सी कविता तुझ पे

अब सुन ले कि अब आगे से कुछ भी न लिखा जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता !

एक वक्त था ……………………….

अब सुन ले कि अब आगे से कुछ भी न लिखा जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नही पड़ता !

बताना तुझे मिल जाए मुझ जैसा कहीं और अगर ,

जा जा तू औरों को आजमा ले तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

एक वक्त था जब तुझे हजारों की भीड़ में पहचान लिया करता था ,

हिजाब में होती अगर , तो आँखों से पहचान लिया करता था ,

अब तो निगाहों से ओझल किया है मैंने तुझे कुछ इस कदर ,

मोबाइल में अगर तू मेरी आवाज भी सुन रही होगी , तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

खैर फिर भी करता हूँ शुक्रिया तेरा कि ,

तेरे खोने से मैंने बहुत कुछ पा लिया है !

नज्मे , गजले , शायरियां सब मिल गयी है मुझे ,

और इन्होने तो जैसे मुझे गले से लगा लिया है !

अब तो मुझे सुनने वाले भी है ,चाहने वाले भी है , दाद देने वाले भी हैं ,

अब तो विडियो का Notification न जाये फिर भी चैनल Search करके देखने वाले भी हैं………

अब तो मुझे सुनने वाले भी है ,चाहने वाले भी है , दाद देने वाले भी हैं ,

लेकिन सुन ले अब तो इतना बैखोफ हो गया हूँ , कि ये सब भी छोड़ जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

अब तो इतना बैखोफ हो गया हूँ , कि ये सब भी छोड़ जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

अरे खुद ही मै मस्त हो गया है तेरा ये “जय” इतना

कि अब सुनने आये या न आये फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

खैर चाहता तो नहीं था , तुझे ये बेनकाब करू यूँ सबके सामने !

लेकिन सुन ले कि एक बेवफा मेरी कलम से बेइज्जत भी हो जाये तो

मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha

याद कर वो वक्त ,

याद कर वो वक्त , जब एक लफ्ज नहीं सुन पाता था मै तेरे खिलाफ

अब देख , देख यहाँ तेरी तौहीन पर , तौहीन पर तालियाँ बज रही हैं

तो मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !!

Ek Vaqt Tha Jab Tujhse Beintiha Pyar Karta Tha