सुनो, बता ना सको अल्फाज़ो में बोलकर
तो इशारा कर दिया करो
मैं पढ़ लेता हूँ आपकी आँखों को
बस इशारा कर दिया करो
दिल जब भी करे,करने को शैतानियां
जुल्फों को अपनी खुला छोड़ दिया करो
शरमाते हो आप,तो शुरुआत मैं कर दूँगा
आप होंठो को लाल करके, इशारा कर दिया करो
प्यास जब भी लगे पीने की मुझको,
जीभ दांतों मे लेकर दबा दिया करो
होंठ होंठो पर रखकर पिलाऊंगा जाम मोहब्बत का,
आप तिरशी सी निगाहों से मुझे, इशारा कर दिया करो
तड़फ रहा हो जब भी जिस्म,जिस्म से मिलने को
सामने आकर हमारे अंगड़ाईया कर दिया करो
अपने हाथ से आज़ाद करू कपड़ो से आपको ,अगर चाहत हो ऐसी
बस पल्लू गिरा कर नीचे ,थोड़ा सा इशारा कर दिया करो
ये सफर जो ज़िन्दगी का है,तूफान आते रहेंगे इसमें
साथ जियेंगे अच्छे बुरे वक़्त को,आप मुस्कुराकर हिम्मत दे दिया करो
डर जब भी लगे ,हौसला जब भी टुटे
आगोश में भर लूँगा, बाहें फेला कर इशारा कर दिया करो
तुम्हारा हुँ ,तो सिर्फ तुम्हारा ही हुँ
दिल अपने को ये बात समझा दिया करो
सुनो,बहुत दिल करता है मेरा सुनने की आपको भी
ज्यादा न सही तो, तीन लफ्ज़ ही” निलेश ” के लिए बोल दिया करो..।
#निलेश
liness with love…amazing👌👌👌
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thanks
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youre welcome friend 😊😊😊
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खूबसूरत रचना।👌👌
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Thanks
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Beautiful😌😇
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thanks
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Nice one
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Thanks
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Welcome
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