प्यार सब से नही होता, पसंद तो बहुत कोई आता है ।
बाते तो बहुतो से होती है, फ्लीइंग्स वो नही आती ।
तुम्हे अपने दिल मे नीचा दिखाने के लिए ,
मिलने की इच्छा बहुतो से होती है ।
कोई बार कोशिश भी की है,
पर उनमें भी मैं तुम्हे ही ढूंढता हु ,
और जब नही मिलती हो ,
तो फिर मिलना क्या मिलाना क्या,
सब वैसे ही रह जाता है ।
फिर शर्म सी आती है ,
पर हु तो मैं इन्शान ही न ,
फिर वो गुस्सा आता है,
तुम भी तो अब नही हो ।
फिर
सब ठीक हो जाता है
NILESH
अति सुंदर
मेरा भी कभी वक़्त निकाल पढ़े
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Thank you.. Mam
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Nice one
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See my post on
https://theindiablogs.com/
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Jaroor
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क्या बात
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😊, Thank you, sir
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बेहद खूबसूरत।बस थोड़ा अक्षरों के सही चुनाव पर ध्यान दें तो कविता लाज़वाब लगेगी।
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thank you .. and sorry for late reply
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Welcome,dear!!
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