वो मेरा नाम भूल जाए प्यार में
अजी सुनते हो यूँ पुकारे प्यार में
करे इस्लाह वो हमारी हर ग़ज़ल
किचन में सब्ज़ी हम बघारे प्यार में
जब उसने मुझको यूँ कहा पागल हो क्या?
मुझे कहना था हाँ तुम्हारे प्यार में
ज़रूरत क्या मुझे फिर उस काजल की जब
नज़र से वो नज़र उतारे प्यार में
कोई और हो या न हो पर होंगे गवाह
हमेशा चाँद और सितारे प्यार में
बनाए वो तो मुझको अच्छे लगते हैं
सभी पकवान अलूणे-खारे* प्यार में
मैं हो न जाऊँ सच में ही पागल कहीं
कोई आए मुझे सँभाले प्यार में ।
Beautiful ❤️
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थैंक यू ।❤️
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