जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी,
सो नृपु अवसि नरक अधिकारी।
भावार्थ
मतलब ये कि जिस राजा के राज्य में जनता दुखी रहती है, वह नरकगामी होता है। अर्थात राज्य के कल्याणकारी तत्व का पैमाना जनता का सुख होना चाहिए न कि राजा के लोगों का उच्च स्वर उवाच।
जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी,
सो नृपु अवसि नरक अधिकारी।
भावार्थ
मतलब ये कि जिस राजा के राज्य में जनता दुखी रहती है, वह नरकगामी होता है। अर्थात राज्य के कल्याणकारी तत्व का पैमाना जनता का सुख होना चाहिए न कि राजा के लोगों का उच्च स्वर उवाच।