
Author: Darde Sayri
I write about simple things that often miss one's eyes in a very simple language. Striving to be simpler with time & experience.
मानसिक विकृतता
मानसिक विकृतता
- अकेली रहती है! मतलब साथ (सेक्स) की
जरूरत तो होगी ही, ट्राय तो मार मौज़
करने के लिए बेस्ट ऑप्शन है। - बाहर रहकर पढ़ी है मतलब घाट-घाट का
पानी पी हुई है। पक्का कैरेक्टरलेस है। हाथ
रखते ही तैयार हो जाएगी। ऐसों का क्या ? - दिल्ली में रहती है मतलब खुली होगी।
मेट्रो सिटीज़ में रहने वाली लड़कियां
तो बहुत खुली होती हैं, पता नहीं
कितनों के साथ सो जाए। यहाँ खुली
का मतलब सेक्स के लिए हमेशा आसानी से
उपलब्ध रहने से है। - गाँव की है, सीधी होगी। मतलब इसको
आसानी से बेवकूफ़ बनाकर यूज़ कर सकते हैं। - ब्रेकअप हो गया है! मतलब रोती लड़की
को विश्वास देकर सेक्स की जुगाड़ की
जा सकती है। - पहले बॉयफ्रेंड ने चीट किया है! ओह्ह
बेबी मैं ऐसा नहीं हूँ। दुनिया से अलग हूँ।
यार चीट हुई लड़कियों को यूज़ करना औऱ
आसान है। सिली गर्ल्स…… - नीच जात की है! यार ये छोटी जातियां
होती बहुत बेवकूफ़ हैं। मैं जाति को नहीं
मानता, शादी करूँगा बस इतने में तो तन-
मन-धन से समर्पित हो जायेंगी। - काली है! ओह्ह….यार रंग से कुछ नहीं
होता काला रंग तो बहुत खूबसूरत होता
है। यार उस कलूटी को ऐसे नहीं बोलूंगा
तो बिस्तर तक कैसे आएगी। - सेल्फ डिपेंड है! इमोशनल फूल बनाकर
सारी अय्याशी करने का बढ़िया ऑप्शन
है। इंडिपेंडस और बराबरी की बात कर देख
कैसे करती है। - तलाकशुदा है ! विधवा है! यार कंधा ही
तो देना है बस वो तैयार मिलेंगी।
10.अभी स्कूल में पढ़ रही है! लगती तो एकदम
माल है, गोटी सेट करनी पड़ेगी।
बातें चाहे जितने तरीके से हों…..केंद्र में बस
” सेक्स” है।
ऐसे ही नहीं हर दिन रेप हो रहे, ये रेप की तैयारी तो हरपल हो रही है।
अगर आपको यह पढने में शर्म आ रही है तो आप भी मानसिक विकृति के शिकार हैं और आप ही ऐसी सोच ( जो ऊपर लिखा गया है) रखने वाले वह पुरुष हैं
इसलिए खुलकर रहिए खुलकर बोलिए सबके सामने बोलिए कोना मत ढूंढिए क्योंकि खुलकर और ज्यादा बोलने वाले लोग चुप रहने और कोना ढूंढने वाले लोगों की अपेक्षा ईमानदार और स्वच्छ चरित्र होते हैं ऐसा प्रकृति का नियम है

Selfie




Cat Photography


Amrita pritam

‘मैं तुम्हें फिर मिलूंगी। कहाँ , किस तरह ये तो नहीं जानती। शायद तुम्हारी कल्पना की चिंगारी बनकर , तुम्हारे कैनवास पर उतरूंगी।’
~ ईशा 🌻
ईशा जी द्वारा लिखी
amritapritam