Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

Toh Pata Chale Jai Ojha Lyrics In Hindi : Poetry

जो कभी तुम मोहब्‍बत करो तो पता चले

सिद्दत से किसी को चाहो तो पता चले

यूं इश्‍क तो किया होगा तुमने भी कई दफा,

लेकिन कभी टूट के चाहो और बिखर जाओ

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

क्‍या याद है तुमको हमारी मोहब्‍बत का वो जमाना,

वो सर्द रातों में रजाई मे घुसकर मेरा तुमसे घन्‍टों बतियाना,

अरे कितने झूटे थे तुम्‍हारे वो वादे तुम्‍हारे वो Messages,

जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

जो वो जो वो Chat पढ़ के दुबारा आके मुझसे नजरे मिला सको

तो पता चले,

और जो Love you forever लिख दिया करती थी तुम हमेशा आखिर में,

तो कभी फुर्सत में आकर उस Forever शब्‍द के मायने मुझे समझा जाओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

अब तो मेरे Call-logs मे भी कहाँ नजर आती हो तुम,

वो सुबह चार बजे तक चलने वाला फसाना शायद रकीब को ही सुनाती हो तुम, और बाते तो वो भी करता होगा बेहिसाब तुमसे,

लेकिन कभी सर्द रात में फोन चार्ज में लगा के खड़े-खड़े तुमसे बतिया सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

और जो कभी तलब हो तलाश हो मेरी तरह उसे भी तुम्‍हारी अगर,

तो ब्‍लाक हो के Facebook पे बार-बार तुम्‍हारा नाम डाल के Search करता रहे तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

खैर मैं जानता हूं वो भी नहीं देख पाता होगा तुम्‍हें जख्‍मी होते हुए,

अरे आखिर कोई कैसे देख ले तुम्‍हारे कोमल बदन पर चोट लगते हुए,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

अरे यूं मरहम तो वो भी बना होगा तुम्‍हारे घावों पे,

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

लेकिन कभी तुम्‍हारी अंगुली कट जाने पर अपनी जीभ तले दबा सके,

तो पता चले,

और जिन्‍दगी तो उसने भी माना होगा तुम्‍हें,

लेकिन कभी खुदा मानके इबादत कर सके तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो जाती हो तुम उसके संग दो जहानों में,

घूमती हो उसका हाथ थामे शहर-शहर ठिकानों में,

लेकिन है हिम्‍मत तुम में अगर तो जहां किया था मुझसे ताउम्र साथ निभाने का वादा,

कभी उस विराने हो आओ तो पता चले,

हमारी मोहब्‍बत को गुमनाम तो कर दिया है तुमने हर जगह से,

लेकिन वो दरक्‍त जहाँ पे गुदा है नाम मेरा और तुम्‍हारा,

जाओ और उसे बेनाम कर आओ तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर अब तो उसके संग कई राते भी बिताई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सिरहाने उसके बैठ कर वो कहानियाँ भी सुनाई होगी तुमने,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

सुबह की चाय भी जो पीती हो उसके साथ अक्‍सर,

और बची हो हलक में थोड़ी सी भी वफा अगर,

तो वो जो मेरे मुँह लगी काफी जो मेरे साथ बैठकर पिया करती थी,

उस काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

उस मेरी मुंह लगी काफी का एक घूंट भी अपने गले से उतारकर दिखा सको तो पता चले,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

और जो कभी तुम जानना चाहो कि गमे तनहाई क्‍या है,

तो उस Cafe में जैसे मै जाता हूं अकेले जाके एक शाम बिता आओं तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर, तुम्‍हें तो शायद लगता होगा कि बर्बाद हो गया हूं मैं,

लेकिन नहीं इस गम में रहकर हर गम से आजाद हो गया हूं मैं,

अरे कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

कितना चैन और सुकून हैं उस नींद में,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो वो तकिया आंसुओं से गीला करके फिर पलट के उस पे सो सको,

तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

बड़ा मुश्किल है जमाने से अपना गम छुपाना,

जो सुबह उठकर एक झूठी मुस्‍कान लिए काम पर निकल सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

खैर यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

यूं तो तुमने भी जता दिया कि तुम्‍हें दर्द नहीं होता,

और मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

मैं भी हूं बेफिक्र इतना कि मुझे भी फर्क नहीं पड़ता,

अरे कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

कोई अफसोस नहीं है मुझे तुम्‍हारे जाने का अब,

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

Jo Kabhi Mohabbat Karo To Pata Chale

अरे तुम जाओं यार देर से ही सही कभी तुम्‍हें मेरी अहमियत तो पता चले,

लेकिन याद रखना बस इतना कि बहुत आसान है रिश्‍ते तोड़ देना,

किसी को छोड़ देना,

जो ताउम्र किसी एक‍ के होके निभा सको तो पता चले,

जो कभी मोहब्‍बत करो तो पता चले।

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