आज ही मैंने इस कहानी को पढ़ा और अपने आप को रोक नहीं पाया आपलोगों के साथ बांटने में।
कहानी इस प्रकार है :-
एक लड़का एक लड़की को मन ही मन में चाहता था। कुछ समय के इंतज़ार के पश्च्यात उसने एक दिन उस लड़की को अपने मन की बात बताई कि वह उसे बहुत चाहता और प्यार करता है।
लड़की ने कोई जवाव नहीं दिया और चली गयी। उसने मन ही मन सोचा “देखू यह कैसा प्यार है मैं इसका इम्तहान लेती हूँ”
परिणामस्वरुप शुरुआत हुई उस लडके को कष्ट देने की। कभी तीखी बाते कह कर , कभी उसके साथ दुर्व्यवहार करके , तो कभी अवहेलना करके जब जैसी इच्छा हुयी उसने उसे तकलीफ़ पहुचाई फिर भी अंत में उसने देखा लड़का उसे अब भी चाहता है। तब उसने सोचा “यह लडका सच में उसे चाहता है और प्यार करता है” किन्तु इसके बाद भी अनजाने में उसके मन में अहंकार जाग उठा उसने सोचा ऐसे कितने ही लडके उसे चाहते होंगे उसके लिए पागल होगे क्या जरुरत है यह सब झमेला लेने की सिर्फ एक व्यक्ति के साथ रही तो बाकियों का मन कौन बहलायेगा?
इधर दुनिया वालो से दूर प्रेम की आग में भीतर ही भीतर जलता और कष्ट पाता वो लड़का लगभग शेष हो गया। इसके पश्च्यात बहुत दिन गुज़र गए। इस बीच उस लड़की के पास अनेको लड़को के प्रसताव आये परन्तु उसने देखा उस एक लडके के प्यार के साथ किसी की तुलना नहीं हो सकती। इसबार लड़की ने एक कागज़ पर बहुत ही सुन्दर तरीके से लिखा “कोई अगर बहुत आसानी से सच्चा प्यार पा जाये तो वो उसका सही मूल्यांकन नहीं कर सकता।तुम्हे कष्ट देकर मैंने तुम्हे यह समझाया है।अब समय आ गया है कि तुम्हे उसका फल मिले। मैं तुम्हारा आज अपने जीवन में स्वागत करती हूँ!”
लड़की उस लडके को ढूढते ढूढते उसके घर पहुंची। धक्का देते ही दरवाजा खुल गया।घर सन्नाटे और नीरव में डुबा हुआ था। आहिस्ता आहिस्ता वो आगे बढ़ी।किसी तरह की कोई शब्द नहीं। कुछ आगे जाने के पश्च्यात उसने देखा लड़का एक टेबल पर सर झुकाए बैठा है।प्यार से मुस्कुरा कर उसने लडके को पीछे से पकडा। और कुछ समझने के पहले ही लडके का निर्जीव शरीर धरती पर गिर पडा! कलाई पर जमा हुआ रक्त साफ़ बता रहा था लड़का अब नहीं रहा लड़की समझ नहीं पा रही थी वह क्या करे तभी पास में उसे एक नीला लिफाफा पड़ा दिखाई दिया। लिफाफे से एक कागज़ का टुकड़ा निकला। कागज़ पर लिखा था “कोई अगर बहुत आसानी से सच्चा प्यार पा जाये तो वोह उसका सही मूल्यांकन नहीं कर सकता।बड़ी आसानी से अपने प्यार का इज़हार कर तुम्हारे दिए हुए कष्ट से अनजाने में ही अपने आप, मैं ध्वंग्स हो गया।अब समय आ गया है कि तुम्हे उसका फल मिले।आज मैं तुमसे विदा ले रहा हूँ !
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Really sad. We should understand the value of time and importance of love.
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जहाँ प्रेम है वहां अहंकार नहीं।नासमझी गलत रास्ते की ओर ले जाती है। दुखद कहानी। प्रेम सबके नसीब में नहीं।कुछ के नसीब में प्रेम होता भी है तो समझ नही पाते।
दुनियाँ में
अनगिनत लोग हैं
मगर प्रेम सबको नहीं मिलता,
कुछ के नसीब में प्रेम होता भी है मगर
वे समझ नही पाते और
समय निकले के बाद पूरी जिंदगी तड़पते रहते हैं।
प्रेम कोई उपहार नहीं जो दान में मिल जाए,
प्रेम कोई बिकाऊ सामान भी नहीं
जो बाजार में मिल जाए,
प्रेम दो आत्माओं का
मिलन है,
जिसने समझा उसका जीवन जन्नत,
और जिसने समझने में देर की
उसकी जिंदगी
जहन्नुम।
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Wah.. Bilkul sahi kha aapne
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dhanyawad apka.
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