थाली में झुठा भोजन छोड़ने से पहले एक बार यह ज़रूर पढ़े .
हमे भोजन का आदर करना चाहिए . हमे अपने थाली में उतना ही भोजन लेना चाहिए ज़ितना हम खा सके.
हमारा देश एक विकाशशिल देश है.. यहाँ पे बहुत ऐसे जगह है जहा बहुत ज्यादा गरीब लोग रहते है.. हा. यह अलग बात है की ( हम सिर्फ दिवाली में 33 हजार करोर का online shopping कर लेते है -2017 ). कुछ ऐसे भी घर होते है..जहा एक दीपक भी नहीं जालता .. और तो और कही इतने पटाखे फोरे जाते है की सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है.. और कही बच्चे एक पटाखे के लिए तरस जाते है..
और भी बहुत बाते है.. और शायद आप लोग जानते भी होंगे.
हमारा देश किशनो का देश है.. यहाँ पे अमीरो से ज्यादा गारीबलोग है.. तो उनके लिए ही..
कृपया भोजन का आदर करे .
#सुला दिया माँ ने भूखे बच्चे को ये कहकर,
परियां आएंगी सपनों में रोटियां लेकर।
*हमारे भोजन का … हमारे मन पर असर….!!!*
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ये तो हम सब जानते है की अन्न/भोजन का मन पर क्या असर होता है ।
इस उद्धाहरण से हम समझ सकते है –
*” तीन महीने का प्रयोग करके देखे कि सात्विक अन्न खाने से अपने आप को एक बदलाव महसूस होने लगेगा क्योंकि जैसा अन्न वैसा मन। “*
सात्विक अन्न सिर्फ शाकाहारी भोजन नही बल्कि परमात्मा की याद में बनाया गया भोजन है .
*गुस्से से अगर खाना बनाया गया है उसे सात्विक अन्न नही कहेंगे, इसलिए खाना बनाने वालों को कभी भी नाराज, परेशान स्थिति में खाना नही बनाना चाहिए।*
*और कभी भी माँ बहनों को (या जो खाना बनाते है उनको) डांटना नहीं, उनसे कभी लड़ना नहीं क्योंकि वो kitchen में जाके और आपके ही खाने में गुस्से वाली Vibrations मिला के…..आपको ही एक घंटे में खिलाने वाले है…*.
ये ध्यान में रखने वाली अत्यन्त ही महत्वपूर्ण बात है।
किसी को डांट दो, गुस्सा कर दो और बोलो जाके खाना बनाओ…..अब….?
खाना तो हाथ बना रहा है मन क्या कर रहा है अन्दर मन तो लगतार खिन्न है -……तो वो सारे Vibration खाने के अंदर जा रहे है..
*भोजन तीन प्रकार का होता है-*
1. जो हम Hotel में खाते है
2. जो घर में माँ बनाती है और
3. जो हम मंदिर और गुरूद्वारे में खाते है
तीनो के Vibration अलग अलग होते हैं ।
🍁 *(1) जो Hotel में खाना बनाते है* उनके Vibration कैसे होते है आप खाओ और हम कमायें जो ज्यादा बाहर खाता है उसकी वृति धन कमाने के अलावा कुछ और सोच नहीं सकती है क्यूंकि वो खाना ही वही खा रहा है…
🍁 *(2) घर में जो माँ खाना बनाती है* वो बड़े प्यार से खाना बनाती है…
घर में आजकल जो धन ज्यादा आ गया है
*इसलिए घर में Cook (नौकर) रख लिए है खाना बनाने के लिए और वो जो खाना बना रहे है वो भी.. इसी सोच से कि आप खाओ हम कमाए….
एक बच्चा अपनी माँ को बोले कि..एक रोटी और खानी है तो माँ का चेहरा ही खिल जाता है।कितनी प्यार से वो एक और रोटी बनाएगी। कि मेरे बच्चे ने रोटी तो और मांगी वो उस रोटी में बहुत ज्यादा प्यार भर देती है…
अगर आप अपने Cook (नौकर) को बोलो एक रोटी और खानी है…. तो..? वो सोचेगा …रोज 2 रोटी खाते है
आज एक और चाहिए आज ज्यादा भूख लगी है
अब मेरे लिए एक कम पडेगी या ..आटा भी ख़त्म हो गया अब और आटा गुंथना पड़ेगा एक रोटी के लिए..
मुसीबत…!!!
*ऐसी रोटी नही खानी है..ऐसी रोटी खाने से..ना खाना ही भला….*
🍁 *(3) जो मंदिर और गुरूद्वारे में* खाना बनता है प्रसाद बनता है वो किस भावना से बनता है…
वो परमात्मा को याद करके खाना बनाया जाता है क्यों न हम अपने घर में परमात्मा की याद में प्रसाद बनाना शुरू कर दें.
करना क्या है – घर, रसोई साफ़, मन शांत, रसोई में अच्छे गीत (भजन-कीर्तन) चलाये और परमात्मा को याद करते हुए खाना बनाये ।
घर में जो Problem है उसके लिए जो solution है उसके बारे में परमात्मा को याद करते हुए खाना बनाये.
परमात्मा को कहे मेरे बच्चे के कल exam है, इस खाने में बहुत ताकत भर दो.! शांति भर दो.! ताकि मेरे बच्चे का मन एकदम शांत हो, ताकि उसकी सारी
टेंशन ख़तम हो जाये.
हे परमात्मा, मेरे पति को Business में बहुत टेंशन है और वो बहुत गुस्सा करते हैं, इस खाने में ऐसी शक्ति भरो, कि उनका मन शांत हो जाये…
*जैसा अन्न वैसा मन.. जादू है खाने में। असर है पकाने में।* 😋
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चेहरा बता रहा था कि मारा है भूख ने,
सब लोग कह रहे थे कि कुछ खा के मर गया.!