
One-word review = Masterpiece ❤️
रेटिंग- 4.5/5
निर्देशक- जीतू जोसेफ
स्टारकास्ट– मोहनलाल, मीना, अंसीबा हसन, ईस्थर अनिल, मुरली गोपी, साई कुमार, आशा सरथ, केबी गणेश कुमार, अंजली नायर, सुमेश चंद्रन आदि ।
personal experience
मूवी का थ्रिल आपके सोच से कही आगे है,
अक्सर हम बहुत सारी थ्रिलर मूवी देखते हैं तो हमे पहले से पता चल जाता हैं आगे की कहानी क्या होगी , लेकिन यहां सब कुछ हमारी सोच से अलग हैं,
मूवी ऑस्कर विजेता होनी चाहिए, सभी तरह से प्राफेक्ट, डायरेक्शन, एक्टिंग ( हीरो – मोहनलाल हैं, फिर एक्टिंग तो लाजवाब होगी ही ) और खास तौर पे सिनेमेटोग्राफी इतनी शानदार हैं की आप मूवी में पूरी तरह खो जायेंगे ।
मैं किसी भी मूवी से इसकी तुलना नहीं कर रहा, मैंने बहुत सारी बॉलीवुड, साउथ इंडियन, और हॉलीवुड मूवी देखी हैं जिसने ऑस्कर जीता हैं, उन सबको देखते हुए इसे देखने के बाद एक ख्याल तो आता ही हैं ये भी ऑस्कर जीत सकती है, स्टोरी और अपनी थ्रिल के लिए ।
‘दृश्यम 2’ की कहानी
आपको बता दें कि यह फिल्म 2013 में आई दृश्यम का सीक्वल है. पहले पार्ट में दिखाया गया था कि कैसे गलती से जॉर्जकुट्टी के परिवार द्वारा एक पुलिस अफसर के बेटे वरुण प्रभाकर का मर्डर हो जाता है और जॉर्जकुट्टी कैसे अपनी चतुराई से अपने परिवार को इस मर्डर के केस में फंसने से बचा लेता है. ‘दृश्यम 2’ में इस कहानी को बखूबी बढ़ाया गया है. दूसरे पार्ट की शुरुआत अंधेरी डरावनी रात से होती है जहां एक शख्स किसी से डर कर भागता हुआ दिखता है. वहीं जॉर्जकुट्टी अपनी पत्नी रानी और दोनों बेटिया अंजु-अनु के साथ आम जिंदगी जीने की कोशिश कर रहा है. इसके साथ ही वो एक फिल्म बनाने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए उसने अपनी जमा पूंजी एक स्क्रिप्ट राइटर को दी है.
दूसरी पुलिस छिपकर लगातार वरुण प्रभाकर के केस पर काम कर रही होती है और जॉर्जकुट्टी और उसके परिवार के खिलाफ सबूत जुटाने की कोशिश करती है. उनपे नजर रखने के लिए दो अंडरकवर ऑफिसर्स को लगाया जाता है जिससे वे आसानी से जॉर्जकुट्टी से वरुण प्रभाकर के बारे में पता कर सकें और उसने लाश को कहां दफना रखा है इसके बारे में जाना जा सके. अंडरकवर ऑफिसर्स जॉर्जकुट्टी की पत्नी को अपने झांसे में लेकर कुछ सच निकलवा लेते हैं लेकिन जब पुलिस लाश तक पहुंच जाती है तो कहानी अलग ही मोड़ ले लेती है. अपने परिवार और खुद को बचाने के लिए जॉर्जकुट्टी ने 6 साल से जो तैयारी की है उसको जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी लेकिन एक बात हम यकीन से कह सकते हैं कि जॉर्जकुट्टी के हर दांव को देखकर आप चौंक जाएंगे.
उपर मैंने जितनी कहानी बताई हैं वो तो सिर्फ ट्रेलर हैं ।
मोहनलाल की दमदार एक्टिंग
अपने आप में अभिनय की पाठशाला कहलाने वाले मोहनलाल मौजूदा भारतीय सिनेमा के मंजे हुए अभिनेता हैं.
( मोहनलाल की कुछ प्रसिद्ध फ़िल्म – Janta Garage , Lucifer, Big brother, ऐसी बहुत सारी फिल्में हिंदी में उपलब्ध है ) इस फ़िल्म में कई जगह किरदार की दिमाग़ी उधेड़बुन की अभिव्यक्ति के लिए उन्होंने आंखों से बहुत बढ़िया काम लिया है. उनके चेहरे का भाव परिस्थितियों का बोध कराने में सफल रहा है. उन्होंने एक सहमे हुए आम आदमी के किरदार में जान डाल दी है. सहायक कलाकारों ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किेया है. इस फिल्म को क्लाइमैक्स तक पहुंचाने के लिए जीतू जोसेफ़ ने थोड़ा लंबा और अटपटा सा ताना-बाना बुना है, लेकिन आख़िरी हिस्सा अतार्किक लगते हुए भी फ़िल्म को एक सस्पेंस थ्रिलर वाले दिलचस्प मोड़ तक ले आता है. हालांकि, अन्य फिल्मों के सीक्वल की तरह यह स्टैंड अलोन मूवी नहीं है. पहली फिल्म पर पूरी तरह निर्भर है.
(दृश्यम 2 को देखने से पहले दृश्यम मूवी जरूर देखे )
‘दृश्यम 2’ फिल्म स्टोरी, स्क्रिप्ट, डायलॉग, एक्टिंग, डायरेक्शन और ट्रीटमेंट सहित हर मोर्चे पर खरी उतरती है. फिल्म की राइटिंग और एडिटिंग इतनी सधी हुई है कि इसे देखते हुए कब ढाई घंटे गुजर जाते हैं, इसका अहसास ही नहीं होता. यह नितांत देखने योग्य फिल्म है. शुरू से अंत तक फिल्म में रोमांच और रहस्य बरकरार रहता है. ऊपर से सिनेमेटोग्राफी इतनी शानदार हुई है कि किरदारों के जानदार अभिनय के बीच चार चांद लगा रही है. इस फिल्म को जरूर देखा जाना चाहिए.
मूवी को अमेजन प्राइम में रिलीज़ किया गया है, जहां पे आप इसे मलयालम भाषा और इंग्लिश सबटाइटल के साथ देख सकते हैं , पर हमे तो हिंदी में देखनी हैं , हम इंडियंस के पास सब जुगार होता हैं , तो गूगल सर्च कर लीजिए, unknown sources पे हिंदी भाषा में Unofficial dubbed उपलब्ध हैं पर Unofficial होते हुए भी official वाली फीलिंग्स आती है ।
#Nilesh